संदर्भ:
हाल ही में एक महत्वपूर्ण अध्ययन में, स्पेन के पोम्पेउ फैबरा विश्वविद्यालय और इटली के ट्रेंटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इंद्री लेमूर (Indri indri) की आंतों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों (माइक्रोबायोम) का पहला विस्तृत मानचित्र तैयार किया है। यह अध्ययन आईएसएमई जर्नल में प्रकाशित हुआ है, जिसमें 48 जीवाणु प्रजातियों की पहचान की गई है, जिनमें से 47 प्रजातियाँ विज्ञान के लिए पूर्णतः नई हैं।
इंद्री लेमूर के बारे में:
• सामान्य नाम: इंद्री लेमूर (स्थानीय रूप से बाबाकोटो कहा जाता है)
• वैज्ञानिक नाम: इंद्री इंद्री
• आकार: सबसे बड़ी जीवित लेमूर प्रजाति; लंबाई 60–70 सेमी; अल्पविकसित पूँछ के साथ
• आवास: मेडागास्कर के सुदूर उत्तर-पूर्वी वर्षावन (स्थानिक); समुद्र तल से 1,800 मीटर की ऊँचाई तक
• रूप-रंग: काले और सफेद रेशमी फर, जो भौगोलिक रूप से भिन्न हो सकते हैं; नुकीले चेहरे वाला गोल सिर; बड़े हाथ और पैर
• व्यवहार: दिनचर और वृक्षचर (पेड़ों पर रहने वाला)
• आहार: पत्तियों, फलों, फूलों और अन्य वनस्पतियों पर निर्भर
· जीवनकाल: जंगल में लगभग 15–18 वर्ष
• संरक्षण स्थिति:
- आवास क्षरण के कारण यह प्रजाति गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically Endangered) श्रेणी में सूचीबद्ध है (IUCN Red List)।
- इसे CITES परिशिष्ट-I में शामिल किया गया है, जिसके तहत वैज्ञानिक उद्देश्यों को छोड़कर इसके किसी भी नमूने या अंग के व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है।
सामाजिक संरचना और व्यवहार:
इंद्री छोटे पारिवारिक समूहों में रहते हैं, जो सामान्यतः संतानों सहित (monogamous) जोड़े होते हैं। ये अपनी तेज़, विशिष्ट और भावनात्मक आवाज़ों के माध्यम से संचार के लिए प्रसिद्ध हैं।
शोध का महत्व:
· इंद्री लेमूर छोटे, स्थिर परिवार समूहों में रहता है और कैद में जीवित नहीं रह सकता। एक पत्तेदार प्राइमेट के रूप में, यह वन पारिस्थितिकी में एक आवश्यक भूमिका निभाता है।
· अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला कि इंद्री लेमूर के आंतों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया मिट्टी से नहीं आते, भले ही वह मिट्टी का सेवन करता हो। ये बैक्टीरिया परिवार के सदस्यों के बीच सामाजिक संपर्क के माध्यम से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में संचारित होते हैं।
प्रत्येक इंद्री समूह में विशिष्ट प्रकार के जीवाणु पाए जाते हैं, जो यह संकेत देते हैं कि आंत माइक्रोबायोम का विकास भौगोलिक दूरी और सामाजिक अलगाव के अनुसार होता है।
इंड्री लेमूर के लिए खतरे:
- कटाई-और-जला कृषि (slash-and-burn agriculture) तथा लकड़ी की अवैध कटाई के कारण वनों का व्यापक क्षरण
- वन क्षेत्रों में बढ़ता मानव अतिक्रमण
- स्थानीय समुदायों द्वारा शिकार
ये सभी कारक इंद्री लेमूर की "गंभीर रूप से संकटग्रस्त" (Critically Endangered) स्थिति में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और उनके प्राकृतिक आवास एवं जंगल में दीर्घकालिक अस्तित्व को गंभीर रूप से खतरे में डालते हैं।
निष्कर्ष:
यह खोज इंद्री लेमूर और उसके माइक्रोबायोम के बीच सहजीवी (symbiotic) संबंध को उजागर करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि किसी प्रजाति के विलुप्त होने से उससे जुड़े अद्वितीय सूक्ष्मजीवों की जैव विविधता भी नष्ट हो सकती है। चूंकि अधिकांश पहचाने गए जीवाणु केवल इंद्री के लिए विशिष्ट हैं, इसलिए इस प्रजाति का संरक्षण एक अदृश्य सूक्ष्मजीव पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए भी आवश्यक है। इस खोज के दूरगामी प्रभाव जैव विविधता संरक्षण, विकासात्मक जीवविज्ञान और भविष्य के जैव-चिकित्सा अनुसंधान पर देखे जा सकते हैं।