संदर्भ-
हाल ही में एशियाई विकास बैंक (ADB) और विश्व बैंक (World Bank) ने बांग्लादेश को कुल 1.5 अरब डॉलर से अधिक की ऋण सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु-
· एशियाई विकास बैंक (ADB) ने बांग्लादेश को कुल 900 मिलियन डॉलर की सहायता स्वीकृत की है, जिसमें से 500 मिलियन डॉलर की नीति-आधारित सहायता बैंकिंग क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए दी जा रही है।
· इसका उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली में शासन, परिसंपत्ति गुणवत्ता और समग्र स्थिरता को बेहतर बनाना है। यह कदम बांग्लादेश के वित्तीय क्षेत्र में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाने में मदद करेगा।
· इसके अतिरिक्त, ADB ने जलवायु-लचीले और समावेशी विकास कार्यक्रम (CRIDP) के दूसरे चरण के लिए 400 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता भी दी है।
· इस परियोजना का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटना, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना और समावेशी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है।
· विश्व बैंक ने भी दो अहम परियोजनाओं के लिए कुल 640 मिलियन डॉलर की सहायता मंज़ूर की है। इसमें एक परियोजना गैस आपूर्ति में सुधार से संबंधित है, जबकि दूसरी का उद्देश्य वायु गुणवत्ता में सुधार करना है।
यह दोनों परियोजनाएं सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के उद्देश्यों से जुड़ी हैं।
बांग्लादेश को इस वित्तीय सहायता की आवश्यकता क्यों है?
1. विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव
बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) पिछले कुछ वर्षों से लगातार गिरावट का सामना कर रहा है। इसका मुख्य कारण है—
- आयात बिल में वृद्धि, विशेषकर ईंधन और खाद्यान्न के आयात में बढ़ोत्तरी।
- निर्यात और रेमिटेंस (प्रवासी आय) में अपेक्षित वृद्धि नहीं होना।
- डॉलर के मुकाबले स्थानीय मुद्रा टका का अवमूल्यन।
इस स्थिति में, देश को आयात और कर्ज चुकाने के लिए अतिरिक्त विदेशी मुद्रा की आवश्यकता पड़ी, जिसे ADB और विश्व बैंक की सहायता से आंशिक रूप से पूरा किया जा सका।
2. बैंकिंग क्षेत्र में संरचनात्मक समस्याएँ
बांग्लादेश के बैंकिंग क्षेत्र में कई संस्थागत कमजोरियाँ हैं:
- बढ़ता हुआ एनपीए (Non-Performing Assets) या फंसा हुआ ऋण।
- सरकारी बैंकों में अप्रभावी शासन व्यवस्था और कर्ज वितरण में पारदर्शिता की कमी।
- वित्तीय अनुशासन का अभाव।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए ADB का $500 मिलियन का नीति-आधारित ऋण दिया गया है जिससे बैंकिंग क्षेत्र को सुधारने की योजना है।
3. जलवायु परिवर्तन का गहरा प्रभाव
बांग्लादेश एक जलवायु-संवेदनशील देश है, जो समुद्र-स्तर वृद्धि, बाढ़, चक्रवात और तटीय कटाव जैसी समस्याओं से बुरी तरह प्रभावित होता है।
- कृषि और ग्रामीण जीवन सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
- लाखों लोगों के विस्थापन की आशंका रहती है।
इस संदर्भ में जलवायु अनुकूलन, सतत विकास और समावेशी ढाँचा निर्माण हेतु ADB ने $400 मिलियन की सहायता दी है।
4. ऊर्जा और पर्यावरण की चुनौतियाँ
- गैस आपूर्ति में अस्थिरता और औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा की कमी विकास को बाधित कर रही थी।
- वायु प्रदूषण खासकर ढाका जैसे शहरों में खतरनाक स्तर तक बढ़ चुका है।
इन समस्याओं से निपटने के लिए विश्व बैंक ने गैस आपूर्ति और वायु गुणवत्ता सुधार परियोजनाओं के लिए $640 मिलियन की सहायता मंजूर की।
एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक-
एशियाई विकास बैंक (ADB) की स्थापना 1966 में हुई थी, जिसका मुख्यालय मनीला, फिलीपींस में है। इसका उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढांचे के विकास और सतत विकास को बढ़ावा देना है।
विश्व बैंक की स्थापना 1944 में हुई थी और इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी. में है। यह संगठन वैश्विक स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में ऋण और अनुदान प्रदान करता है।
निष्कर्ष-
इस सहायता से बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ रहे दबाव को भी कुछ हद तक कम किया जा सकेगा, जो हाल के वर्षों में बाह्य ऋण और आयात निर्भरता के कारण तनाव में रहा है।