संदर्भ:
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोजगार आधारित प्रोत्साहन (ELI) योजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत ₹99,446 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य मुख्य रूप से उद्योग एवं विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है।
योजना के बारे में:
ELI योजना की घोषणा वित्त वर्ष 2024–25 के केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री की पाँच प्रमुख योजनाओं के पैकेज के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर प्रदान करना है, जिसके लिए कुल ₹2 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
योजना के उद्देश्य:
- दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करना।
- नए कर्मचारियों और उन्हें नियुक्त करने वाले नियोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- रोजगार को औपचारिक बनाना, यानी अधिक कर्मचारियों को EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के दायरे में लाना।
- विनिर्माण और श्रम-प्रधान उद्योगों को प्रोत्साहन देकर मज़बूत बनाना।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
प्रथम बार नियोजित कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन:
- ऐसे कर्मचारियों को, जिनकी मासिक वेतन ₹1 लाख तक है, एक माह की वेतन राशि (अधिकतम ₹15,000) दो किश्तों में दी जाएगी।
शर्तें:
1. पहली किश्त पाने के लिए न्यूनतम 6 माह तक कार्यरत रहना अनिवार्य।
2. दूसरी किश्त पाने के लिए 12 माह की सेवा अवधि पूर्ण करना और एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम में भाग लेना आवश्यक होगा।
नियोक्ताओं (Employers) के लिए प्रोत्साहन:
- अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करने वाले नियोक्ताओं को दो वर्षों तक प्रोत्साहन मिलेगा।
- विनिर्माण क्षेत्र के लिए यह प्रोत्साहन दो अतिरिक्त वर्षों तक बढ़ाया जाएगा।
न्यूनतम नियुक्ति की शर्तें:
- जिन नियोक्ताओं के पास 50 से कम कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 2 नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
- जिनके पास 50 या अधिक कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम 5 नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे।
- इन सभी नए कर्मचारियों को कम से कम 6 माह तक नियुक्त रखना अनिवार्य है।
पात्रता:
1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच उत्पन्न सभी नई नौकरियाँ इस योजना के तहत पात्र होंगी।
प्रोत्साहन भुगतान प्रणाली:
- कर्मचारियों को भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया जाएगा।
- नियोक्ताओं को भुगतान उनके PAN से लिंक बैंक खातों में सीधे किया जाएगा।
योजना के लाभ और प्रभाव:
- रोजगार सृजन: दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करने का लक्ष्य। इसमें से 1.92 करोड़ प्रथम बार नियोजित कर्मचारी होंगे।
- रोज़गार योग्यता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र में।
- कार्यबल का औपचारिकरण: करोड़ों युवाओं को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाकर कार्यबल को औपचारिक रूप प्रदान किया जाएगा।
निष्कर्ष:
रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना (ELI Scheme) एक परिवर्तनकारी नीति है जो रोजगार सृजन, औपचारिकरण और युवा सशक्तिकरण को एक साथ जोड़ती है। यह सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसके तहत वह न केवल रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वे रोजगार सुरक्षित, औपचारिक और उत्पादक हों — विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र में, जो भारत की आर्थिक रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ है।