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Blog / 27 Nov 2025

संयुक्त राष्ट्र महासचिव का चुनाव

संदर्भ:

संयुक्त राष्ट्र ने औपचारिक रूप से अगले महासचिव के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ कर दी है , जो वर्तमान महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का स्थान लेंगे जिनका वर्तमान कार्यकाल 31 दिसंबर 2026 को समाप्त हो रहा है। सदस्य देशों को नामांकन प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस बार ऐतिहासिक रूप से पहली महिला महासचिव के चयन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

कानूनी आधार और चयन प्रक्रिया:

      • महासचिव संयुक्त राष्ट्र के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 97 में परिभाषित है। उन्हें प्रायः चार भूमिकाओं राजनयिक, प्रवक्ता, सिविल सेवक और CEO” का समन्वित रूपमाना जाता है।
      • चयन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
        • नामांकन: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) और सुरक्षा परिषद (UNSC) के अध्यक्षों द्वारा संयुक्त पत्र जारी किए जाने के बाद सदस्य राष्ट्र आधिकारिक रूप से अपने उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित करते हैं।
        • सुरक्षा परिषद की स्क्रीनिंग: 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद गोपनीय स्ट्रॉ पोल (Straw Polls)आयोजित करती है, जिनमें सदस्य किसी उम्मीदवार के प्रति अपना रुख समर्थन”, “विरोधया कोई राय नहींके रूप में दर्ज करते हैं। परिषद के पाँच स्थायी सदस्य (P5) इस प्रक्रिया में वीटो अधिकार रखते हैं।
        • सुरक्षा परिषद की सिफारिश: किसी उम्मीदवार को औपचारिक रूप से अनुशंसित किए जाने के लिए कम से कम 9 अनुकूल मत आवश्यक होते हैं और इनमें से किसी भी स्थायी सदस्य (P5) द्वारा वीटो नहीं लगाया जाना चाहिए। यह सिफारिश एक प्रस्ताव के रूप में पारित की जाती है।
        • महासभा द्वारा नियुक्ति: 193 सदस्यीय महासभा सामान्यतः सुरक्षा परिषद की अनुशंसा को औपचारिक स्वीकृति प्रदान करते हुए उम्मीदवार की नियुक्ति को अंतिम रूप देती है।
      • महासचिव का कार्यकाल पाँच वर्ष का होता है और इसे एक बार पुनः नवीकृत किया जा सकता है। गुटेरेस वर्तमान में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। चयन प्रक्रिया में औपचारिक प्रावधानों के अतिरिक्त क्षेत्रीय संतुलन जैसी अनौपचारिक परंपराएँ भी प्रभाव डालती हैं।

Election of the Next UN Secretary-General

प्रशासनिक और कार्यकारी भूमिकाएँ:

      • महासचिव संयुक्त राष्ट्र सचिवालय के प्रमुख होते हैं और 30,000 से अधिक कर्मचारियों की कार्यप्रणाली की देखरेख करते हैं। वे लगभग 3.7 बिलियन USD के मुख्य बजट तथा 5.6 बिलियन USD के शांति स्थापना बजट के प्रबंधन के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
      • उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में शामिल हैं:
        • संयुक्त राष्ट्र की नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन
        • विश्वभर में स्थित UN कार्यालयों के समन्वय और संचालन की निगरानी
        • शांति स्थापना अभियानों के संचालन को सुचारु और परिणामदायी बनाए रखना
        • सचिवालय के प्रशासनिक ढाँचे को पारदर्शी और व्यवस्थित रूप से संचालित करना

राजनयिक और एजेंडा-निर्धारण भूमिकाएँ:

      • महासचिव वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं और संघर्षों को रोकने तथा समाधान खोजने के लिए अपने गुड ऑफिस का सक्रिय रूप से उपयोग करते हैं।
      • अनुच्छेद 99 के तहत महासचिव का यह भी दायित्व है कि अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को सुरक्षा परिषद के संज्ञान में लाएँ।
      • महासचिव अनेक वैश्विक प्राथमिकताओं पर पहल शुरू करते और नेतृत्व प्रदान करते हैं, जिनमें शामिल हैं:
        • मानवीय संकटों की प्रतिक्रिया
        • जलवायु कार्रवाई
        • सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति
        • मानवाधिकार और लैंगिक समानता का संवर्धन
      • इन पहलों के माध्यम से महासचिव संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया और समाधान क्षमता को सुदृढ़ करते हैं।

प्रतीकात्मक और वकालत संबंधी भूमिकाएँ:

      • प्रशासनिक दायित्वों के अतिरिक्त महासचिव अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नैतिक आवाज़ के रूप में भी प्रतिष्ठित माने जाते हैं। वे निम्न महत्वपूर्ण विषयों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देते हैं:
        • बहुपक्षवाद तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग
        • शांति, सुरक्षा और संघर्ष की रोकथाम
        • सतत विकास एवं मानवाधिकारों की वकालत
      • अपने भाषणों, वैश्विक अभियानों और सार्वजनिक कूटनीतिक पहलों के माध्यम से महासचिव अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रमुख वैश्विक मुद्दों को दिशा प्रदान करते हैं और उन पर सार्थक विमर्श को आगे बढ़ाते हैं।

निष्कर्ष:

संयुक्त राष्ट्र महासचिव का पद वास्तव में विशिष्ट है, क्योंकि यह कूटनीति, प्रशासनिक नेतृत्व और वैश्विक वकालत, तीनों को एकसाथ समेटे हुए है। वर्ष 2026 का चुनाव संयुक्त राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करता है, जिसके माध्यम से संगठन में लैंगिक प्रतिनिधित्व और क्षेत्रीय संतुलन को और अधिक प्रोत्साहन मिल सकता है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि महासचिव का पद अपने मूल लक्ष्य “वैश्विक शासन, शांति स्थापना और विकास को आगे बढ़ाने” की केंद्रीय भूमिका को प्रभावी रूप से निभाता रहे।