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Blog / 11 Jul 2025

डाइविंग सपोर्ट वेसल 'निस्तार'

प्रसंग:
हाल ही में भारतीय नौसेना ने अपने पहले स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) 'निस्तार' को सफलतापूर्वक भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया गया है। इसे हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) द्वारा बनाया गया है।
निस्तार के बारे में:

निस्तार एक अत्यंत विशेषीकृत युद्धपोत है, जिसे गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव अभियानों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया है। ऐसी उन्नत क्षमता केवल कुछ चुनिंदा नौसेनाओं के पास ही होती है।
निस्तारनाम संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है मुक्ति, बचाव या उद्धार।
यह जहाज 118 मीटर लंबा है और इसका वजन लगभग 10,000 टन है।
उन्नत गोताखोरी उपकरणों से युक्त यह जहाज 300 मीटर की गहराई तक सैचुरेशन डाइविंग ऑपरेशंस (गहरे समुद्र में दीर्घकालिक गोताखोरी) करने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें एक साइड डाइविंग स्टेज भी है जो 75 मीटर गहराई तक गोताखोरी मिशनों का समर्थन करता है।

मुख्य विशेषताएँ:
निस्तार की कुछ प्रमुख विशेषताएँ जो इसे भारतीय नौसेना के लिए अमूल्य बनाती हैं, निम्नलिखित हैं:

·         यह डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के लिए "मदर शिप" की भूमिका निभाती है, जो पनडुब्बी आपात स्थिति में कर्मियों को बचाने और निकालने के लिए जिम्मेदार होता है।

·         यह उन्नत रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (ROVs) से लैस है, जो समुद्र तल से 1000 मीटर की गहराई तक गोताखोरों की निगरानी और बचाव अभियानों को अंजाम देने में सक्षम हैं।

·         यह जहाज अत्यधिक मनोवनीय (maneuverable) है और आधुनिक डाइविंग उपकरणों से सुसज्जित है।

स्वदेशीकरण (इंडिजेनस कंटेंट):
निस्तार की सफल डिलीवरी भारतीय नौसेना की रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस जहाज में लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो देश की बढ़ती शिपबिल्डिंग और रक्षा निर्माण क्षमताओं को दर्शाता है।

महत्त्व:
निस्तार की तैनाती भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो उसकी गहरे समुद्र में गोताखोरी और बचाव अभियानों की क्षमताओं को मजबूत बनाती है। यह जहाज नौसेना के अभियानों और कर्मियों तथा उपकरणों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।

समुद्री रक्षा अवसंरचना को सुदृढ़ बनाना:
अब जब निस्तार भारतीय नौसेना का हिस्सा बन चुका है, जो भारत की स्वदेशी शिपबिल्डिंग क्षमता को और अधिक मजबूती देती है और नौसेना की समुद्र के अन्दर (underwater) संचालन क्षमताओं के आधुनिकीकरण और विस्तार पर केंद्रित बढ़ते प्रयासों को दर्शाती है।

हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के बारे में:
1941 में स्थापित, HSL एक प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, जो विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश में स्थित है। यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है। HSL जहाज निर्माण, जहाज मरम्मत और पनडुब्बी निर्माण में विशेषज्ञता रखता है। यह शिपयार्ड स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए फ्लीट सपोर्ट शिप्स और डाइविंग सपोर्ट वेसल्स जैसे उन्नत समुद्री प्लेटफॉर्मों की सफल डिलीवरी के लिए जाना जाता है।

निष्कर्ष:
निस्तार की तैनाती भारतीय नौसेना के लिए गर्व का क्षण है और देश की रक्षा उत्पादन क्षमताओं में हो रही प्रगति का प्रमाण है। इस जहाज की उन्नत क्षमताएँ और स्वदेशी निर्माण इसे नौसेना के लिए एक अनमोल संसाधन बनाते हैं और इसकी डिलीवरी रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।