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Blog / 25 Sep 2025

डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट नेटवर्क (DBNet)

संदर्भ:

राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) ने हाल ही में न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत दिल्ली/एनसीआर और चेन्नई में दो डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट नेटवर्क (डीबीनेट) स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। यह पहल भारत के मिशन मौसम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान को अधिक सटीक बनाना और वैश्विक जलवायु निगरानी को मज़बूत करना है।

समझौते के उद्देश्य:

·         डीबीनेट स्टेशनों की स्थापना: दिल्ली/एनसीआर और चेन्नई में दो डीबीनेट स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ये स्टेशन भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अर्थ ऑब्जर्विंग सिस्टम (EOS) उपग्रहों से सीधे प्रसारित होने वाले डेटा को प्राप्त करेंगे।

·         डेटा संग्रहण में सुधार: उपग्रह डेटा को समय पर और सटीक रूप से प्राप्त किया जा सकेगा, जिससे मौसम पूर्वानुमान और जलवायु निगरानी और बेहतर होगी।

मिशन मौसम के बारे में:

मिशन मौसम भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य देश में मौसम पूर्वानुमान और जलवायु स्थिरता (Climate Resilience) क्षमता को बढ़ाना है। इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर 2024 में मंज़ूरी दी थी। यह मिशन 2024 में शुरू होकर 2026 तक लागू किया जाएगा और इस पर लगभग ₹2,000 करोड़ का निवेश होगा।

मुख्य उद्देश्य:

1.        उन्नत मौसम निगरानी: अत्याधुनिक उपकरणों से लैस नई पीढ़ी के रडार और उपग्रहों की तैनाती की जाएगी ताकि वातावरण का बेहतर अवलोकन किया जा सके।

2.      हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग: विशाल मात्रा में मौसम संबंधी डेटा को प्रोसेस करने के लिए सुपरकंप्यूटरों का उपयोग किया जाएगा, जिससे अधिक सटीक पूर्वानुमान संभव होगा।

3.      एआई और मशीन लर्निंग का समावेश: मौसम पूर्वानुमान की सटीकता और दक्षता बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (ML) मॉडल अपनाए जाएंगे।

4.     बुनियादी ढाँचे का विस्तार: डॉपलर वेदर रडार, रेडियोसॉन्ड स्टेशन और समुद्री वेधशालाओं सहित एक विस्तृत मौसम निगरानी नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।

5.      पूर्वानुमान क्षमता में सुधार: अल्प और मध्यम अवधि के मौसम पूर्वानुमान की सटीकता बढ़ाई जाएगी, ताकि पंचायत स्तर तक 10-15 दिन पहले की भविष्यवाणी उपलब्ध कराई जा सके।

डीबीनेट के बारे में:

डायरेक्ट ब्रॉडकास्ट नेटवर्क (डीबीनेट) एक वैश्विक प्रणाली है, जिसे लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) उपग्रहों से वास्तविक समय में डेटा प्राप्त करने के लिए विकसित किया गया है।

·         यह न्यूमेरिकल वेदर प्रेडिक्शन (NWP) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मौसम पूर्वानुमान, चक्रवात निगरानी, तथा जलवायु शोध जैसी विभिन्न गतिविधियों का समर्थन करता है।

न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बारे में:

·        न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) की स्थापना 6 मार्च 2019 को हुई थी। यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (PSU) है।

·        इसका मुख्य उद्देश्य भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना है, जिसमें तकनीकी हस्तांतरण, उपग्रह उत्पादन और प्रक्षेपण सेवाएँ शामिल हैं।

मुख्य उद्देश्य:

·         तकनीकी हस्तांतरण: इसरो द्वारा विकसित तकनीकों को निजी क्षेत्र को लाइसेंस देकर व्यावसायिक उपयोग के लिए उपलब्ध कराना।

·         उपग्रह प्रक्षेपण यान निर्माण: निजी उद्योग के सहयोग से स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) का निर्माण और उत्पादन।

·         अंतरिक्ष-आधारित सेवाएँ: उपग्रह प्रक्षेपण और उससे संबंधित अनुप्रयोगों सहित अंतरिक्ष आधारित उत्पादों और सेवाओं का निर्माण, विकास और विपणन।

निष्कर्ष:

डीबीनेट स्टेशनों की स्थापना भारत की मौसम पूर्वानुमान और जलवायु निगरानी क्षमता को काफी मजबूत कर सकती है। उपग्रह डेटा को समय पर और सटीक रूप से प्राप्त करने की क्षमता बढ़ने से मौसम संबंधी भविष्यवाणियाँ और अधिक भरोसेमंद और प्रभावी होंगी। इसका सीधा लाभ कृषि, आपदा प्रबंधन, शहरी योजना और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों को मिलेगा।