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Blog / 03 Jun 2025

ध्रुव नीति

संदर्भ:
हाल ही में डाक विभाग (Department of Posts) ने एक महत्वपूर्ण नीति दस्तावेज़ ध्रुव (Digital Hub for Reference and Unique Virtual Address) जारी किया है। यह भारत में पते (addresses) के प्रबंधन और साझा करने के तरीके को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य एक राष्ट्रीय स्तर का डिजिटल पता डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) तैयार करना है।

ध्रुव DHRUVA क्या है?

ध्रुव नीति डिजीपिन (DIGIPIN) ढांचे पर आधारित है जो एक सुरक्षित, आपसी-संपर्क योग्य (interoperable) और सहमति-आधारित (consent-based) पता प्रणाली का ढांचा निर्धारित करती है। इसका लक्ष्य पते की जानकारी को आधार या UPI जैसी बुनियादी सार्वजनिक अवसंरचना (public infrastructure) के रूप में स्थापित करना है, जिससे सेवाओं की आसान और समावेशी डिलीवरी हो सके।

मुख्य विशेषताएं:

  • एड्रेस-एज़-ए-सर्विस (AaaS): एक ऐसा मॉडल जिसमें पता डेटा एक सर्विस की तरह काम करेगा, जिसे सुरक्षित रूप से विभिन्न क्षेत्रों में साझा और उपयोग किया जा सकेगा।
  • उपयोगकर्ता की स्वायत्तता: नागरिक अपने डिजिटल पते की जानकारी पर पूरा नियंत्रण रख सकेंगे,  इसे कैसे और किसके साथ साझा करना है, यह वे तय करेंगे।
  • संपूर्ण क्षेत्रीय एकीकरण: ध्रुव (DHRUVA) को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह सरकार, निजी कंपनियों और डिजिटल प्लेटफार्मों के बीच एकीकृत रूप से कार्य करे, जिससे सेवा डिलीवरी अधिक कुशल और एकसमान हो।
    इस प्रणाली का मूल आधार डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (
    DIGIPIN) है - जो एक राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड है।
  • DIGIPIN एक संरचित और दिशा-आधारित नामकरण प्रणाली (directional naming pattern) द्वारा पते खोजने का आसान और तार्किक तरीका देता है। यह प्रणाली आम जनता के लिए निःशुल्क उपलब्ध होगी और भारत के भौगोलिक (geospatial) शासन के लक्ष्यों का समर्थन करेगी।

 DHRUVA Policy

महत्व क्यों है?

पते शासन, लॉजिस्टिक्स, वित्तीय समावेशन, ई-कॉमर्स और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। फिलहाल भारत में डिजिटल पते की कोई मानकीकृत प्रणाली नहीं है। ध्रुव इस कमी को दूर करते हुए एक राष्ट्रीय डिजिटल पता परत बनाएगा जिससे पता उपयोग की दक्षता, सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।

नीति के लाभ:

  • सरकारी सेवाओं और कल्याण योजनाओं की तेज़ और सटीक डिलीवरी
  • निजी क्षेत्र और ई-कॉमर्स के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स
  • आपातकालीन और आपदा प्रतिक्रिया में सटीक स्थान जानकारी
  • डिजिटल बैंकिंग सेवाओं में पहचान और वित्तीय समावेशन का समर्थन

निष्कर्ष:

डाक विभाग ध्रुव को एक सह-निर्मित (co-created) पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में देखता है, जिसमें मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्टार्टअप्स, लॉजिस्टिक्स कंपनियों और नागरिकों की भागीदारी होगी। लक्ष्य है कि यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं की ज़रूरतों और तकनीकी विकास के साथ-साथ विकसित होती रहे।

यह नीति दस्तावेज़ सार्वजनिक सुझावों के लिए खोला गया है। सभी हितधारकों को इसमें योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे यह ढांचा और अधिक सुरक्षित, प्रासंगिक और जन-केंद्रित बन सके।