होम > Blog

Blog / 29 Oct 2025

चक्रवात मोंथा – थाई भाषा में “सुगंधित फूल” का अर्थ और इसका प्रभाव | Dhyeya IAS

सन्दर्भ:

चक्रवात मोंथा (Cyclone Montha), एक प्रबल चक्रवाती तूफान, हाल ही में भारत के पूर्वी तट से टकराया जिसका आंध्र प्रदेश और ओडिशा राज्यों पर व्यापक प्रभाव पड़ा। इस चक्रवात का नाम थाईलैंड ने दिया है। मोंथाका अर्थ थाई भाषा में सुगंधित फूलहोता है।

उत्पत्ति:

चक्रवात मोंथा की उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी में बने एक निम्न-दाब क्षेत्र से हुई, जो समुद्र की सतह पर उच्च तापमान और अनुकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण धीरे-धीरे तीव्र हुआ।

    • यह उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ता हुआ एक गंभीर चक्रवाती तूफान (Severe Cyclonic Storm) में परिवर्तित हो गया और 28 अक्टूबर 2025 को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा के निकट तट से टकराया।
    • भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, तूफान के दौरान 90–100 किमी/घंटा की सतत वायु गति दर्ज की गई, जबकि झोंकों की गति 110 किमी/घंटा तक पहुँची।

Cyclone Montha: Cyclone Montha to Hit Kakinada Oct 28

प्रभावित क्षेत्र:

चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा हुई।

    • तूफ़ानी लहरों के कारण कई तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ गई। 76,000 से ज़्यादा लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुँचाया गया और सरकार ने ड्रोन, पावर आरी और राहत सामग्री से लैस आपदा प्रतिक्रिया टीमों को सक्रिय कर दिया।
    • मोन्था इस बात पर प्रकाश डालता है कि कैसे जलवायु परिवर्तन और बढ़ते समुद्री तापमान भारत के पूर्वी तट पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि में योगदान दे रहे हैं।

चक्रवात के बारे में:

चक्रवात एक विशाल मौसमीय प्रणाली है, जिसकी विशेषता है- निम्न वायुदाब वाले क्षेत्र के चारों ओर घूमती हुई तेज़ हवाएँ।

मुख्य विशेषताएँ एवं बनने की प्रक्रिया:

    • उत्तरी गोलार्ध में चक्रवात वामावर्त (counterclockwise) दिशा में घूमते हैं, जबकि दक्षिणी गोलार्ध में दक्षिणावर्त (clockwise) दिशा में।
    • ये आम तौर पर गर्म महासागरीय जल पर बनते हैं, जहाँ समुद्र की सतह से निकलने वाली ऊष्मा और नमी उन्हें ऊर्जा प्रदान करती है।

चक्रवात समुद्र की सतह से नम हवा खींचते हैं, जो ऊपर उठकर संघनित होती है और ऊर्जा छोड़ती है, जिससे तूफान और तीव्र होता जाता है।

वर्गीकरण और नामकरण:

    • चक्रवातों के प्रकार और नाम उनके क्षेत्र और तीव्रता के आधार पर अलग-अलग होते हैं।
      उदाहरण के लिए
      • अटलांटिक महासागर में इन्हें हरिकेन (Hurricane) कहा जाता है,
      • पश्चिमी प्रशांत में टाइफून (Typhoon),
      • हिन्द महासागर में प्रायः साइक्लोन (Cyclone) कहा जाता है।

भारत (और आसपास के क्षेत्रों) में चक्रवातों का वर्गीकरण वायु गति (wind speed) के आधार पर किया जाता है:

    • चक्रवाती तूफ़ान (CS): 63-87 किमी/घंटा
    • गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (SCS): 88-117 किमी/घंटा
    • अति गंभीर चक्रवाती तूफ़ान (VSCS): 118-220 किमी/घंटा
    • अति चक्रवाती तूफ़ान (SuCS): 222 किमी/घंटा और उससे अधिक।

निष्कर्ष:

चक्रवात मोन्था तटीय भारत में जलवायु अनुकूलन और आपदा-प्रतिरोधी विकास की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है। हालांकि प्रभावी निकासी से हताहतों की संख्या न्यूनतम हुई, लेकिन आर्थिक और पारिस्थितिक नुकसान ने राष्ट्रीय नीति ढांचे में आपदा तैयारी, सामुदायिक जागरूकता और टिकाऊ तटीय प्रबंधन को एकीकृत करने के महत्व की पुष्टि की।