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Blog / 16 Jul 2025

भारतीयों से हर महीने ₹1,000 करोड़ की साइबर ठगी


संदर्भ:
गृह मंत्रालय (MHA) के ताज़ा विश्लेषण के अनुसार, भारतीय हर महीने औसतन1,000 करोड़ रूपए साइबर ठगी से गंवा रहे हैं। ये धोखाधड़ी दक्षिण-पूर्व एशिया के देशोंकंबोडिया, म्यांमार, लाओस, वियतनाम और थाईलैंड से संचालित हो रही हैं। इन घोटालों को ऐसे सुरक्षा-युक्त परिसरों से चलाया जा रहा है जो चीनी भाषा बोलने वाले साइबर अपराध सिंडिकेट के नियंत्रण में हैं।

ठगी के मुख्य प्रकार:
विश्लेषण में तीन प्रमुख प्रकार की साइबर ठगी सामने आई हैं:

1.   स्टॉक और निवेश घोटालेफर्जी निवेश प्लेटफॉर्म के ज़रिए उच्च रिटर्न का झांसा देना।

2.   डिजिटल गिरफ्तारी घोटालेखुद को सरकारी या पुलिस अधिकारी बताकर लोगों से पैसे वसूलना।

3.   कार्य आधारित और निवेश आधारित घोटालेनकली जॉब या ऑनलाइन टास्क के बहाने पैसा ठगना।

प्रणालीगत कमज़ोरियाँ उजागर हुईं:
मार्च 2025 से पहले के छह महीनों में500 करोड़ की साइबर ठगी के बाद केंद्र सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स का गठन किया। इस जांच में कई खामियाँ उजागर हुईं:

·         बैंकिंग प्रणाली,

·         आव्रजन प्रक्रिया (इमिग्रेशन),

·         और दूरसंचार व्यवस्था (टेलिकॉम) में कमजोरियाँ मिलीं।

CBI ने इस पर कार्रवाई करते हुए फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले PoS एजेंटों के खिलाफ FIR दर्ज की है, क्योंकि ये सिम कार्ड ठगी में इस्तेमाल होते हैं।

भारत सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख साइबर सुरक्षा उपाय:

1.   नेशनल साइबर सुरक्षा नीतिनागरिकों, व्यवसायों और सरकारी एजेंसियों के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस सुनिश्चित करने की रणनीति।

2.   साइबर सुरक्षित भारत अभियानसरकारी आईटी अधिकारियों और CISOs के लिए साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम।

3.   I4C (भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र)साइबर अपराधों से निपटने हेतु विशिष्ट तंत्र, जैसे थ्रेट एनालिसिस, रिपोर्टिंग पोर्टल और प्रशिक्षण केंद्र।

4.   साइबर स्वच्छता केंद्रबॉटनेट और मैलवेयर की पहचान कर सिस्टम को सुरक्षित करने में मदद करता है।

5.   CERT-In (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम)साइबर घटनाओं पर कार्रवाई करने और चेतावनी जारी करने वाली राष्ट्रीय संस्था।

6.   NCIIPCमहत्वपूर्ण ढांचों जैसे बिजली, बैंकिंग, दूरसंचार और परिवहन की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

7.   डिफेंस साइबर एजेंसी (DCyA)सशस्त्र बलों की संयुक्त इकाई जो साइबर युद्ध और निगरानी से जुड़ी कार्रवाई करती है।

निष्कर्ष:
दक्षिण-पूर्व एशिया से हो रहे साइबर अपराध भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। सरकार इस खतरे से निपटने के लिए कदम उठा रही है, जैसेअंतरराष्ट्रीय सहयोग, और अपराधियों के अड्डों की पहचान। फिर भी, आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए और अधिक प्रयासों की ज़रूरत है।