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Blog / 29 Apr 2025

क्रीमिया का रणनीतिक महत्व और ट्रंप का शांति प्रस्ताव

सन्दर्भ:

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, जिसमें अमेरिका ने क्रीमिया को रूस का आधिकारिक हिस्सा स्वीकार करने की बात की है। यह प्रस्ताव यूक्रेन में जारी युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से लाया गया है। हालांकि, यह प्रस्ताव अमेरिकी विदेश नीति की दशकों पुरानी उस नीति के विरुद्ध है, जो बलपूर्वक सीमाएं बदलने का सख्त विरोध करती रही है। इस पहल ने अंतरराष्ट्रीय कानून की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों पर इसके संभावित प्रभाव को लेकर वैश्विक चिंता भी उत्पन्न हो गई है।

रूस के लिए क्रीमिया का महत्व:

1.   समुद्री पहुंच और नौसैनिक शक्ति

                    भूमध्यसागर तक मार्ग: क्रीमिया, काला सागर के माध्यम से रूस को भूमध्यसागर तक सीधा समुद्री मार्ग प्रदान करता है, जो बोस्फोरस और डार्डानेल्स जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है।

                    रणनीतिक नौसैनिक अड्डा: सेवस्तोपोल बंदरगाह रूस के काला सागर नौसेना का मुख्यालय है। यह रूस के अन्य बंदरगाहों की तुलना में गहरे पानी वाला बंदरगाह है, जहां वर्षभर बड़े नौसैनिक जहाज़ों की तैनाती संभव होती है।

2.   गरम पानी वाले बंदरगाह:

रूसी विदेश नीति ज़ार युग से ही ऐसे बंदरगाह प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर रही है जो सर्दियों में भी बर्फ से मुक्त रहते हैं। क्रीमिया इस दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्य को पूर्ण करता है, जिसकी अवधारणा 18वीं शताब्दी में रखी गई थी और जो सोवियत काल से लेकर आज तक रूस की नीति में केंद्रीय रही है।

3.   जल सुरक्षा और उत्तर क्रीमियन नहर:

क्रीमिया का जलवायु शुष्क है और इसकी जल आवश्यकताएं मुख्यतः यूक्रेन की डनीपर नदी से आने वाली उत्तर क्रीमियन नहर पर निर्भर हैं। 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया के अधिग्रहण के बाद, यूक्रेन ने इस नहर को बंद कर दिया, जिससे क्षेत्र की लगभग 85% जल आपूर्ति बंद हो गई। 2022 में रूस की सैन्य रणनीति के तहत खेरसोन पर कब्ज़ा किया गया और नहर पर बनाए गए बांध को ध्वस्त कर जल आपूर्ति फिर से शुरू की गई।

Crimea’s Strategic Significance and Trump’s Peace Proposal

ट्रंप का प्रस्ताव और भू-राजनीतिक प्रभाव:

1.   अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव:

                    वर्ष 2014 से अमेरिका ने लगातार रूस द्वारा क्रीमिया के अधिग्रहण को अवैध माना है और उसे मान्यता देने से इनकार करता रहा है।

                    यदि अब इस नीति में परिवर्तन होता है, तो यह बलपूर्वक क्षेत्रीय अधिग्रहण को वैधता प्रदान करेगा, जिससे अंतरराष्ट्रीय कानून की नींव कमजोर पड़ेगी और अन्य देशों को भी इसी तरह की कार्रवाइयों के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।

2.    वैश्विक प्रभाव:

                    यूक्रेन की प्रतिक्रिया: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपने किसी भी क्षेत्र को छोड़ने वाले किसी भी समझौते को स्वीकार नहीं करेंगे।

                    सत्तावादी उदाहरण: विशेषज्ञों का मानना है कि यदि क्रीमिया को रूस का हिस्सा मान लिया गया तो यह बहुत गंभीर उदाहरण स्थापित करेगा, जिससे चीन जैसे देश ताइवान पर अधिक आक्रामक रुख अपना सकते हैं या दक्षिण चीन सागर में सैन्य गतिविधियों को तेज़ कर सकते हैं।

क्रीमिया प्रायद्वीप के बारे में:

विशेषता

विवरण

स्थान

पूर्वी यूरोप में, काला सागर और आज़ोव सागर से घिरा हुआ

संपर्क

उत्तर में यूक्रेन से पेरेकॉप के ज़मीन के रास्ते जुड़ा और पूर्व में केर्च जलडमरूमध्य पर बने पुल से रूस से जुड़ा

भू-राजनीतिक पड़ोसी

समुद्री रूप से रोमानिया (पश्चिम) और तुर्की (दक्षिण) के पास

प्रमुख स्थल

क्रीमियन पर्वत (आय-पेत्री शिखर), सालहिर और अल्मा जैसी छोटी नदियाँ, अरबात स्पिट जो सिवाश झीलों को आज़ोव सागर से अलग करती है।

 

निष्कर्ष:

क्रीमिया केवल एक भू-भाग नहीं, बल्कि सम्प्रभुता, सैन्य शक्ति और वैश्विक राजनीतिक प्रभाव का प्रतीक बन चुका है। ट्रंप का प्रस्ताव इस लम्बे और जटिल संघर्ष को समाप्त करने का एक संभावित मार्ग प्रस्तुत करता है, किंतु यह अंतरराष्ट्रीय नियमों की गंभीर अनदेखी करता है जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को सीधी चुनौती देता है। अब यह विश्व समुदाय पर निर्भर है कि वह समझौते के माध्यम से शांति को प्राथमिकता देता है या सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के लिए संघर्ष को जारी रखता है। किसी भी स्थिति में, क्रीमिया के भविष्य में संघर्ष का केंद्र बने रहने की संभावना है।