संदर्भ:
भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के तहत संचालित प्रमुख योजना कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) अपनी 16वीं वर्षगांठ 16 जुलाई 2025 को मना रही है। यह आयोजन नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में होगा, जिसका उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और जितिन प्रसाद सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।
CSC क्या है?
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की शुरुआत 2006 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) के अंतर्गत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के ज़रिए नागरिकों तक सरकारी सेवाएं पहुँचाना। समय के साथ CSC का स्वरूप और कार्यक्षेत्र व्यापक होता गया और यह डिजिटल समावेशन का एक मज़बूत माध्यम बन चुका है।
CSC का विकास:
- 2006: CSC की स्थापना NeGP के अंतर्गत, ताकि सरकारी सेवाएं गांवों तक पहुँचाई जा सकें।
- 2015: डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत CSC को और अधिक सेवाओं और अधिकारों से सशक्त किया गया।
CSC की प्रमुख उपलब्धियाँ:
पिछले 16 वर्षों में CSC एक वैश्विक स्तर का डिजिटल सेवा नेटवर्क बन चुका है। वर्तमान समय में 6.5 लाख से अधिक CSC केंद्र कार्यरत हैं, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में नागरिकों को विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
खासकर महिलाओं, किसानों और वंचित समुदायों को डिजिटल, वित्तीय, स्वास्थ्य और आजीविका से जुड़ी सेवाओं के माध्यम से सशक्त किया गया है।
CSC के उद्देश्य:
1. डिजिटल समावेशन: डिजिटल सेवाओं को देश के हर कोने तक पहुँचाना।
2. आर्थिक समावेशन: बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को उन लोगों तक पहुँचाना जिन्हें इनकी सबसे अधिक आवश्यकता है।
3. शिक्षा एवं कौशल विकास: ऑनलाइन शिक्षा और स्किल ट्रेनिंग के ज़रिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना।
4. सामाजिक समावेशन: विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक आम नागरिक की पहुँच सुनिश्चित करना।
CSC के ज़रिए मिलने वाली प्रमुख सेवाएं:
- ई-गवर्नेंस सेवाएं: आधार पंजीकरण और अपडेट, पैन कार्ड, राशन कार्ड, प्रमाण पत्र आदि।
- वित्तीय सेवाएं: बैंकिंग, बीमा, पेंशन और ऋण सुविधाएं।
- शैक्षणिक सेवाएं: ऑनलाइन पाठ्यक्रम, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी, छात्रवृत्ति और कौशल विकास।
- स्वास्थ्य सेवाएं: टेलीमेडिसिन, स्वास्थ्य बीमा और स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी।
- अन्य सेवाएं: बिल भुगतान, मोबाइल रिचार्ज, टिकट बुकिंग, ई-कॉमर्स सेवाएं आदि।
CSC का संचालन कैसे होता है?
CSC का संचालन ग्राम स्तर के उद्यमियों (VLE) द्वारा किया जाता है। ये स्थानीय लोग होते हैं, जिन्हें CSC स्पेशल पर्पज़ व्हीकल (SPV) द्वारा प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग दिया जाता है।
CSC-SPV VLE को आवश्यक संसाधन, तकनीक और समर्थन उपलब्ध कराता है, जिससे केंद्रों का संचालन सुचारु रूप से हो सके।
प्रभाव और लाभ
सीएससी का विभिन्न मोर्चों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है, जिनमें शामिल हैं:
· सेवाओं तक पहुंच: सीएससी सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला तक आसान और किफायती पहुंच प्रदान करते हैं, जिससे नागरिकों को सरकारी कार्यालयों तक लंबी दूरी तय करने की आवश्यकता कम हो जाती है।
· समय और लागत की बचत: स्थानीय स्तर पर सेवाएं प्रदान करके, सीएससी ग्रामीण नागरिकों के लिए समय और धन की बचत करते हैं।
· रोजगार सृजन: वीएलई ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करते हैं।
· डिजिटल समावेशन : सीएससी डिजिटल साक्षरता और समावेशन को बढ़ावा देकर डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
· आर्थिक विकास: सीएससी के माध्यम से वित्तीय सेवाओं तक पहुंच आर्थिक समावेशन और ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है।
प्रमुख चुनौतियाँ:
यद्यपि सीएससी कई क्षेत्रों में सफल रहे हैं, फिर भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें शामिल हैं:
· बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याएं: ग्रामीण क्षेत्रों में खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी और अविश्वसनीय बिजली आपूर्ति।
· प्रशिक्षण एवं सहायता : वीएलई के लिए निरंतर प्रशिक्षण एवं तकनीकी सहायता की आवश्यकता।
· जागरूकता: सीएससी पर उपलब्ध सेवाओं के बारे में नागरिकों में जागरूकता की कमी।
निष्कर्ष:
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की 16वीं वर्षगांठ, डिजिटल माध्यमों से समावेशी विकास के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रतीक है। जनभागीदारी और सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) पर आधारित यह मॉडल, भारत में डिजिटल शासन, नागरिकों तक सेवाओं की सुगम पहुँच, और सामुदायिक सशक्तिकरण का एक सशक्त मंच बन चुका है। भविष्य में CSC, विशेष रूप से ग्रामीण भारत के लिए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के नए अवसरों के द्वार खोलेगा तथा डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को और अधिक गति प्रदान करेगा।