सन्दर्भ:
वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब के लुकास चांसल और कॉर्नेलिया मोहरेन द्वारा सह-लिखित जलवायु असमानता रिपोर्ट 2025 ने हाल ही में जलवायु अन्याय के एक नए और गहरे आयाम को उजागर किया है।
मुख्य निष्कर्ष:
1. संपत्ति आधारित उत्सर्जन, उपभोग आधारित उत्सर्जन से कहीं अधिक
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- वैश्विक जनसंख्या के शीर्ष 1% लोग जिम्मेदार हैं:
- उपभोग-आधारित दृष्टिकोण (Consumption-based approach) में वैश्विक उत्सर्जन का 15%।
- स्वामित्व-आधारित दृष्टिकोण (Ownership-based approach, अर्थात निजी पूँजी स्वामित्व से जुड़ा) में वैश्विक उत्सर्जन का 41%।
- उपभोग-आधारित दृष्टिकोण (Consumption-based approach) में वैश्विक उत्सर्जन का 15%।
- इसका अर्थ यह है कि अमीरों के स्वामित्व (जैसे उद्योग, शेयर, संपत्ति) से जुड़ा कार्बन उत्सर्जन उनके व्यक्तिगत उपभोग से कहीं अधिक है।
- वैश्विक जनसंख्या के शीर्ष 1% लोग जिम्मेदार हैं:
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2. प्रति व्यक्ति उत्सर्जन में असमानता
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- उपभोग-आधारित लेखांकन (Consumption-based accounting) के अनुसार, वैश्विक शीर्ष 1% व्यक्ति का उत्सर्जन निचले 50% लोगों की तुलना में लगभग 75 गुना अधिक है।
- स्वामित्व-आधारित लेखांकन (Ownership-based accounting) में यह अंतर लगभग 680 गुना तक पहुँच जाता है जिससे यह स्पष्ट होता है कि संपत्ति जलवायु जिम्मेदारी को किस तरह बढ़ा देती है।
- उपभोग-आधारित लेखांकन (Consumption-based accounting) के अनुसार, वैश्विक शीर्ष 1% व्यक्ति का उत्सर्जन निचले 50% लोगों की तुलना में लगभग 75 गुना अधिक है।
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3. देशवार विश्लेषण (Country-Wise Insights):
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देश |
शीर्ष 1% द्वारा उत्सर्जन का हिस्सा (उपभोग-आधारित) |
शीर्ष 1% द्वारा उत्सर्जन का हिस्सा (स्वामित्व-आधारित) |
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फ्रांस |
3% |
44% |
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जर्मनी |
2% |
45% |
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अमेरिका |
6% |
43% |
जलवायु संपत्ति में असमानता:
यदि निवेश का वर्तमान पैटर्न इसी तरह जारी रहा, तो वैश्विक शीर्ष 1% के पास संपत्ति का हिस्सा आज के 38.5% से बढ़कर 2050 तक 46% तक पहुँच सकता है जिससे वैश्विक आर्थिक और जलवायु असमानता और गहराएगी।
प्रस्तावित नीतिगत उपाय:
1. कार्बन-समायोजित संपत्ति कर (Carbon-Adjusted Wealth Tax)
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- रिपोर्ट एक ऐसे कर का प्रस्ताव करती है जो संपत्ति और वित्तीय परिसंपत्तियों (Financial Assets) की कार्बन सामग्री पर आधारित हो, ताकि:
- उच्च-कार्बन क्षेत्रों में निवेश को हतोत्साहित किया जा सके।
- निजी पूँजी को हरित (ग्रीन) और कम-कार्बन परिसंपत्तियों की ओर मोड़ा जा सके।
- उच्च-कार्बन क्षेत्रों में निवेश को हतोत्साहित किया जा सके।
- रिपोर्ट एक ऐसे कर का प्रस्ताव करती है जो संपत्ति और वित्तीय परिसंपत्तियों (Financial Assets) की कार्बन सामग्री पर आधारित हो, ताकि:
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2. नए जीवाश्म ईंधन निवेश पर वैश्विक प्रतिबंध
रिपोर्ट नए घरेलू निवेशों पर, जो जीवाश्म ईंधन की खोज और उत्पादन से जुड़े हैं, वैश्विक प्रतिबंध की सिफारिश करती है।
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- यह कम-कार्बन अवसंरचना (Low-carbon infrastructure) में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक निवेश और अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय या सहकारी हरित निधियों (Green Funds) के माध्यम से साझा सार्वजनिक स्वामित्व की वकालत करती है।
- यह कम-कार्बन अवसंरचना (Low-carbon infrastructure) में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक निवेश और अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय या सहकारी हरित निधियों (Green Funds) के माध्यम से साझा सार्वजनिक स्वामित्व की वकालत करती है।
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3. सार्वजनिक हरित निवेश निधियाँ
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- रिपोर्ट सॉवरेन ग्रीन इन्वेस्टमेंट फंड्स (Sovereign Green Investment Funds) की स्थापना का सुझाव देती है, ताकि सार्वजनिक स्वामित्व वाले कम-कार्बन परिसंपत्तियाँ विकसित की जा सकें, जो:
- राज्य की क्षमता (State Capacity) को पुनर्निर्मित करें।
- हरित संक्रमण (Green Transition) के लाभों तक समान पहुँच सुनिश्चित करें।
- दीर्घकालिक सामाजिक मूल्य (Long-Term Social Value) उत्पन्न करें।
- राज्य की क्षमता (State Capacity) को पुनर्निर्मित करें।
- रिपोर्ट सॉवरेन ग्रीन इन्वेस्टमेंट फंड्स (Sovereign Green Investment Funds) की स्थापना का सुझाव देती है, ताकि सार्वजनिक स्वामित्व वाले कम-कार्बन परिसंपत्तियाँ विकसित की जा सकें, जो:
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निष्कर्ष:
जलवायु असमानता रिपोर्ट 2025 जलवायु संकट को पूँजी स्वामित्व के संकट के रूप में प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट के अनुसार, एक कार्बन-समायोजित संपत्ति कर और सार्वजनिक हरित निवेश मिलकर न्याय, समानता और स्थायित्व को जोड़ने वाले वैश्विक जलवायु समाधान का आधार बन सकते हैं।

