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Blog / 25 Nov 2025

असम समझौते की धारा 6: असमिया पहचान व संरक्षण | Dhyeya IAS विश्लेषण

संदर्भ:

23 नवंबर 2025 को असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने उच्च-स्तरीय समिति की राज्य-स्तरीय सिफारिशों पर सहमति बना ली। यह समिति जस्टिस (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता में गठित की गई थी। इस सहमति से लंबे समय से लंबित क्रियान्वयन प्रक्रिया को नई गति मिली है।

असम समझौते के खंड 6 के बारे में:

      • असम समझौते (1985) का खंड 6 यह प्रावधान करता है कि असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक और भाषाई पहचान तथा उनकी विरासत की रक्षा, संरक्षण और संवर्धन के लिए संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय प्रदान किए जाएँगे।
      • इस प्रावधान को लागू करने के लिए भारत सरकार ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुल 67 सिफारिशें प्रस्तुत कीं।
      • इन 67 सिफारिशों में से 57 को असम कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है, जबकि शेष 10 सिफारिशें अभी केंद्र सरकार के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया में हैं।

Clause 6 of the Assam Accord

असम समझौते (1985) के बारे में:

      • असम समझौता एक महत्वपूर्ण समझौता पत्रहै, जिस पर 15 अगस्त 1985 को भारत सरकार, असम सरकार और असम आंदोलन के नेताओं विशेषकर ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) तथा ऑल असम गना संग्राम परिषद (AAGSP)” ने हस्ताक्षर किए थे।
      • यह समझौता 1979 से 1985 तक चले छह वर्ष लंबे असम आंदोलन का औपचारिक समापन था, जो मुख्य रूप से बांग्लादेश से होने वाली अवैध घुसपैठ के विरोध में संचालित किया गया था।

असम समझौते के मुख्य प्रावधान:

      • कट-ऑफ तिथियाँ और विदेशी नागरिकों की पहचान
        • 1 जनवरी 1966 को आधार तिथि माना गया। जो लोग इस तिथि से पहले असम आए, उन्हें नियमित नागरिक माना जाएगा और उनके सभी अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
        • 1 जनवरी 1966 और 24 मार्च 1971 के बीच भारत में आने वालों की पहचान फॉरेनर्स एक्ट (1946) और फॉरेनर्स (ट्रिब्यूनल) ऑर्डर नियमों के तहत की जाएगी।
        • ऐसे व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे, लेकिन वे रजिस्ट्रेशन ऑफ़ फॉरेनर्स एक्ट, 1939  के तहत पंजीकरण करा सकेंगे।
        • विदेशी घोषित किए जाने के 10 वर्ष पूरे होने पर ऐसे लोगों के नाम पुनः मतदाता सूची में बहाल किए जा सकते हैं।
        • 25 मार्च 1971 या उसके बाद असम में आए लोगों को कानून के अनुसार पहचानना, हटाना और निष्कासित करनाजारी रहेगा।

निष्कर्ष:

असम सरकार और AASU के बीच हालिया सहमति असम समझौते के खंड 6 के तहत प्रदान की जाने वाली सुरक्षा को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार ने राज्य-स्तरीय सिफारिशों के लिए स्पष्ट रोडमैप तैयार किया और एक मॉनिटरिंग समिति का गठन किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार, लंबे समय से चली आ रही स्वदेशी समुदाय की मांगों के प्रति गंभीर और प्रतिबद्ध है।