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Blog / 30 Oct 2025

8वें केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना

सन्दर्भ:

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की स्थापना को मंजूरी दे दी है, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए वेतन संरचना, भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा करेगा तथा सिफारिशें प्रस्तुत करेगा। इस कदम का उद्देश्य वेतन संरचना का आधुनिकीकरण करना और सरकारी कर्मचारियों के कल्याण में सुधार लाना है।

पृष्ठभूमि और महत्व:

केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पिछला वेतन संशोधन 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था।

·         वेतन आयोग सामान्यतः लगभग हर दस वर्ष में गठित किए जाते हैं ताकि सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन संरचनाएँ महँगाई, जीवन-यापन की लागत, सेवा शर्तों में परिवर्तन और व्यापक आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप बनी रहें।

·         बढ़ती महँगाई, जीवन-यापन की ऊँची लागत, बदलते कार्य-प्रोफाइल और सार्वजनिक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा की माँग को देखते हुए 8वें वेतन आयोग की लंबे समय से प्रतीक्षा की जा रही थी।

·         लगभग 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी इस संशोधन से लाभान्वित होंगे।

8वें वेतन आयोग (CPC) की संदर्भ-शर्तों (ToR) की प्रमुख विशेषताएँ:

8वाँ वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय के रूप में गठित किया गया है, जिसमें शामिल होंगे:

·         एक अध्यक्ष

·         एक अंशकालिक (Part-time) सदस्य

·         एक सदस्य-सचिव

आयोग को अपनी सिफारिशें उसके गठन की तारीख से 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
संशोधित वेतन संरचना को 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने की संभावना है (या यही लक्ष्य तिथि निर्धारित की गई है) ताकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।

अपनी सिफारिशें तैयार करते समय आयोग को निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना होगा:

·         प्रचलित आर्थिक परिस्थितियाँ और राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Prudence) की आवश्यकता।

·         गैर-योगदान आधारित पेंशन योजनाओं की अनफंडेड देनदारियाँ।

·         राज्य सरकारों पर इसके प्रभाव (क्योंकि वे सामान्यतः केंद्र के समान वेतन संशोधन अपनाती हैं), केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSUs) और निजी क्षेत्र के वेतन बेंचमार्क पर प्रभाव।

·         उल्लेखनीय रूप से, 7वें वेतन आयोग में शामिल वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं” (Global Best Practices) से संबंधित खंड को इस बार हटा दिया गया है

निष्कर्ष:

8वें केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना केंद्र सरकार के कर्मचारियों और समग्र सरकारी कार्यबल के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाली पहल है। आयोग की सिफारिशें न केवल सरकार के वेतन और भत्तों पर होने वाले व्यय को प्रभावित करेंगी, बल्कि सरकार की प्रतिभाशाली कर्मचारियों को आकर्षित और बनाए रखने की क्षमता पर भी असर डाल सकती हैं।