संदर्भ:
हाल ही में 5 मई 2025 को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए नकद रहित उपचार योजना, 2025 को अधिसूचित किया। इसका उद्देश्य “गोल्डन ऑवर” के दौरान सड़क दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत और निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराना है। यह योजना मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162(2) के तहत शुरू की गई है, जो पीड़ितों को जीवन रक्षक इलाज बिना किसी वित्तीय बोझ के उपलब्ध कराती है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
- इस योजना के तहत किसी भी सार्वजनिक सड़क पर मोटर वाहन से हुई सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना की तारीख से सात दिनों तक ₹1.5 लाख तक का नकद रहित उपचार प्राप्त करने का अधिकार है।
- यह उपचार नामित अस्पतालों में उपलब्ध है, जिनमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल भी शामिल हैं।
- यह लाभ उन सभी पीड़ितों को मिलेगा, जिनके पास बीमा नहीं है। यदि प्रारंभिक इलाज किसी गैर-नामित अस्पताल में होता है, तो केवल स्थिरीकरण (stabilisation) की प्रक्रिया ही दिशानिर्देशों के अनुसार कवर होगी।
- योजना का मुख्य फोकस "गोल्डन ऑवर" पर है जो किसी दुर्घटना के बाद का पहला घंटा होता है, जब समय पर इलाज से जीवन बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यह परिभाषा अधिनियम की धारा 2(12A) में दी गई है।
कार्यान्वयन और निगरानी
राज्य सड़क सुरक्षा परिषद राज्य स्तर पर कार्यान्वयन की नोडल एजेंसी होगी। यह अस्पतालों को शामिल करने, पीड़ितों के इलाज का प्रबंधन करने और भुगतान की सुविधा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) से समन्वय करेगी।
अस्पताल से छुट्टी के बाद, अस्पताल को केंद्रीकृत पोर्टल पर दावा प्रस्तुत करना होगा। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी दावे की जांच कर उसे (पूरी तरह या आंशिक रूप से) स्वीकृत या अस्वीकार करेगी और कारण पोर्टल पर दर्ज किए जाएंगे। स्वीकृति के 10 दिनों के भीतर भुगतान मोटर वाहन दुर्घटना निधि से किया जाएगा।
केंद्रीय स्तर पर एक संचालन समिति योजना की निगरानी करेगी, जिसकी अध्यक्षता MoRTH के सचिव और सह-अध्यक्षता NHA के CEO करेंगे। इसमें गृह, स्वास्थ्य मंत्रालयों और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के अधिकारी सदस्य होंगे। यह समिति साल में कम से कम दो बार बैठक करेगी और राज्य परिषदों तथा कार्यान्वयन एजेंसियों से जानकारी मांग सकती है।
महत्त्व और सड़क सुरक्षा संदर्भ
भारत में दुनिया में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। वर्ष 2023 में 4.80 लाख से अधिक दुर्घटनाओं में 1.72 लाख लोगों की मौत हुई, जो 2022 की 1.68 लाख मौतों से अधिक है। यह बढ़ता हुआ आंकड़ा समय पर ट्रॉमा केयर की आवश्यकता को दर्शाता है।
• यह योजना संयुक्त राष्ट्र के सड़क सुरक्षा के लिए दशक 2021–2030 के तहत भारत की 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाने की प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
अन्य सरकारी पहलें-
• मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019: सख्त दंड लागू करता है और प्रवर्तन के लिए तकनीक का उपयोग करता है।
• e-dar(e-Detailed Accident Report) परियोजना: एक केंद्रीय दुर्घटना डेटा भंडार स्थापित करती है।
• सड़क सुरक्षा ऑडिट: अब सभी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए अनिवार्य है।
• गुड समैरिटन योजना: उन नागरिकों को इनाम देती है जो “गोल्डन ऑवर” के भीतर दुर्घटना पीड़ितों की मदद करते हैं।
निष्कर्ष-
नकद रहित उपचार योजना सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण नीति कदम है, जो बिना खर्च की चिंता के तत्काल इलाज सुनिश्चित करती है। इसका प्रभावी कार्यान्वयन भारत की सड़क सुरक्षा रणनीति में एक निर्णायक मोड़ ला सकता है।