संदर्भ:
कनाडा ने हाल ही में बिल C-3 पास किया है, जो इसके नागरिकता अधिनियम में संशोधन कर वंशानुगत नागरिकता के दायरे को बढ़ाता है और ऐतिहासिक रूप से “लॉस्ट कैनेडियन” कहे जाने वाले समूह को औपचारिक मान्यता देता है। यह सुधार लंबे समय से चली आ रही कानूनी असमानताओं को दूर करता है, जो पहले की “फर्स्ट-जेनरेशन लिमिट” के कारण उत्पन्न हुई थीं और जिसने विदेश में जन्मे कई कनाडाई नागरिक बच्चों को नागरिकता पाने से रोक दिया था।
पृष्ठभूमि:
· कुछ लोग ऐसे थे जिन्हें पुराने कनाडाई कानूनों में खामियों या भेदभाव के कारण नागरिकता नहीं मिल पाई या खोनी पड़ी।
· 2009 में लागू “पहली-पीढ़ी सीमा” के अनुसार, वंशानुगत नागरिकता केवल उन बच्चों को मिल सकती थी जिनका कनाडाई माता-पिता कनाडा में जन्मे हों या कनाडाई नागरिक बने हों।
· जिन बच्चों का जन्म विदेश में हुआ और उनके माता-पिता भी विदेश में जन्मे थे (दूसरी पीढ़ी), उन्हें नागरिकता नहीं मिलती थी।
· 2023 में एक अदालत ने इसे भेदभावपूर्ण बताया, जिससे कानून में बदलाव की जरूरत महसूस हुई।
नए कानून (बिल C-3) की मुख्य विशेषताएँ:
1. पहली-पीढ़ी सीमा हटाना
· अब विदेश में जन्मे या गोद लिए गए किसी भी बच्चे को कनाडाई माता-पिता के माध्यम से नागरिकता मिल सकती है।
· इससे पूर्व में लागू पीढ़ीगत सीमा (पहली-पीढ़ी कट-ऑफ) की समस्या दूर होगी।
2. पूर्वव्यापी मान्यता
· जो लोग पहले इस सीमा के कारण नागरिकता से वंचित रहे, उनकी नागरिकता अब वापस दी जाएगी। इससे हजारों कनाडाई को लाभ मिलेगा।
3. पर्याप्त संबंध की शर्त
· विदेश में भविष्य में जन्म के लिए, माता-पिता को बच्चे के जन्म/गोद लेने से पहले कनाडा में 1,095 दिन (3 साल) की मौजूदगी साबित करनी होगी।
· यह सुनिश्चित करता है कि माता-पिता का कनाडा के साथ मजबूत और वास्तविक संबंध बना रहे।
4. सुरक्षा उपाय
· नागरिकता प्राप्त करने में धोखाधड़ी करने वाले या गंभीर अपराध में शामिल लोगों को इस लाभ से बाहर रखा जाएगा।
न्यायसंगतता और नीति तर्क:
· ऐतिहासिक भेदभाव को दूर करना और नागरिकता के हस्तांतरण में समानता सुनिश्चित करना।
· वैश्विक दुनिया में परिवारों की बढ़ती गतिशीलता के अनुरूप कानूनी व्यवस्था बनाना।
· प्रवासी समुदाय और कनाडा की “सॉफ्ट पावर” को मजबूत करना।
· कनाडाई कानून को आधुनिक मानवाधिकार मानकों और न्यायालय के आदेशों के अनुरूप बनाना।
भारतीय मूल परिवारों के लिए प्रभाव:
1. किसे लाभ होगा?
· भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक जिनके बच्चे पहले नागरिकता से वंचित थे।
· वे परिवार जो शिक्षा, रोजगार या अस्थायी विदेशी पोस्टिंग के लिए कनाडा छोड़ चुके थे।
· कुछ “खोए हुए भारतीय-कनाडाई (Lost Indian-Canadians)” अब स्वतः नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं।
2. भविष्य में जन्म:
· विदेश में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता देने के लिए माता-पिता को पर्याप्त संबंध (Substantial Connection) की शर्त पूरी करनी होगी।
3. भारतीय कानून के साथ तालमेल:
· भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता।
· कनाडाई नागरिकता लेने पर भारतीय नागरिकता छोड़नी होगी और भारत का विदेशी नागरिक (ओसीआई) बनाना होगा।
· परिवारों को कनाडाई नागरिकता के लाभ और भारतीय नागरिकता खोने के बीच संतुलन बनाना होगा।
4. भारत–कनाडा गतिशीलता में वृद्धि की संभावना:
· यह कनाडा लौटने या प्रवासी समुदाय को मजबूत करने के लिए प्रेरित कर सकता है।
· शिक्षा और पेशेवर प्रवासन के पैटर्न पर भी इसका असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
कनाडा का नया नागरिकता कानून वंशानुगत नागरिकता में समावेशी और अधिकार-आधारित बदलाव को दर्शाता है। “खोए हुए कनाडाई (Lost Canadians)” को मान्यता देकर यह सुधार पुराने ऐतिहासिक अन्याय को दूर करता है और वैश्विक स्तर पर बढ़ती गतिशीलता के अनुरूप कानून को आधुनिक बनाता है।

