सन्दर्भ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के उन्नयन और कौशल विकास के लिए पाँच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOEs) की स्थापना को मंजूरी दी है। यह महत्वाकांक्षी योजना केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य व्यावसायिक प्रशिक्षण को अधिक आकर्षक, उद्योगोन्मुख और प्रासंगिक बनाना है। यह पहल भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
- 1,000 सरकारी आईटीआई का उन्नयन: इस योजना के तहत 1,000 सरकारी आईटीआई को हब एंड स्पोक मॉडल के माध्यम से अपग्रेड किया जाएगा, ताकि उनके पाठ्यक्रम और ट्रेड्स को समकालीन उद्योग की ज़रूरतों के अनुरूप बनाया जा सके।
- राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना: योजना के अंतर्गत पाँच राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (NSTIs) – भुवनेश्वर, चेन्नई, हैदराबाद, कानपुर और लुधियाना – की क्षमता को बढ़ाया जाएगा। इन संस्थानों में पाँच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (NCOEs) स्थापित किए जाएंगे, जो उच्च गुणवत्ता वाले कौशल प्रशिक्षण, अनुसंधान और प्रशिक्षक विकास के प्रमुख केंद्र बनेंगे।
- उद्योग-नेतृत्व वाली क्रियान्वयन व्यवस्था: सरकार ने पहली बार इंडस्ट्री-नेतृत्व वाले स्पेशल पर्पज़ व्हीकल (SPV) मॉडल को अपनाया है ताकि योजना का क्रियान्वयन परिणामोन्मुख हो सके। यह ढांचा उद्योग के साथ गहरे और दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देता है, जो न केवल योजना बनाने में बल्कि उसके प्रबंधन और क्रियान्वयन में भी मदद करता है।
वित्तीय प्रावधान:
इस योजना के लिए कुल 60,000 करोड़ रुपये के वित्तीय बजट का प्रावधान किया गया है:
- केंद्र सरकार का हिस्सा: ₹30,000 करोड़
- राज्य सरकारों का हिस्सा: ₹20,000 करोड़
- उद्योग का हिस्सा: ₹10,000 करोड़
केंद्र सरकार के हिस्से का 50% एशियाई विकास बैंक (ADB) और विश्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया जाएगा, जिससे भारत के कौशल मिशन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिलेगा।
रणनीतिक उद्देश्य:
- 20 लाख युवाओं को प्रशिक्षण: इस योजना का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों में 20 लाख युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, अक्षय ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में उद्योग से जुड़े पाठ्यक्रमों के ज़रिए प्रशिक्षित करना है।
- उद्योग और कार्यबल के बीच संतुलन: इस योजना का उद्देश्य स्थानीय युवाओं और औद्योगिक मांग के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है, ताकि एमएसएमई और बड़े उद्योगों को निरंतर प्रशिक्षित और रोजगार-योग्य श्रमिक मिल सकें।
- प्रशिक्षकों का कौशल विकास: उन्नत आईटीआई और प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से 50,000 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे देशभर में व्यावसायिक शिक्षा की गुणवत्ता और एकरूपता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
निष्कर्ष:
आईटीआई उन्नयन योजना और राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना भारत की कौशल विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम है। उद्योग से जुड़ी रणनीति, अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और युवाओं को सशक्त बनाने की सोच के साथ यह योजना न केवल आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाएगी, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर कुशल प्रतिभा का केंद्र बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी।