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Blog / 04 Sep 2025

भारती पहल

संदर्भ:

हाल ही में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) नेभारतीपहल की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करना और 100 कृषि-खाद्य एवं एग्री-टेक स्टार्टअप्स को सशक्त बनाना है। यह पहल 2030 तक भारत के कृषि निर्यात को 50 अरब डॉलर तक पहुँचाने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ की गई है।

भारती पहल के विषय में:

    • भारती पहल (भारत का कृषि प्रौद्योगिकी, लचीलापन, उन्नति और निर्यात सक्षमता हेतु इनक्यूबेशन केंद्र) एक कार्यक्रम है, जिसे कृषि-खाद्य और कृषि-तकनीक स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के लिए विकसित किया गया है।
    • इसका मुख्य उद्देश्य युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित कर उनकी प्रगति को तीव्र करना, नवाचार को बढ़ावा देना और नए निर्यात अवसर उत्पन्न करना है, जिससे भारत के कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात को मजबूती मिले।

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एपीडा के विषय में:

    • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना भारत सरकार ने 1985 के APEDA अधिनियम के अंतर्गत 1986 में की थी।
    • यह भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
    • APEDA की क्षेत्रीय उपस्थिति व्यापक है और यह देशभर के निर्यातकों को समर्थन देने के लिए विभिन्न शहरों में अपने कार्यालय संचालित करता है।

मुख्य उद्देश्य और कार्य:

    • निर्यात को बढ़ावा देना: एपीडा का मुख्य उद्देश्य भारत से कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को विकसित और बढ़ावा देना है।
    • पंजीकरण: यह अनुसूचित उत्पादों के निर्यातकों का पंजीकरण करता है तथा गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के पालन को सुनिश्चित करता है।
    • मानक और गुणवत्ता: एपीडा कृषि उत्पादों के गुणवत्ता मानक निर्धारित करता है, निरीक्षण करता है और पैकेजिंग एवं विपणन में सुधार के लिए कार्य करता है।
    • वित्तीय एवं तकनीकी सहायता: भारतीय कृषि उत्पादों की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु वित्तीय सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करता है।

भारत का कृषि निर्यात:

·        वित्त वर्ष 2024 में भारत का कृषि निर्यात लगभग 48.8 बिलियन डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 2023 के 53.2 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम है।

·        प्रमुख निर्यात में समुद्री उत्पाद (7.37 बिलियन डॉलर), चावल, मसाले (4.25 बिलियन डॉलर) और भैंस का मांस शामिल हैं।

·        भारत विश्व के कृषि व्यापार में 2.5% हिस्सेदारी के साथ 8वें स्थान पर है।

·        घरेलू खाद्य सुरक्षा नीतियाँ और रसद संबंधी चुनौतियाँ निर्यात पर प्रभाव डाल सकती हैं।

निष्कर्ष:

भारती पहल भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित कर और नवाचार को बढ़ावा देकर, यह पहल निर्यात वृद्धि को गति देने और भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में सहायक होगी। उन्नत तकनीकों और उच्च-मूल्य वर्ग के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करते हुए, भारती भारत के कृषि निर्यात परिदृश्य को बदलने तथा आर्थिक विकास में योगदान देने की क्षमता रखती है।