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Blog / 13 Jun 2025

अक्सिओम-4 मिशन

संदर्भ:
10 जून को अक्सिओम स्पेस ने अपने अक्सिओम-4 (Ax-4) मिशन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इस मिशन में भारत के अंतरिक्ष यात्री-नामित शुभांशु शुक्ला भी शामिल थे। अगर मिशन सफल होता, तो वे पृथ्वी की कक्षा में जाने वाले 40 वर्षों में पहले भारतीय और ISS (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) पर जाने वाले पहले भारतीय बनते।
अक्सिओम-4 मिशन के बारे में:
Ax-4 मिशन अक्सिओम स्पेस (एक निजी अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी) द्वारा ISS के लिए नियोजित चौथा मानवयुक्त मिशन है। यह एक व्यावसायिक मिशन है, जो NASA के नियमित ISS अभियानों से अलग है। चार सदस्यीय दल में शामिल हैं:
पैगी व्हिट्सन (कमांडर) पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री
शुभांशु शुक्ला (पायलट) भारतीय वायु सेना अधिकारी, भारत के गगनयान मिशन के लिए चयनित
स्लावोस उज़नांस्की-विस्निवेस्की पोलैंड का प्रतिनिधित्व
टोबिर कापू हंगरी का प्रतिनिधित्व
अक्सिओम स्पेस ने लॉन्च सेवा के लिए स्पेसएक्स से अनुबंध किया था, जिसमें फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन क्रू कैप्सूल का उपयोग होना था।

Why was Axiom-4 launch with Indian astronaut Shubhanshu Shukla postponed? |  Latest News India - Hindustan Times

मिशन का उद्देश्य-
दल ISS पर लगभग 14 दिन बिताता, जहां वे वैज्ञानिक, शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रयोग करते।
प्रमुख बिंदु:

डायबिटीज़ रिसर्च यह अध्ययन करेगा कि मधुमेह से पीड़ित लोग अंतरिक्ष मिशनों में कैसे सुरक्षित भाग ले सकते हैं।
साइनोबैक्टीरिया अध्ययन प्रकाश संश्लेषण करने वाले बैक्टीरिया पर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (microgravity) का प्रभाव जानना, जो जीवन-समर्थन प्रणालियों में उपयोगी हो सकते हैं।
ज़ीरो-जी इंडिकेटर एक हंस के आकार की सॉफ्ट टॉय "जॉय", जो भारत, हंगरी और पोलैंड के साझा ज्ञान और लचीलापन का प्रतीक है।
भारत के लिए महत्व
यह मिशन ISRO-NASA सहयोग को दर्शाता है। ISRO ने लगभग 10 प्रयोगों का योगदान दिया, जिनमें शामिल हैं:
सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में मांसपेशियों की क्षमता पर प्रभाव
अंतरिक्ष में स्क्रीन देखने से जुड़ी मानसिक प्रतिक्रियाएं
छह फसल बीजों की वृद्धि परिक्षण
टार्डिग्रेड परिक्षण यह अध्ययन करता है कि सूक्ष्म जीव अंतरिक्ष जैसी चरम स्थितियों में कैसे जीवित रहते हैं?
ये सभी प्रयोग मूल रूप से भारत के गगनयान मिशन के लिए बनाए गए थे, जिसकी अपेक्षित तिथि अब 2027 है। Ax-4  मिशन इन प्रयोगों से प्राप्त जानकारी के माध्यम से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
लॉन्च में देरी क्यों हुई?
लॉन्च से पहले जांच के दौरान फाल्कन 9 इंजन में लिक्विड ऑक्सीजन (LOएक्स) रिसाव का पता चला। LOX एक क्रायोजेनिक ऑक्सीकारक होता है जो इंजन में जलने के लिए जरूरी होता है। इसका रिसाव जोर पैदा करने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है और गंभीर खतरा बन सकता है।
मूल रूप से यह मिशन 29 मई को लॉन्च होना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं और मौसम के कारण इसमें कई बार देरी हुई। 12 जून को आखिरी बैकअप तारीख थी, जिसके बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
LOX रिसाव की समस्या को समझना
LOX को लगभग 90 K (-183°C) पर संग्रहित किया जाता है और यह सामान्य तापमान पर बहुत तेजी से वाष्पीकृत हो जाता है, जिससे इसे पकड़ना कठिन हो जाता है। इसके अलावा इंजन के पुर्जे आमतौर पर इन्सुलेटेड या ढके होते हैं।
ऐसे रिसावों की मरम्मत में शामिल हैं:
तापीय संकुचनजोड़ों (joints) में रिसाव सामान्य तापमान पर नहीं दिखता लेकिन ठंड में हो सकता है।
जटिल परीक्षण इसमें लिक्विड नाइट्रोजन, अल्ट्रासोनिक डिटेक्शन, थर्मल इमेजिंग, और हीलियम लीक परीक्षण शामिल हैं।
सुरक्षा प्रोटोकॉल सीधे LOX के साथ परीक्षण जोखिम भरा होता है, इसलिए जितना संभव हो इसे टाला जाता है