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Blog / 20 Nov 2025

किसी अन्य तारे पर पहली बार कोरोनल मास इजेक्शन का पता चला | Dhyeya IAS

संदर्भ:

हाल ही में खगोलविदों ने पहली बार हमारे सूर्य के अलावा किसी अन्य तारे पर कोरोनल मास इजेक्शन (CME) की घटना का प्रत्यक्ष अवलोकन किया है। यह घटना पृथ्वी से लगभग 133 प्रकाशवर्ष दूर स्थित लाल बौने तारे StKM 1–1262 पर दर्ज की गई। इस खोज का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि दर्ज किया गया CME अत्यंत ऊर्जावान था। यह सूर्य पर होने वाले सामान्य CME की तुलना में लगभग 10,000 गुना अधिक शक्तिशाली और तीव्र पाया गया।

कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) क्या होते हैं?

कोरोनल मास इजेक्शन (CME) किसी तारे की बाहरी परत कोरोना से निकलने वाला विशाल प्लाज़्मा (गैस + आवेशित कण) और चुंबकीय ऊर्जा का तीव्र विस्फोट होता है। इन्हें तारकीय गतिविधि के सबसे शक्तिशाली रूपों में से एक माना जाता है।

About Coronal Mass Ejections (CMEs):

सूर्य पर होने वाले CME का पृथ्वी पर प्रभाव:

सूर्य से उत्पन्न CME जब पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं, तो कई महत्वपूर्ण प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं:

      • उपग्रहों और संचार प्रणालियों में व्यवधान: जैसे GPS सिग्नल, रेडियो संचार या सैटेलाइट ऑपरेशन प्रभावित हो सकते हैं।
      • विद्युत् ग्रिड पर दबाव: तीव्र भू-चुंबकीय तूफान बिजली आपूर्ति नेटवर्क में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।
      • ध्रुवीय क्षेत्रों में ऑरोरा: ऊर्जावान कण वायुमण्डल से टकराकर उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर चमकदार प्रकाश, ऑरोरा उत्पन्न करते हैं।

StKM 1–1262 पर CME इतने ज्यादा शक्तिशाली क्यों हैं?

    • अत्यंत शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र
      • लाल बौने तारों में प्रायः सूर्य की तुलना में लगभग 300 गुना अधिक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र पाया जाता है।
      • इतना शक्तिशाली चुंबकीय वातावरण चुंबकीय ऊर्जा के टूटने और पुनर्संयोजन  को अत्यधिक उग्र बना देता है, जिसके परिणामस्वरूप असाधारण रूप से बड़े और उच्च-ऊर्जा वाले CME उत्पन्न होते हैं।
    • तारे का अत्यधिक तेज़ घूर्णन
      • StKM 1–1262, सूर्य की तुलना में लगभग 20 गुना अधिक गति से घूमता है।
      • इतनी तीव्र घूर्णन गति तारे के आंतरिक डायनेमो को अधिक सक्रिय करती है, जिससे चुंबकीय गतिविधि का स्तर बहुत ऊँचा हो जाता है और शक्तिशाली CME की बार-बार उत्पत्ति होती रहती है।

इस खोज का महत्व:

      •  अब तक CME केवल सूर्य पर ही दर्ज किए गए थे, जिसके कारण वैज्ञानिकों को अन्य तारों के चुंबकीय व्यवहार और गतिविधियों को समझने के लिए सूर्य को ही मॉडल के रूप में उपयोग करना पड़ता था।
      • यह हालिया खोज साबित करती है कि अब हम दूसरे तारों पर होने वाले तारकीय मौसम का भी व्यवस्थित अध्ययन कर सकते हैं। यह क्षमता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि तारकीय मौसम का सीधा प्रभाव एक्सोप्लैनेट्स के वातावरण, उनकी सतही परिस्थितियों और संभावित रहने योग्यता (habitability) पर पड़ता है।

लाल बौना (Red Dwarf) क्या होता है?

      • एक लाल बौना तारा (Red Dwarf) आकार में छोटा, अपेक्षाकृत ठंडा और बहुत कम प्रकाश उत्सर्जित करने वाला तारा होता है।ये हमारी आकाशगंगा में सबसे अधिक संख्या में पाए जाने वाले तारों की श्रेणी है। आकार और द्रव्यमान दोनों ही सूर्य से कम होते हैं।
      • इनकी सतह का तापमान लगभग 2,000–3,500 केल्विन के बीच होता है।
      • ये अपने हाइड्रोजन ईंधन को बहुत धीमी गति से जलाते हैं, जिसके कारण इनका जीवनकाल ट्रिलियन वर्षों तक हो सकता है।
      • प्रकाश अत्यंत कम होने के कारण ये नंगी आंखों से दिखाई नहीं देते। पृथ्वी के सबसे निकट स्थित तारा प्रॉक्सिमा सेंटॉरी भी एक लाल बौना है।

निष्कर्ष:

सूर्य के अलावा किसी अन्य तारे पर CME का पहली बार पता चलना खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धि है। हालाँकि लाल बौने तारे पृथ्वी जैसे ग्रहों की संभावित खोज के लिए सबसे आशाजनक माने जाते हैं। यह अवलोकन संकेत देता है कि ऐसे तारों पर होने वाली अत्यधिक उग्र चुंबकीय गतिविधियाँ उनके आसपास स्थित ग्रहों की रहने योग्य परिस्थितियों को गम्भीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।