संदर्भ:
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायु सेना (IAF) ने स्वदेशी 'अस्त्र' मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह एक बियॉन्ड विज़ुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जिसे पूरी तरह स्वदेशी रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर से लैस किया गया है।
अस्त्र BVRAAM मिसाइल के बारे में:
अस्त्र भारत की पहली स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) है, जिसे दुश्मन के विमानों को दृष्टि-सीमा (लाइन ऑफ साइट) से परे रहते हुए निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है। इस मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय वायु सेना (IAF) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से किया है। अस्त्र को सुखोई-30 एमकेआई जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों पर सफलतापूर्वक एकीकृत किया जा चुका है।
अस्त्र मिसाइल की प्रमुख विशेषताएँ:
· मारक दूरी: अस्त्र 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित हवाई लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है, जिससे यह एक दीर्घ दूरी तक मार करने वाली मिसाइल बन जाती है।
· रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर: यह मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर से युक्त है, जो विविध परिस्थितियों में लक्ष्य को सटीकता से पकड़ने की क्षमता प्रदान करता है।
· उच्च गतिशीलता: इसे अत्यधिक गति और फुर्ती से उड़ने वाले दुश्मन के लड़ाकू विमानों और ड्रोन को भी प्रभावी ढंग से नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
· नेविगेशन प्रणाली: यह उन्नत नेविगेशन और मध्य-पथ सुधार प्रणाली (mid-course correction) से लैस है, जो इसे अपने लक्ष्य तक सटीक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
· बहु-प्लेटफ़ॉर्म संगतता: अस्त्र मिसाइल को तेजस, मिराज-2000 और मिग-29 जैसे कई भारतीय लड़ाकू विमानों के साथ एकीकृत करने के लिए उपयुक्त बनाया गया है (कुछ पर भविष्य में एकीकरण प्रस्तावित है)।
अस्त्र मिसाइल का महत्व:
· रणनीतिक आत्मनिर्भरता: अस्त्र मिसाइल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की दिशा में एक अहम कदम है, जो भारत को अत्याधुनिक रक्षा तकनीकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाता है और विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता को कम करता है।
· आयात में कमी: इसके कारण भारत को विदेशी बीवीआर मिसाइलों (जैसे मीटियोर या एमराम) की आवश्यकता नहीं रह जाएगी, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास को बल मिलेगा।
· फोर्स मल्टीप्लायर: यह मिसाइल भारतीय वायु सेना की युद्धक क्षमता में कई गुना वृद्धि करती है, विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LOC) जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में वायु श्रेष्ठता स्थापित करने में सहायक सिद्ध होती है।
भारतीय रक्षा पर प्रभाव:
· हवाई सुरक्षा में सुदृढ़ता: अस्त्र मिसाइल के भारतीय लड़ाकू विमानों में समावेश से देश की वायु सुरक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे वायु क्षेत्र की निगरानी और प्रतिरक्षा पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली हो सकेगी।
· स्वदेशी रक्षा उद्योग को प्रोत्साहन: इस मिसाइल की डिज़ाइन, विकास और उत्पादन प्रक्रिया भारत के स्वदेशी रक्षा उद्योग को सशक्त बनाएगी और देश के वैज्ञानिकों, इंजीनियरों तथा रक्षा निर्माण कंपनियों को नए अवसर प्रदान करेगी।
· दुश्मनों के लिए स्पष्ट संदेश: अस्त्र की लंबी दूरी तक सटीक मार करने की क्षमता भारत की रणनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करती है और संभावित विरोधियों के लिए एक स्पष्ट और प्रभावी प्रतिरोध का संकेत देती है।
निष्कर्ष:
रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर से युक्त अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह न केवल स्वदेशी प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता का प्रमाण है, बल्कि भारतीय वायु सेना की हवाई श्रेष्ठता को भी और अधिक सुदृढ़ करता है। यह परीक्षण भारत की रणनीतिक शक्ति और तकनीकी कौशल का स्पष्ट संकेत है, जो भविष्य की रक्षा चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास के साथ करने की क्षमता दर्शाता है।