संदर्भ:
असम सरकार ने हाल ही में ‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025’ प्रस्तुत किया है। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य के अधिकांश भागों में बहुविवाह (polygamy) को स्पष्ट रूप से अपराध घोषित करना तथा एक-पत्नी प्रथा (monogamy) को कानूनी रूप से स्थापित मानक के रूप में लागू करना है।
विधेयक के प्रमुख प्रावधान:
1. बहुविवाह की परिभाषा:
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- जब कोई व्यक्ति अपनी पहली वैधानिक रूप से विद्यमान (subsisting) शादी के रहते हुए दूसरी शादी करता है; अर्थात् जब पहला विवाह न तो तलाक, न निरस्तीकरण, और न ही विधिक पृथक्करण द्वारा समाप्त हुआ हो।
- यदि कोई व्यक्ति अपनी पूर्व विवाह स्थिति को छिपाकर दूसरा विवाह करता है, तो इस आचरण को गंभीर/कठोर अपराध (aggravated offence) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- जब कोई व्यक्ति अपनी पहली वैधानिक रूप से विद्यमान (subsisting) शादी के रहते हुए दूसरी शादी करता है; अर्थात् जब पहला विवाह न तो तलाक, न निरस्तीकरण, और न ही विधिक पृथक्करण द्वारा समाप्त हुआ हो।
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2. दंड प्रावधान:
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- पहला अपराध: अधिकतम 7 वर्ष तक का कठोर कारावास तथा जुर्माना।
- यदि पूर्व विवाह छिपाया गया हो: अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास।
- अपराध की पुनरावृत्ति: पूर्व दोषसिद्धि की तुलना में दंड को दोगुना किया जाएगा।
- पहला अपराध: अधिकतम 7 वर्ष तक का कठोर कारावास तथा जुर्माना।
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3. सहायक/प्रोत्साहक व्यक्तियों के लिए दंड:
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- ऐसे व्यक्ति जो अवैध विवाह संपन्न कराते हैं (जैसे पुजारी, क़ाज़ी): अधिकतम 2 वर्ष की कैद या ₹1.5 लाख तक का जुर्माना।
- माता-पिता, अभिभावक, ग्राम प्रधान, क़ाज़ी आदि, जो छुपाने या मदद करने में शामिल हों: अधिकतम 2 वर्ष की कैद, तथा ₹1 लाख तक का जुर्माना।
- ऐसे व्यक्ति जो अवैध विवाह संपन्न कराते हैं (जैसे पुजारी, क़ाज़ी): अधिकतम 2 वर्ष की कैद या ₹1.5 लाख तक का जुर्माना।
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4. नागरिक अयोग्यता (Civic Disqualification)
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- दोषी पाए गए व्यक्ति:
- सरकारी या राज्य-सहायता प्राप्त रोजगार पाने के अयोग्य होंगे।
- राज्य सरकार की योजनाओं से वंचित रहेंगे।
- पंचायत / नगर निकाय / स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होंगे।
- सरकारी या राज्य-सहायता प्राप्त रोजगार पाने के अयोग्य होंगे।
- दोषी पाए गए व्यक्ति:
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5. अतिरिक्त-क्षेत्रीय प्रावधान (Extra-Territorial Application)
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- यदि असम का कोई निवासी राज्य से बाहर जाकर ऐसा विवाह करता है जो इस कानून का उल्लंघन करता है, तो यह विधेयक उसके लिए भी लागू माना जाएगा।
- यदि असम का कोई निवासी राज्य से बाहर जाकर ऐसा विवाह करता है जो इस कानून का उल्लंघन करता है, तो यह विधेयक उसके लिए भी लागू माना जाएगा।
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छूट और कार्यक्षेत्र:
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- विधेयक लागू नहीं होगा:
- उन व्यक्तियों पर जो अनुसूचित जनजाति (ST) के सदस्य हैं (अनुच्छेद 342 के तहत)।
- छठी अनुसूची के क्षेत्रों पर (जैसे— बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन (BTR) करबी आंगलोंग दीमा हासाओ आदि स्वायत्त क्षेत्र)।
- उन व्यक्तियों पर जो अनुसूचित जनजाति (ST) के सदस्य हैं (अनुच्छेद 342 के तहत)।
- विधेयक लागू नहीं होगा:
बहुविवाह के बारे में (About Polygamy):
बहुविवाह का अर्थ है एक ही समय में एक से अधिक जीवनसाथी होना। इसके प्रमुख रूप:
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- पोलिजिनी (Polygyny): एक पुरुष की कई पत्नियाँ।
- पोलीएंड्री (Polyandry): एक महिला के कई पति।
- ग्रुप मैरिज: कई पुरुष और महिलाएँ एक-दूसरे से विवाह संबंध में।
- पोलिजिनी (Polygyny): एक पुरुष की कई पत्नियाँ।
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विधेयक के संभावित प्रभाव:
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- विधेयक के पारित होने पर असम उन शुरुआती राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिसने बहुविवाह को सामान्य कानून में मौजूद द्विविवाह संबंधी प्रावधानों से आगे बढ़कर, स्पष्ट रूप से राज्य-स्तर पर अपराध घोषित किया है। यह कदम विवाह संबंधी कानूनी ढाँचे को अधिक कठोर और स्पष्ट बनाएगा।
- यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों को भी मजबूत कर सकता है। कानूनी सुरक्षा, दोषी को कड़ी सजा, और मुआवजा जैसे प्रावधान महिलाओं को अधिक संरक्षण प्रदान करेंगे, खासकर उन स्थितियों में जहाँ अनौपचारिक या गैर-पंजीकृत विवाहों के कारण शोषण की संभावनाएँ अधिक रहती हैं।
- राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर यह विधेयक महत्वपूर्ण बहसों को भी जन्म दे सकता है। यह व्यक्तिगत कानूनों में सुधार, धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा, तथा विवाह जैसी निजी सामाजिक प्रथाओं में राज्य की भूमिका को लेकर चर्चा को और गहरा कर सकता है।
- विधेयक के पारित होने पर असम उन शुरुआती राज्यों में शामिल हो जाएगा, जिसने बहुविवाह को सामान्य कानून में मौजूद द्विविवाह संबंधी प्रावधानों से आगे बढ़कर, स्पष्ट रूप से राज्य-स्तर पर अपराध घोषित किया है। यह कदम विवाह संबंधी कानूनी ढाँचे को अधिक कठोर और स्पष्ट बनाएगा।
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