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Blog / 12 Nov 2025

अंगोला-भारत संबंध: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक यात्रा | Dhyeya IAS

सन्दर्भ:

हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंगोला की राजकीय यात्रा की जो किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की अंगोला को पहली यात्रा थी। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने बहुआयामी सहयोग के नए क्षेत्रों में साझेदारी करने पर सहमति व्यक्त की, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में नवीन अध्याय आरंभ हुआ।

मुख्य उपलब्धियाँ:

1. सहयोग के नए क्षेत्र:

      • अंगोला ने भारत की अगुवाई वाले दो प्रमुख वैश्विक गठबंधनों में सम्मिलित होकर साझेदारी को सुदृढ़ किया
      • अंतरराष्ट्रीय बिग कैट गठबंधन: बड़ी बिल्ली प्रजातियों (जैसेशेर, बाघ, तेंदुआ) के संरक्षण, अनुसंधान तथा वित्तीय सहयोग हेतु एक बहुपक्षीय पहल।
      • वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन:  यह पहल भारत की G20 अध्यक्षता (2023) के दौरान प्रारंभ हुई थी, जिसका उद्देश्य स्वच्छ, नवीकरणीय एवं टिकाऊ जैव ईंधन  को प्रोत्साहित करना है।
      •  इससे पूर्व अंगोला अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का भी सदस्य बन चुका है, जिससे हरित ऊर्जा और ऊर्जा संक्रमण के क्षेत्र में सहयोग को और गहराई मिली है।

Key facts about Angola |ForumIAS

2. समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर:

      • मत्स्य, जलीय कृषि एवं समुद्री संसाधन :सतत समुद्री विकास, अनुसंधान और क्षमता निर्माण के लिए सहयोग को प्रोत्साहन।
      • कांसुलर मामलों पर सहयोग :राजनयिक तथा प्रवासी भारतीय सेवाओं के बीच समन्वय एवं दक्षता बढ़ाने के लिए समझौता।

3. निजी क्षेत्र की भागीदारी :

    • दोनों देशों ने इस बात पर बल दिया कि निजी क्षेत्र आर्थिक साझेदारी को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभाएगाविशेषकर परिवहन एवं अवसंरचना , कृषि, स्वास्थ्य, व्यापार, तथा कौशल एवं क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में।

रणनीतिक महत्त्व:

1. भारत के दृष्टिकोण से:

      • दक्षिणी अफ्रीका के ऊर्जा-संपन्न क्षेत्र में अपनी राजनयिक एवं आर्थिक उपस्थिति को सुदृढ़ करता है।
      • ऊर्जा कूटनीति को प्रगाढ़ बनाता है, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा व जैव ईंधन सहयोग के माध्यम से।
      • भारत-नेतृत्व वाले मंचों, ISA, IBCA एवं GBA के विस्तार से भारत की वैश्विक नेतृत्व भूमिका को प्रतिष्ठा मिलती है।

2. अंगोला के दृष्टिकोण से:

      • पश्चिमी एवं चीनी प्रभावों से परे अपनी साझेदारी को विविध बनाता है।
      • भारत की प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और हरित ऊर्जा विशेषज्ञता से लाभ प्राप्त करता है।
      • पर्यावरणीय संरक्षण एवं वन्यजीव प्रबंधन क्षमताओं को सुदृढ़ करता है।

भारतअंगोला संबंधों की पृष्ठभूमि:

राजनयिक संबंध:

    • दोनों देशों के बीच 1985 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए। यह संबंध दक्षिणदक्षिण सहयोग की भावना पर आधारित हैं।

आर्थिक संबंध:

      • भारत, अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
      • भारत को अंगोला से कुल निर्यात का लगभग 10 प्रतिशत प्राप्त होता है, जो मुख्यतः कच्चा तेल  है।
      • अंगोला, नाइजीरिया के पश्चात भारत का दूसरा सबसे बड़ा अफ्रीकी तेल आपूर्तिकर्ता है।

अंगोला के विषय में:

    • स्थान: दक्षिण अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, दक्षिण अटलांटिक महासागर के तट पर स्थित।
    • सीमाएँ: दक्षिण में नामीबिया, दक्षिण-पूर्व में ज़ाम्बिया, उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य , तथा उत्तर-पश्चिम में कांगो गणराज्य ।

निष्कर्ष :

राष्ट्रपति मुर्मू की यह यात्रा भारत-अफ्रीका सहयोग की नई दिशा का प्रतीक है, जो हरित ऊर्जा , सतत विकास और जैव विविधता संरक्षण  के सिद्धांतों पर आधारित है। यह यात्रा न केवल भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता को रेखांकित करती है बल्कि यह दक्षिणदक्षिण सहयोग की भावना को भी सशक्त बनाती है, जहाँ भारत एक उत्तरदायी, पर्यावरण संवेदनशील एवं समावेशी विकास का समर्थक राष्ट्र बनकर उभर रहा है।