होम > Blog

Blog / 22 Aug 2025

अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल

संदर्भ:

हाल ही में भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से अग्नि-5 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण सामरिक बल कमान के तहत किया गया और इसमें सभी आवश्यक तकनीकी एवं परिचालन मानकों का पालन किया गया

अग्नि-5 मिसाइल, जो डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई है, भारत के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) कार्यक्रम का हिस्सा है और इसकी मारक क्षमता लगभग 5,000 किलोमीटर तक है।

अग्नि-5 मिसाइल के विषय में:

अग्नि-5 भारत की सबसे उन्नत अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसे देश की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा निर्मित यह मिसाइल भारत की मिसाइल तकनीक में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

मुख्य विशेषताएँ:

·         प्रकार: सतह से सतह मार करने वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल

·         प्रणोदन: तीन-चरणीय ठोस ईंधन रॉकेट इंजन

·         श्रेणी: लगभग 5,000 से 5,500 किलोमीटर की मारक क्षमता

·         पेलोड क्षमता: 1.5 टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम

·         तकनीक:दागो और भूल जाओप्रणाली, जिसका अर्थ है प्रक्षेपण के बाद पुन: मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं

·         गतिशीलता: मोबाइल प्लेटफॉर्म से प्रक्षेपित, जिससे इसकी सुरक्षा और उत्तरजीविता बढ़ती है

·         नेविगेशन: उच्च-सटीकता वाले रिंग लेज़र जाइरोस्कोप एवं जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली से लैस

11 मार्च 2024 को, भारत ने तमिलनाडु के कलपक्कम से अग्नि-5 का पहला मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रिएन्ट्री व्हीकल” (MIRV) परीक्षण सफलतापूर्वक किया, जिससे इसकी एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने और छोड़ने की क्षमता प्रमाणित हुई। यह मिसाइल एक बार में तीन परमाणु हथियारों को अलग-अलग लक्ष्यों पर प्रक्षेपित कर सकती है।

Rahul Shivshankar on X: "INDIA SUCCESSFULLY TESTS N-CAPABLE AGNI-5 MISSILE  The advanced missile has a strike range of over 5,000 kilometers,  showcasing India's long-range strategic capability.  https://t.co/wY6zYFsa42" / X

अग्नि-5 मिसाइल परीक्षण के निहितार्थ :

·        यह सफल परीक्षण भारत की विश्वसनीय न्यूनतम परमाणु निवारक क्षमता की पुष्टि करता है, खासकर इसकी नो फर्स्ट यूज (कोई पहला परमाणु हमले का उपयोग नहीं) नीति के संदर्भ में। लगभग 5,500 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ, अग्नि-5 मिसाइल पूरे चीन, यूरोप के कुछ हिस्सों और एशिया के बड़े क्षेत्र को कवर करती है, जिससे भारत की निवारक शक्ति मजबूत होती है।

·        यह परीक्षण उन्नत तीन-चरणीय ठोस ईंधन वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के रखरखाव और संचालन में भारत की क्षमता को दर्शाता है। लगातार किए जा रहे परीक्षण तकनीकी परिपक्वता, बेहतर लक्ष्य सटीकता और भविष्य में मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रिइंट्री व्हीकल (MIRV) जैसे उन्नत हथियार प्रणालियों के समावेश को प्रमाणित करते हैं।

यह प्रक्षेपण क्षेत्रीय सुरक्षा तनावों, खासकर चीन के साथ, के बीच भारत का सशक्त संदेश है। साथ ही, यह भारत को एक ज़िम्मेदार परमाणु शक्ति तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा गतिशीलता का महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।

अग्नि मिसाइलों का विकास:

·        अग्नि मिसाइल श्रृंखला रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है, जो दशकों से विकसित होकर देश के सामरिक मिसाइल बलों की रीढ़ बन गई है। इसका विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा 1983 में शुरू किए गए एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के तहत शुरू हुआ।

·        पिछले एक दशक में, भारत ने अग्नि मिसाइल के विभिन्न संस्करण विकसित किए हैं, जिनमें कम दूरी की अग्नि-I से लेकर अंतरमहाद्वीपीय अग्नि-V तक शामिल हैं, और अग्नि-VI पर काम पहले से ही चल रहा है।

एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) के बारे में:

डीआरडीओ की एक दूरदर्शी पहल, एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (Integrated Guided Missile Development Programme - IGMDP) का उद्देश्य मिसाइल तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल करना था। इस कार्यक्रम में पाँच प्रमुख मिसाइल प्रणालियाँ शामिल थीं:

·         अग्नि (सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल),

·         पृथ्वी (कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल),

·         आकाश (सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल),

·         नाग (टैंक रोधी मिसाइल), और

·         त्रिशूल (कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल)।

अग्नि मिसाइल की शुरुआत एक तकनीकी प्रदर्शक (Technical Demonstrator) के रूप में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य पुनः प्रवेश वाहन (Re-entry Vehicle - RV) तकनीक का परीक्षण करना था, जो लंबी दूरी तक परमाणु हथियार पहुँचाने के लिए आवश्यक है।

निष्कर्ष:

अग्नि-5 का सफल परीक्षण भारत की सामरिक सुरक्षा और न्यूनतम परमाणु निवारक क्षमता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जैसे-जैसे क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा परिस्थितियाँ बदल रही हैं, इस प्रकार के परीक्षण भारत के मिसाइल कार्यक्रम की तकनीकी मजबूती और राष्ट्रीय रक्षा तैयारियों को बढ़ाने में उसके प्रयासों को उजागर करते हैं।