संदर्भ:
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की 8वीं महासभा 27 से 30 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली, भारत में आयोजित की जा रही है। इस सत्र में सदस्य देशों के प्रतिनिधि, मंत्री, उद्योग विशेषज्ञ तथा नागरिक समाज संगठनों के सदस्य भाग ले रहे हैं। इसका उद्देश्य विश्वभर में सौर ऊर्जा के व्यापक उपयोग को बढ़ावा देना है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि ऊर्जा तक पहुंच सभी के लिए समावेशी और समान रूप से उपलब्ध हो।
आईएसए महासभा के बारे में:
यह सभा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई है। इसमें प्रत्येक सदस्य देश के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और आमतौर पर हर वर्ष इसकी बैठक निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए आयोजित की जाती है:
• गठबंधन की रणनीतिक दिशा तय करना।
• बजट, कार्य योजनाओं और मुख्य पहलों को मंजूरी देना।
• सदस्य देशों की प्रगति की समीक्षा करना और सौर ऊर्जा के कार्यान्वयन से जुड़े कार्यक्रमों का मूल्यांकन करना।
2025 की प्रमुख विषय-वस्तुएं और फोकस क्षेत्र:
इस 8वीं महासभा में आईएसए ने कुछ प्रमुख प्राथमिकताओं पर विशेष ध्यान दिया है:
-
- समावेशी ऊर्जा पहुंच: यह रेखांकित किया गया कि सौर ऊर्जा केवल बिजली उत्पादन का साधन नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण समुदायों, महिलाओं और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण का माध्यम भी है।
- प्रौद्योगिकी, नीति और वित्त: इस सत्र के दौरान आईएसए के “ग्लोबल फ्लोटिंग सोलर फ्रेमवर्क” के शुभारंभ की योजना है, जो जल निकायों के उपयोग से सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा।
- वैश्विक दक्षिण और संवेदनशील देश: महासभा में एक सामूहिक कार्य योजना प्रस्तुत की जाएगी, जो सौर ऊर्जा के विस्तार को रोजगार सृजन, आजीविका विकास, जलवायु अनुकूलन और सामाजिक समावेशन से जोड़ेगी।
- पर्यावरणीय सुरक्षा उपाय: सौर ऊर्जा के विस्तार के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सौर परियोजनाओं के क्षेत्रों में पारिस्थितिक संतुलन और पर्यावरणीय स्थिरता बनी रहे।
- समावेशी ऊर्जा पहुंच: यह रेखांकित किया गया कि सौर ऊर्जा केवल बिजली उत्पादन का साधन नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण समुदायों, महिलाओं और वंचित वर्गों के सशक्तिकरण का माध्यम भी है।
आईएसए के बारे में:
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) एक संधि-आधारित अंतरसरकारी संगठन है, जिसका उद्देश्य विश्वभर में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है, विशेषकर उन देशों में जहां सूर्य का प्रकाश प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसकी परिकल्पना भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ़्रांस्वा ओलांद ने 30 नवंबर 2015 को पेरिस में आयोजित COP21 जलवायु सम्मेलन के दौरान की थी।
• आईएसए का मुख्यालय भारत के गुरुग्राम (हरियाणा) में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी के परिसर में स्थित है।
• इसकी सदस्यता संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के लिए खुली है, अब तक 100 से अधिक देश आईएसए के हस्ताक्षरकर्ता या सदस्य बन चुके हैं।
विजन, मिशन और प्रमुख लक्ष्य:
-
- आईएसए का विजन: “आइए, हम सब मिलकर सूर्य को और अधिक उज्ज्वल बनाएं।”
- मिशन: विश्व स्तर पर लागत-प्रभावी सौर समाधानों को लागू करना, विशेष रूप से अल्प-विकसित देशों (LDCs) और लघु द्वीपीय विकासशील राज्यों (SIDS) पर ध्यान केंद्रित करना।
- प्रमुख रणनीतिक लक्ष्य: “1000 की ओर (Towards 1000)” पहल के तहत, आईएसए का उद्देश्य वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा क्षेत्र में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना, 1 अरब (1000 मिलियन) लोगों तक ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करना और 1000 गीगावाट (1 टेरावाट) सौर क्षमता स्थापित करना है।
- आईएसए का विजन: “आइए, हम सब मिलकर सूर्य को और अधिक उज्ज्वल बनाएं।”
निष्कर्ष:
नई दिल्ली में आयोजित आईएसए की 8वीं महासभा केवल एक उच्च-स्तरीय बैठक नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा की बढ़ती भूमिका और सहयोग का प्रतीक है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए जो अभी भी ऊर्जा की कमी का सामना कर रहे हैं। 120 से अधिक देशों की सक्रिय भागीदारी और समावेश, प्रौद्योगिकी, वित्त तथा जलवायु कार्रवाई पर केंद्रित एजेंडे के साथ, यह महासभा आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा के वैश्विक विस्तार और सतत विकास की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
