हाल ही में 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 1 अगस्त, 2025 को आयोजित किए गए। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किए जाने वाले ये पुरस्कार विभिन्न भाषाओं और शैलियों में बनी उत्कृष्ट फिल्मों को सम्मानित करते हैं। योग्यता आधारित चयन और निष्पक्ष फैसलों की परंपरा के कारण, इन्हें भारत में सिनेमा का सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है।
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2025: प्रमुख विजेता सूची
श्रेणी |
विजेता / कलाकार |
फिल्म |
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता |
शाहरुख खान |
जवान |
|
विक्रांत मैसी |
बारहवीं फेल |
सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री |
रानी मुखर्जी |
मिसेज चटर्जी बनाम नॉर्वे |
सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म |
— |
बारहवीं फेल |
सर्वश्रेष्ठ निर्देशन |
सुदीप्तो सेन |
द केरल स्टोरी |
सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन |
जी.वी. प्रकाश कुमार (गीत) |
वाथी |
|
हर्षवर्धन रामेश्वर (बीजीएम) |
एनिमल |
सर्वश्रेष्ठ गीत |
कसारला श्याम |
बालगाम |
पुरुष पार्श्व गायक |
पी.वी.एन.एस. रोहित |
बेबी |
महिला पार्श्व गायिका |
शिल्पा राव |
जवान |
सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी |
प्रशांतनु महापात्र |
द केरल स्टोरी |
सर्वश्रेष्ठ संपादन |
मिधुन मुरली |
पुक्कलम |
सर्वश्रेष्ठ साउंड डिज़ाइन |
सचिन सुधाकरन और हरिहरन |
एनिमल |
सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिज़ाइन |
मोहनदास |
2018 – हर कोई हीरो है |
विशेष उल्लेख |
एम.आर. राधाकृष्णन (मिक्सर) |
एनिमल |
क्षेत्रीय भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्में
भाषा |
फिल्म शीर्षक |
हिंदी |
कटहल |
तेलुगू |
भगवंत केसरी |
तमिल |
पार्किंग |
पंजाबी |
गोडडे गोडडे चा |
उड़िया |
पुष्कर |
मराठी |
श्यामची आई |
मलयालम |
उल्लोझुक्कू |
कन्नड़ |
कंडीलु: आशा की किरण |
गुजराती |
वाश |
बंगाली |
डीप फ्रिज |
असमिया |
रोंगटापु 1982 |
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के मुख्य बिंदु:
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भारतीय फिल्म उद्योग में मौजूद विविध प्रतिभा का एक भव्य उत्सव रहे। जहाँ जवान और 12th फेल ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, वहीं पार्किंग, कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री और द केरल स्टोरी जैसी फिल्मों ने भी क्षेत्रीय भाषाओं में उत्कृष्ट फिल्म निर्माण का प्रदर्शन किया।
शाहरुख़ ख़ान की जीत, जो उनके करियर का पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार है, एक ऐतिहासिक उपलब्धि रही। उतना ही भावनात्मक और महत्वपूर्ण था रानी मुखर्जी का सम्मान, जिन्होंने मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे में अपने दमदार अभिनय से यह उपलब्धि हासिल की और देश की शीर्ष अभिनेत्रियों में अपनी पहचान और सुदृढ़ की।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने क्षेत्रीय सिनेमा को भी विशेष स्थान दिया, जिसमें तमिल, तेलुगु, मलयालम और पंजाबी भाषाओं की फिल्मों ने शीर्ष सम्मान प्राप्त किए। यह स्पष्ट करता है कि ये पुरस्कार भारतीय सिनेमा की विविधता, सांस्कृतिक समृद्धि और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।