संदर्भ:
हाल ही में भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त निवेश कार्य बल (HLJTFI) की 13वीं बैठक अबू धाबी में आयोजित हुई। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करना था, जिसमें व्यापार, निवेश और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
बैठक के मुख्य परिणाम:
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- बैठक में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई, जिसके परिणामस्वरूप द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2025 की पहली छमाही में द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार लगभग 38 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो 2024 की पहली छमाही की तुलना में 34% की वृद्धि को दर्शाता है।
- संयुक्त कार्य बल ने कई संयुक्त निवेश परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की, जिनमें भारत मार्ट (Bharat Mart) भी शामिल है, जो यूएई के जेबल अली मुक्त क्षेत्र में स्थित 2.7 मिलियन वर्ग फीट का कॉम्प्लेक्स है।
- दोनों पक्षों ने भविष्य में सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर विचार किया, जिनमें भारत के समुद्री एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों में अवसर शामिल हैं।
- भारत और यूएई के केंद्रीय बैंकों के बीच चल रही सामरिक पहलों, जिनमें स्थानीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार तथा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं (CBDC) पर सहयोग शामिल है, पर भी चर्चा हुई।
- बैठक में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई, जिसके परिणामस्वरूप द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त निवेश कार्य बल (HLJTFI) के बारे में
भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त निवेश कार्य बल (HLJTFI) की स्थापना 2013 में हुई थी, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत किया जा सके। यह निवेश अवसरों को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और निवेशकों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को हल करने का मंच प्रदान करता है।
मुख्य उद्देश्य:
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- निवेश को बढ़ावा देना: भारत और यूएई के बीच निवेश को प्रोत्साहित करना, अवसरों की पहचान करना और सहयोग को सुगम बनाना।
- आर्थिक विकास को प्रोत्साहन: दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को गहरा करना और परस्पर विकास को बढ़ावा देना।
- चुनौतियों का समाधान: दोनों देशों में निवेशकों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं का समाधान कर एक अनुकूल कारोबारी माहौल सुनिश्चित करना।
- निवेश को बढ़ावा देना: भारत और यूएई के बीच निवेश को प्रोत्साहित करना, अवसरों की पहचान करना और सहयोग को सुगम बनाना।
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) के बारे में
भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (CEPA) एक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है, जिस पर 18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षर किए गए और 1 मई 2022 को लागू किया गया।
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- यह मध्य पूर्व में भारत का पहला गहन मुक्त व्यापार समझौता है, जिसका उद्देश्य अधिकांश वस्तुओं पर शुल्क समाप्त करना और वरीयतापूर्ण बाजार पहुँच प्रदान करना है।
- इसने द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
- यह समझौता वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा और डिजिटल व्यापार को कवर करता है तथा अगले पाँच वर्षों में 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक वस्तु व्यापार और 15 अरब अमेरिकी डॉलर सेवाओं का व्यापार हासिल करने का लक्ष्य रखता है।
- यह मध्य पूर्व में भारत का पहला गहन मुक्त व्यापार समझौता है, जिसका उद्देश्य अधिकांश वस्तुओं पर शुल्क समाप्त करना और वरीयतापूर्ण बाजार पहुँच प्रदान करना है।
भारत मार्ट (Bharat Mart) के बारे में
भारत मार्ट, जिसे यूएई की प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनी DP World द्वारा बनाया जा रहा है, एक ऐसा बाज़ार होगा जो भारतीय व्यापारियों, निर्यातकों और निर्माताओं को मध्य पूर्व, अफ्रीका और यूरेशिया के बाजारों तक पहुँच प्रदान करेगा।
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- यह सुविधा मुक्त क्षेत्र (Free Zone) और मेनलैंड रिटेल मार्केट दोनों के लाभ प्रदान करेगी।
- साथ ही भारतीय कंपनियों को DP World की विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक्स सेवाओं तक पहुँच मिलेगी।
- यह परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है।
- यह सुविधा मुक्त क्षेत्र (Free Zone) और मेनलैंड रिटेल मार्केट दोनों के लाभ प्रदान करेगी।
निष्कर्ष
भारत-यूएई HLJTFI की 13वीं बैठक ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाया। निवेश को बढ़ावा देने, समस्याओं के समाधान और नए सहयोग क्षेत्रों की खोज पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह बैठक भारत और यूएई की बढ़ती साझेदारी का प्रतिबिंब थी। जैसे-जैसे दोनों देश साथ मिलकर काम करते रहेंगे, HLJTFI इस क्षेत्र में विकास और प्रगति को आगे बढ़ाने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।