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Daily-mcqs 30 Apr 2025

यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs 30 Apr 2025

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यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs

Q1:

निम्नलिखित में से कौन सी विशेषताएँ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 से सम्बंधित हैं?

1.     यह सर्वोच्च न्यायालय को किसी भी मामले में "पूर्ण न्याय" करने का अधिकार प्रदान करता है।

2.     यह सर्वोच्च न्यायालय को न्याय के हित में विधायी कानूनों को रद्द करने का अधिकार देता है।

3.     यह नागरिक और आपराधिक मामलों दोनों पर लागू होता है।

4.     यह उच्च न्यायालयों को उनके क्षेत्राधिकार में समान शक्ति प्रदान करता है।

उपरोक्त में से कितने सही हैं

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

कथन 1, 2 और 3 सही हैं। अनुच्छेद 142 सर्वोच्च न्यायालय को केवल "पूर्ण न्याय" सुनिश्चित करने के लिए एक अद्वितीय संवैधानिक शक्ति प्रदान करता है (यह उच्च न्यायालयों को नहीं दी गई है) और यह कानूनी क्षेत्रोंनागरिक या आपराधिकमें लागू होता है। हालांकि, उच्च न्यायालयों को अनुच्छेद 142 की शक्तियाँ नहीं मिलती हैं, हालांकि उनके पास आपराधिक मामलों के लिए धारा 482 सीआरपीसी के तहत समान अंतर्निहित शक्तियाँ होती हैं। इसलिए, केवल तीन कथन सही हैं।


                            

Q2:

भारत के रक्षा व्यय के बारे में सिपरी (SIPRI 2024) रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1.     भारत वैश्विक स्तर पर पाँचवाँ सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है।

2.     भारत रक्षा पेंशन और वेतन से अधिक पूंजीगत खरीद पर खर्च करता है।

3.     भारत का रक्षा बजट इसके जीडीपी का 2.5% है।

4.     भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है।

उपरोक्त में से कितने सही हैं

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

कथन 1 और 4 सही हैं। भारत रक्षा खर्च में वैश्विक स्तर पर पाँचवें स्थान पर है और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है, जो इसके सीमित स्वदेशी रक्षा उत्पादन को दर्शाता है। कथन 2 गलत है: रक्षा बजट का केवल 22% पूंजीगत खरीद पर खर्च किया जाता है, जबकि अधिकांश राशि वेतन और पेंशन पर खर्च होती है। कथन 3 भी गलत है: भारत का रक्षा खर्च जीडीपी का 1.9% है, 2.5% नहीं। इसलिए, केवल दो कथन सही हैं।


                            

Q3:

निम्नलिखित में से कौन सा कथन राफेल मरीन (Rafale M) विमान के बारे में सही है?

A: यह एक ट्विन-इंजन, 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर है

B: इसे विशेष रूप से भूमि-आधारित अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है

C: यह एक विमानवाहक पोत-सक्षम 4.5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट है

D: इसका भारतीय वायु सेना संस्करण से कोई समानता नहीं है

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

राफेल एम, डसॉल्ट राफेल का नौसैनिक संस्करण है, जो विमानवाहक पोतों पर कम दूरी से उड़ान भरने और अरेस्टेड लैंडिंग करने में सक्षम है। यह 4.5वीं पीढ़ी की श्रेणी में आता है, न कि 5वीं पीढ़ी में।
यह भारतीय वायु सेना संस्करण के साथ इंटरऑपरेबिलिटी (परस्पर संचालन क्षमता) के लाभ प्रदान करता है, जिसमें समान एवियोनिक्स, प्रशिक्षण और रखरखाव ढांचा शामिल है, जो संयुक्त अभियानों और लॉजिस्टिक्स दक्षता को बेहतर बनाता है।


                            

Q4:

निम्नलिखित में से कितने शब्द अपने अर्थ के साथ सही सुमेलित हैं?

शब्द

अर्थ

(a) प्रो बोनो

जनहित याचिका

(b) क्वाशिंग

कानूनी कार्यवाही का निरस्तीकरण

(c) रीक्यूज़ल

न्यायालय द्वारा आरोपों का खारिज किया जाना

(d) कंपाउंडेबल अपराध

समाज के खिलाफ अपराध

 

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

क्वाशिंग का अर्थ है एफआईआर या कार्यवाही को न्यायालय के आदेश द्वारा कानूनी रूप से निरस्त करना।
प्रो बोनो का अर्थ है नि:शुल्क कानूनी सेवा प्रदान करना, न कि जनहित याचिका।
रीक्यूज़ल का अर्थ है किसी न्यायाधीश द्वारा किसी मामले से स्वयं को अलग करना।
कंपाउंडेबल अपराध सामान्यतः व्यक्तिगत हानि होते हैं, समाज के विरुद्ध अपराध नहीं।


अतः केवल (b) सही है।


                            

Q5:

हाल ही में शरीया अदालतों पर आए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1.     शरिया अदालतों को भारत की विधिक व्यवस्था के तहत वैध न्यायिक निकायों के रूप में मान्यता प्राप्त है।

2.     शरिया अदालतों द्वारा दिए गए निर्णय विधिक रूप से लागू नहीं होते।

3.     शरिया अदालतों को अपने निर्णयों को लागू करने के लिए बाध्यकारी उपाय अपनाने का अधिकार है।

उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं?

 

A: केवल 1 और 2

B: केवल 2

C: केवल 2 और 3

D: 1, 2 और 3

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में यह स्पष्ट किया गया है कि शरिया अदालतें, यद्यपि व्यक्तियों को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं, लेकिन भारत में उनकी कोई कानूनी वैधता नहीं है, और उनके निर्णय विधिक रूप से बाध्यकारी नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, वे अपने निर्णयों को लागू करने के लिए कोई बाध्यकारी उपाय नहीं अपना सकतीं। कथन 1 गलत है क्योंकि शरिया अदालतों को भारतीय कानून के तहत न्यायिक वैधता प्राप्त नहीं है और कथन 3 भी गलत है क्योंकि ये अदालतें अपने निर्णयों को बलपूर्वक लागू नहीं कर सकतीं।