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Daily-mcqs 26 Jun 2025
Q1:
भारत में अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes - STs) के बारे में निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं? 1. इन्हें संविधान के अनुच्छेद 366(25) के तहत परिभाषित किया गया है। 2. इन्हें संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अधिसूचित किया गया है। 3. इन्हें पहली बार 2001 के बाद सकारात्मक भेदभाव (affirmative action) के तहत मान्यता दी गई थी।
A: केवल 1 और 2
B: केवल 2 और 3
C: केवल 1 और 3
D: 1, 2 और 3
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
अनुसूचित जनजातियों को संविधान के अनुच्छेद 366(25) के अंतर्गत परिभाषित किया गया है और अनुच्छेद 342 के तहत अधिसूचित किया गया है। ये प्रावधान संविधान के 1950 में लागू होने के समय से ही मौजूद हैं।
अनुसूचित जनजातियों को संविधान लागू होने के समय से ही सकारात्मक भेदभाव के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है, न कि 2001 के बाद।
Q2:
चांदीपुरा वायरस (CHPV) के सन्दर्भ में, निम्नलिखित में से कितने कथन सही हैं? 1. CHPV की पहचान पहली बार 1965 में आंध्र प्रदेश में बुखार से पीड़ित मामलों से हुई थी। 2. यह मुख्य रूप से 40 वर्ष से अधिक आयु की वयस्क आबादी को प्रभावित करता है। 3. यह वायरस रैब्डोविरिडी (Rhabdoviridae) परिवार से संबंधित है। 4. सैंड फ्लाई (बालू मक्खी) को CHPV के संभावित वाहक (vector) माना जाता है। विकल्प:
A: केवल 1
B: केवल 2
C: केवल 3
D: सभी चार
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
कथन 3 और 4 सही हैं — CHPV रैब्डोविरिडी (Rhabdoviridae) परिवार का एक सदस्य है और इसे सैंड फ्लाई द्वारा प्रसारित किया जाने वाला संभावित वायरस माना जाता है।
कथन 1 गलत है — वायरस की पहली बार पहचान महाराष्ट्र में हुई थी, न कि आंध्र प्रदेश में।
कथन 2 भी गलत है — CHPV मुख्य रूप से 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है, न कि वयस्कों को।
Q3:
निम्नलिखित में से कौन-से कथन CAR T-सेल थेरेपी के संबंध में सही हैं? 1. यह प्रक्रिया रोगी की T कोशिकाओं को शरीर से बाहर संशोधित करने पर आधारित होती है। 2. इसका मुख्य उपयोग ऑटोइम्यून बीमारियों के इलाज में किया जाता है। 3. यह वर्तमान में बहुत महंगी है और इसके लिए अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता होती है।
A: केवल 1 और 2
B: केवल 1 और 3
C: केवल 2 और 3
D: 1, 2 और 3
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
CAR T-सेल थेरेपी का पारंपरिक रूप से उपयोग कैंसर के इलाज में किया जाता है, न कि मुख्य रूप से ऑटोइम्यून बीमारियों के लिए (कथन 2 गलत है)। इस प्रक्रिया में रोगी की T कोशिकाओं को शरीर से बाहर निकालकर जैव-इंजीनियरिंग की जाती है और फिर उन्हें शरीर में पुनः प्रविष्ट कराया जाता है।
यह थेरेपी बहुत महंगी होती है और इसके लिए अस्पताल में भर्ती आवश्यक होती है, विशेष रूप से कीमोथेरेपी और दुष्प्रभावों के प्रबंधन के कारण।
Q4:
सतत विकास रिपोर्ट 2025 (SDG Index) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. भारत ने पहली बार SDG सूचकांक में शीर्ष 100 देशों में स्थान प्राप्त किया है। 2. संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क (UN SDSN) द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत का कुल स्कोर 74.4 रहा है। 3. वैश्विक स्तर पर केवल 17% सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के 2030 तक प्राप्त होने की संभावना है। उपरोक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
A: केवल 1 और 2
B: केवल 1 और 3
C: केवल 2 और 3
D: उपरोक्त सभी
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
Q5:
AMR (Antimicrobial Resistance) से आप क्या समझते हैं?
A: जब मनुष्य किसी दवा का अधिक मात्रा में सेवन करता है
B: जब प्रतिजैविक (Antibiotic) दवाएं बैक्टीरिया को तेज़ी से खत्म कर देती हैं
C: जब सूक्ष्मजीव (बैक्टीरिया, वायरस आदि) प्रतिजैविक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं
D: जब किसी रोग में एंटीबायोटिक का प्रयोग नहीं किया जाता
उत्तर: C
स्पष्टीकरण:
AMR (Antimicrobial Resistance) वह जैविक प्रक्रिया है, जिसमें बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या परजीवी जैसे सूक्ष्मजीव समय के साथ एंटीबायोटिक या अन्य प्रतिजैविक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता (Resistance) विकसित कर लेते हैं। परिणामस्वरूप, वे दवाएं जो पहले प्रभावी थीं, अब उन सूक्ष्मजीवों को समाप्त नहीं कर पातीं।
इसका मुख्य कारण है –
AMR की स्थिति में, सामान्य संक्रमण जैसे फेफड़ों की सूजन, मूत्र मार्ग संक्रमण, या टीबी आदि भी लंबे समय तक चल सकते हैं, जटिल हो सकते हैं, और मृत्यु का कारण बन सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि वर्तमान रुझान जारी रहे, तो 2050 तक हर वर्ष 1 करोड़ लोगों की मृत्यु केवल दवाओं के बेअसर हो जाने के कारण हो सकती है। इसलिए AMR को वैश्विक स्वास्थ्य संकट माना जा रहा है।