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Daily-mcqs 08 Dec 2025
Q1:
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. BNHS की स्थापना 1883 में हुई थी और यह भारत का सबसे पुराना वन्यजीव अनुसंधान और संरक्षण संगठन है। 2. BNHS को भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन (SIRO) के रूप में मान्यता प्राप्त है। 3. BNHS केवल पक्षी विज्ञान (ornithology) पर केंद्रित है और अन्य प्रजातियों या आवासों पर अनुसंधान नहीं करता। 4. BNHS, BirdLife International का साझेदार है और पक्षियों की जनसंख्या की निगरानी के लिए सलीम अली बर्ड काउंट का आयोजन करता है। उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
A: केवल 1 और 2
B: केवल 1,2 और 4
C: केवल 2,3 और 4
D: 1, 2, 3 और 4
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
कथन 1 – सही:
BNHS की स्थापना 1883 में हुई थी और इसे भारत का सबसे पुराना वन्यजीव अनुसंधान और संरक्षण संगठन माना जाता है, जिसका वैज्ञानिक संरक्षण में एक लंबा इतिहास है।
कथन 2 – सही:
इस संगठन को भारत सरकार द्वारा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान संगठन (SIRO) के रूप में मान्यता दी गई है, जो इसके अनुसंधान में योगदान को दर्शाता है।
कथन 3 – गलत:
BNHS मुख्य रूप से पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह केवल पक्षी विज्ञान तक सीमित नहीं है। यह घास के मैदान, जलभूमि, समुद्री आवास और अन्य प्रजातियों जैसे बस्टर्ड, सारस और इंडियन स्किमर पर भी अनुसंधान करता है।
कथन 4 – सही:
BNHS, BirdLife International का साझेदार है और भारत में पक्षियों की जनसंख्या की निगरानी के लिए सलीम अली बर्ड काउंट, एक नागरिक विज्ञान पहल, का आयोजन करता है।
Q2:
निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: गिद्ध प्रजाति — IUCN संरक्षण स्थिति 1. पतली-चोंच गिद्ध (Slender-billed vulture) — अत्यंत संकटापन्न (Critically Endangered) 2. मिस्री गिद्ध (Egyptian vulture) — लगभग संकटग्रस्त (Near Threatened) 3. लाल-सर वाला गिद्ध (Red-headed vulture) — संकटापन्न (Endangered) 4. हिमालयी ग्रिफ़ॉन (Himalayan griffon) — भारत में संकटापन्न, पर वैश्विक स्तर पर लगभग संकटग्रस्त उपर्युक्त में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?
A: केवल 1 और 2
B: केवल 1 और 4
C: केवल 1,2 और 3
D: 1, 2, 3 और 4
उत्तर: B
स्पष्टीकरण:
इस प्रकार केवल 1 और 4 सही सुमेलित हैं।
Q3:
दिसंबर 2025 में आयोजित 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. यह शिखर सम्मेलन 2000 में स्थापित सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगाँठ के साथ मेल खाता है। 2. दोनों देशों के बीच साझेदारी को 2010 में “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी” (Special and Privileged Strategic Partnership) के रूप में उन्नत किया गया था। 3. यह शिखर सम्मेलन मॉस्को में आयोजित किया गया था। उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
A: केवल 1 और 2
B: केवल 1 और 3
C: केवल 2 और 3
D: 1, 2, और 3
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
कथन 1 सही है: 2025 का शिखर सम्मेलन वर्ष 2000 में शुरू हुई सामरिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है।
कथन 2 सही है: 2010 में भारत–रूस संबंधों को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी” के स्तर पर बढ़ाया गया था।
कथन 3 गलत है: 23वाँ शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था, मॉस्को में नहीं।
Q4:
भारत–रूस रक्षा संबंधों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: 1. भारत, रूसी रक्षा उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है। 2. 2017 में, भारत के दो-तिहाई से अधिक सैन्य हार्डवेयर आयात रूस से आए थे। 3. रूस 2010 के बाद ही भारत का प्रमुख रक्षा आपूर्तिकर्ता बना। उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
A: केवल 1 और 2
B: केवल 1 और 3
C: केवल 2 और 3
D: 1, 2, और 3
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
Q5:
अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कानून में भारत की स्थिति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें: 1. भारत 1951 के संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन और 1967 के प्रोटोकॉल का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। 2. भारत गैर-प्रत्यावर्तन (Non-Refoulement) के सिद्धांत का कानूनी रूप से पालन करने के लिए बाध्य है, क्योंकि यह प्रथागत अंतरराष्ट्रीय कानून का हिस्सा है। 3. भारत के पास एक व्यापक घरेलू शरणार्थी कानून है, जो शरणार्थियों को अन्य विदेशियों से अलग पहचान देता है। उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
A: केवल 1
B: केवल 1 और 3
C: केवल 2 और 3
D: 1, 2, और 3
उत्तर: A
स्पष्टीकरण:
कथन 1 सही है: भारत ने न तो शरणार्थी सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए हैं और न ही उसके प्रोटोकॉल पर, ताकि नीति निर्धारण में लचीलापन बना रहे।
कथन 2 गलत है: भारत गैर-प्रत्यावर्तन सिद्धांत को अनौपचारिक रूप से मान्यता देता है, लेकिन यह भारत पर कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, क्योंकि इसे घरेलू कानून में शामिल नहीं किया गया है।
कथन 3 गलत है: भारत के पास कोई विशेष शरणार्थी कानून नहीं है। शरणार्थियों को सामान्य विदेशी कानूनों के तहत अन्य विदेशियों की तरह ही माना जाता है।