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Daily-mcqs 05 Dec 2025

यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs 05 Dec 2025

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यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs

Q1:

डीपफेक तकनीक के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1.   डीपफेक मुख्य रूप से जनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क्स (GANs) जैसी मशीन लर्निंग तकनीकों का उपयोग करके तैयार किए जाते हैं।

2.   डीपफेक का उपयोग केवल दृश्य (छवि और वीडियो) हेरफेर के लिए किया जा सकता है और इसे ऑडियो सामग्री पर लागू नहीं किया जा सकता।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 व 2 दोनों

D: कोई नहीं

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

कथन 1 सही है।
डीपफेक उन्नत मशीन लर्निंग मॉडलों, विशेषकर जनरेटिव एडवर्सेरियल नेटवर्क्स (GANs), की सहायता से बनाए जाते हैं, जहाँ एक नेटवर्क नकली सामग्री बनाता है और दूसरा उसकी प्रामाणिकता की जाँच करता है।


कथन 2 गलत है।
डीपफेक केवल दृश्य सामग्री तक सीमित नहीं हैं। इन्हें ऑडियो हेरफेर, जैसे आवाज की नकल (वॉइस क्लोनिंग) और कृत्रिम भाषण, में भी उपयोग किया जाता है, जो किसी व्यक्ति की आवाज़ को विश्वसनीय रूप से पुनः निर्मित कर सकता है।


                            

Q2:

डीपफेक तकनीक द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-से लोकतांत्रिक और सामाजिक प्रक्रियाओं के लिए संभावित जोखिम हैं?

1.   चुनावों के दौरान गलत सूचना फैलाने के लिए राजनीतिक भाषणों में हेरफेर।

2.   सिंथेटिक वॉइस तकनीक का उपयोग करके व्यक्तियों की प्रतिरूपण (इम्परसनेशन) के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी।

नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:

A: केवल 1

B: केवल 2

C: 1 व 2 दोनों

D: कोई नहीं

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

कथन 1 सही है।
डीपफेक राजनीतिक भाषणों, इंटरव्यू या बयानों को गढ़ सकते हैं, जिससे जनमत प्रभावित हो सकता है और चुनावी प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप संभव है। यह लोकतांत्रिक अखंडता के लिए गंभीर खतरा है।


कथन 2 सही है।
वॉइस क्लोनिंग और वीडियो मैन्युपुलेशन का उपयोग करके किसी अधिकारी, सरकारी कर्मचारी या परिवार के सदस्य का भेष धारण कर वित्तीय धोखाधड़ी, साइबर घोटाले और फ़िशिंग हमले किए जा सकते हैं।


                            

Q3:

भारत की नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1.   भारत ने COP26 (ग्लासगो) में 2070 तक नेट-ज़ीरो ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन प्राप्त करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

2.   भारत 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का कम से कम 50% नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखता है।

3.   भारत ने 2005 के स्तर की तुलना में 2030 तक अपनी कार्बन तीव्रता को 45% तक कम करने का संकल्प लिया है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A: केवल 1 और 2

B: केवल 1 और 3

C: केवल 2 और 3

D: 1, 2, और 3

उत्तर: D

स्पष्टीकरण:

कथन 1 सही है।
COP26 (
ग्लासगो, 2021) में भारत ने 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने की घोषणा की थी, जो पंचामृत प्रतिबद्धताओं का हिस्सा है।


कथन 2 सही है।
भारत 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% नवीकरणीय ऊर्जाजैसे सौर, पवन, जलविद्युत और परमाणुसे पूरा करने का लक्ष्य रखता है।


कथन 3 सही है।
भारत ने 2005 के स्तर की तुलना में 2030 तक अपनी कार्बन तीव्रता में 45% की कमी लाने का भी वचन दिया है, जो इसकी प्रमुख जलवायु प्रतिबद्धताओं में से एक है।


                            

Q4:

भारत की निम्नलिखित पर्यावरणीय पहलों और नीतियों पर विचार कीजिए:

1.   राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशनग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाने और हाइड्रोजन वैलीज़ को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य।

2.   2G एथेनॉल कार्यक्रमकृषि अपशिष्ट को एथेनॉल में परिवर्तित करके उन्नत जैव-ईंधनों को समर्थन देता है।

3.   राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) — 2035 तक कण प्रदूषण में 40% की कमी लाने का लक्ष्य।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A: केवल 1 और 2

B: केवल 1 और 3

C: केवल 2 और 3

D: 1, 2, और 3

उत्तर: A

स्पष्टीकरण:

कथन 1 सही है।
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण और हाइड्रोजन वैलीज़ को बढ़ावा देता है, जो भारत की दीर्घकालिक डीकार्बोनाइजेशन रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।


कथन 2 सही है।
2G
एथेनॉल कार्यक्रम द्वितीय-पीढ़ी के जैव-ईंधनों को बढ़ावा देता है, जिसमें कृषि अवशेषों (जैसे धान का पुआल) का उपयोग एथेनॉल उत्पादन के लिए किया जाता है। इससे पराली जलाने में कमी आती है और जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता घटती है।


कथन 3 गलत है।
NCAP
के तहत लक्ष्य PM2.5 और PM10 के स्तर को 2024 तक 20–30% (बाद में 2026 तक विस्तारित) कम करना है
40%
की कमी 2035 तक का लक्ष्य नहीं है।


                            

Q5:

भरती हुई प्रौद्योगिकियों (Emerging Technologies) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1.   क्वांटम कंप्यूटिंग क्विबिट्स पर निर्भर करती है, जो सुपरपोज़िशन के कारण एक साथ कई अवस्थाओं में मौजूद हो सकते हैं।

2.   ब्लॉकचेन तकनीक अपनी विकेन्द्रीकृत प्रकृति के कारण किसी भी सहमति तंत्र (Consensus Mechanism) की आवश्यकता समाप्त कर देती है।

3.   एज कंप्यूटिंग डेटा को उसके स्रोत के निकट प्रोसेस करके विलंब (Latency) को कम करती है, बजाय केंद्रीकृत क्लाउड सर्वरों पर निर्भर होने के।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A: केवल 1 और 2

B: केवल 1 और 3

C: केवल 2 और 3

D: 1, 2, और 3

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

कथन 1 सही है।
क्वांटम कंप्यूटिंग में क्विबिट्स (qubits) का उपयोग होता है, जो 0, 1 या दोनों अवस्थाओं में एक साथ रह सकते हैं (सुपरपोज़िशन) इससे कुछ विशेष कार्यों में पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में बहुत तेज़ गणना संभव होती है।


कथन 2 गलत है।
ब्लॉकचेन को लेनदेन सत्यापित करने और भरोसा बनाए रखने के लिए कंसेंसस मैकेनिज़्म की आवश्यकता होती हैजैसे प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) और प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS)
इसलिए विकेन्द्रीकरण होने के बावजूद सहमति तंत्र आवश्यक हैं।


कथन 3 सही है।
एज कंप्यूटिंग डेटा को डिवाइसेज़ या सेंसर के पास ही प्रोसेस करती है, जिससे



  • विलंब (Latency) कम होता है,

  • बैंडविड्थ की बचत होती है, और

  • केंद्रीकृत क्लाउड पर निर्भरता घटती है।