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Daily-mcqs 03 Jun 2025

यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs 03 Jun 2025

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यूपीएससी और राज्य पीएससी परीक्षाओं के लिए समसामयिकी MCQs

Q1:

अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संगठन (IOMed) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कितने कथन सही हैं?

1.      IOMed एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय है जो अंतर-राष्ट्रीय विवादों में बाध्यकारी निर्णय देता है।

2.      इसका मुख्यालय हांगकांग में है और यह केवल मध्यस्थता पर ही केंद्रित है।

3.      इंडोनेशिया और पाकिस्तान सहित 30 से अधिक देश इसके संस्थापक सदस्य हैं।

4.      IOMed का उद्देश्य पारंपरिक कानूनी निकायों के मुकाबले एक गैर-टकरावकारी विकल्प प्रदान करना है।



A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

कथन 1 गलत है — IOMed कोई न्यायालय नहीं है जो बाध्यकारी निर्णय देता हो; यह केवल मध्यस्थता पर ही केंद्रित है।
कथन 2 सही है — IOMed का मुख्यालय हांगकांग में है और यह स्वयं को मध्यस्थता को समर्पित पहला अंतर्राष्ट्रीय कानूनी निकाय बताता है।
कथन 3 सही हैइंडोनेशिया और पाकिस्तान सहित 30 से अधिक देश इसके संस्थापक सदस्य हैं।
कथन 4 भी सही हैइसका घोषित उद्देश्य मध्यस्थता और संवाद-आधारित समाधान को बढ़ावा देना है, ताकि मुकदमेबाजी या मध्यस्थता जैसी टकरावकारी प्रक्रियाओं से दूर जाया जा सके।


                            

Q2:

भारत में अवैध प्रव्रजन से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?

A: वैध वीज़ा पर आने के बाद उसकी अवधि समाप्त होने के बावजूद रुके रहने वाले भी अवैध प्रवासी माने जा सकते हैं।

B: अवैध प्रव्रजन को लेकर आर्थिक बोझ और श्रम बाज़ार पर प्रभाव जैसी चिंताएं होती हैं।

C: भारत नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत सभी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को शरणार्थी का दर्जा देता है।

D: स्रोत देशों में राजनीतिक अस्थिरता और उत्पीड़न भारत में प्रव्रजन के कारण बनते हैं।

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

विकल्प (c) गलत हैभारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत अवैध प्रवासियों को स्वचालित रूप से शरणार्थी का दर्जा नहीं दिया जाता। वास्तव में, कई मामलों में उन्हें हिरासत में लिया जाता है या निर्वासित किया जा सकता है। यह अधिनियम अवैध प्रवासियों को ऐसे व्यक्तियों के रूप में परिभाषित करता है जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करते हैं या वैध वीज़ा की अवधि समाप्त होने के बावजूद भारत में रुके रहते हैं।
अन्य विकल्प सही हैं वे अवैध प्रव्रजन से जुड़ी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों को सही ढंग से दर्शाते हैं।


                            

Q3:

रूस-भारत-चीन (RIC) त्रिपक्षीय फॉर्मेट के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कितने कथन सही हैं?

1.      RIC फॉर्मेट की शुरुआत 2000 के दशक की शुरुआत में BRICS जैसे आर्थिक समूह के रूप में हुई थी।

2.      इसका एक उद्देश्य बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देना है।

3.      2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद यह निष्क्रिय रहा है।

4.      रूस इसे पश्चिमी समूहों जैसे NATO और क्वाड के खिलाफ पुनर्जीवित करने का समर्थन करता है।

A: केवल एक

B: केवल दो

C: केवल तीन

D: सभी चार

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

·         कथन 2, 3, और 4 सही हैं। RIC का उद्देश्य बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देना है, यह 2020 के बाद निष्क्रिय रहा है, और रूस इसे पश्चिमी गठबंधनों जैसे NATO और क्वाड के खिलाफ पुनर्जीवित करने का समर्थन करता है।


·         कथन 1 गलत है — RIC की शुरुआत 1990 के दशक के अंत में हुई थी और यह एक रणनीतिक संवाद मंच है, BRICS जैसे आर्थिक समूह नहीं। इसका दायरा विदेश नीति, सुरक्षा, और आर्थिक मुद्दों तक सीमित है, लेकिन यह एक औपचारिक आर्थिक समूह के रूप में संरचित नहीं है।


                            

Q4:

ध्रुव (DHRUVA) नीति के तहत एड्रेस-एज़-ए-सर्विस (AaaS) के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?



A: AaaS पते के डेटा को एक साझा की जाने वाली सेवा के रूप में देखता है।

B: यह उपयोगकर्ताओं को यह नियंत्रण रखने की अनुमति देता है कि कौन उनके पते तक पहुंच सकता है।

C: AaaS निजी क्षेत्र की डिलीवरी कंपनियों को सरकारी पता रिकॉर्ड में बदलाव करने की अनुमति देता है।

D: AaaS का उद्देश्य दोनों सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता में सुधार करना है।

उत्तर: C

स्पष्टीकरण:

विकल्प (c) गलत है — AaaS आधिकारिक पता रिकॉर्ड में बिना अनुमति बदलाव करने की अनुमति नहीं देता। यह सुरक्षित और सहमति आधारित साझा करने को सक्षम बनाता है, लेकिन केवल उपयोगकर्ता या अधिकृत संस्थाएं ही पता डेटा का प्रबंधन कर सकती हैं।
विकल्प (a), (b), और (d) सही हैं — AaaS पता डेटा को एक आधारभूत संरचना के रूप में देखता है, उपयोगकर्ता की स्वायत्तता को बढ़ावा देता है, और सार्वजनिक सेवाओं तथा ई-कॉमर्स में क्रॉस-सेक्टोरल दक्षता को समर्थन देने का लक्ष्य रखता है।


                            

Q5:

राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में असिमेट्रिक थ्रेट्स” (असमान खतरे) का क्या मतलब है?

A: ऐसे खतरे जिनका मुकाबला करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी आवश्यक होती है।

B: कम लागत वाले, लेकिन उच्च प्रभाव वाले खतरे जैसे आतंकवाद, साइबर हमले, और प्रॉक्सी युद्ध।

C: खतरे जो परमाणु राज्यों के बीच प्रत्यक्ष पारंपरिक युद्ध से संबंधित होते हैं।

D: प्राकृतिक आपदाएं और महामारी जो राष्ट्रीय मनोबल को प्रभावित करती हैं।

उत्तर: B

स्पष्टीकरण:

असिमेट्रिक थ्रेट्स वे गैर-पारंपरिक रणनीतियाँ हैं जिनके माध्यम से कमजोर विरोधी शक्तिशाली देशों की कमजोरियों का फायदा उठाकर उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। आतंकवादी हमले, साइबर युद्ध, और सीमापार घुसपैठ इसके उदाहरण हैं। ये पूर्ण पैमाने पर युद्ध नहीं होते, लेकिन वास्तविक सुरक्षा और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं, जैसा कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में देखा गया है।