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Daily-mcqs 02 Jun 2022

यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में करेंट अफेयर्स MCQs क्विज़ : 03, जून 2022 02 Jun 2022

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यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में करेंट अफेयर्स MCQs क्विज़ : 03, जून 2022


यूपीएससी और सभी राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के लिए हिंदी में डेली करेंट अफेयर्स MCQ क्विज़

(Daily Current Affairs MCQs Quiz for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, MPPSC. BPSC, RPSC & All State PSC Exams)

तारीख (Date): 03, जून 2022


प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. आदर्श कारागार नियमावली में प्रावधान है कि श्रमिकों को प्रदान की जाने वाली मजदूरी नाममात्र की नहीं बल्कि उचित होनी चाहिए।
2. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि एक कैदी को सभी मौलिक अधिकारों से वंचित किया जाता है जब तक कि संविधान द्वारा अनुमति न दी जाए।

उपरोक्त में से कौन से कथन सही हैं?

a) केवल 1
b) केवल 2
c) दोनों
d) कोई भी नहीं

उत्तर: (A)

व्याख्या: आंध्र प्रदेश राज्य बनाम चल्ला रामकृष्ण रेड्डी में सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि एक कैदी सभी मौलिक अधिकारों के हकदार हैं जब तक कि संविधान द्वारा कटौती नहीं की जाती है।

प्रश्न 2. राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. सर्वेक्षण शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
2. यह कक्षा 3 से कक्षा 8 तक बच्चों की सीखने की क्षमता का 5 साल की चक्र अवधि में एक व्यापक मूल्यांकन सर्वेक्षण है।
3. सर्वेक्षण ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में ही किया जाता है।

सही कथन चुनें:

a) केवल 1
b) केवल 2
c) केवल 3
d) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (A)

व्याख्या: राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस)

  • स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) 2021 रिपोर्ट जारी की, जो कक्षा 3, 5, 8, और 10 में बच्चों की सीखने की क्षमता का व्यापक मूल्यांकन सर्वेक्षण करके देश में स्कूली शिक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य का आकलन, तीन साल की चक्र अवधि के साथ करती है।
  • एनएएस 2021 अखिल भारतीय स्तर पर 12.11.2021 को आयोजित किया गया था और इसमें शामिल थे (ए) सरकारी स्कूल (केंद्र सरकार और राज्य सरकार); (बी) सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल; और (सी) निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के 720 जिलों के 1.18 लाख स्कूलों के लगभग 34 लाख छात्रों ने एनएएस 2021 में भाग लिया है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

1. भारत दुनिया में बिजली का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक है जिसकी स्थापित क्षमता लगभग 400 GW है।
2. भारत की प्रति व्यक्ति वार्षिक बिजली खपत विश्व औसत बिजली खपत से अधिक है लेकिन विकसित देशों की तुलना में बहुत कम है।
3. भारत की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता देश की कुल क्षमता के 40% से अधिक हो गई है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?

a) केवल 1 और 2
b) केवल 2 और 3
c) केवल 1 और 3
d) 1,2 और 3

उत्तर: (D)

व्याख्या:

  • भारत दुनिया में बिजली का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है जिसकी स्थापित क्षमता लगभग 400 GW है। इसलिए, पहला कथन गलत है।
  • महामारी के पूर्व 2019-20 में, भारत की प्रति व्यक्ति, वार्षिक बिजली खपत 1,208 kWh थी, जबकि विश्व औसत 3,260 kWh और विकसित देशों के लिए 10,000-15,000 kWh से कम था। अतः दूसरा कथन भी गलत है।
  • हाल ही में जोर देने के बावजूद, अक्षय ऊर्जा देश की कुल क्षमता (31 दिसंबर 2021 तक) का केवल 39 प्रतिशत (50 GW सौर, 46 GW हाइड्रो, और 40 GW पवन) है। अत: तीसरा कथन भी गलत है।
  • पिछले 7 वर्षों में स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 17 गुना वृद्धि हुई है और यह 49.5 GW है।
  • भारत ने 158.17 गीगावॉट की कुल गैर-जीवाश्म आधारित स्थापित ऊर्जा क्षमता के साथ अपने एनडीसी लक्ष्य को हासिल कर लिया है जो कुल स्थापित बिजली क्षमता का 40.2% है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?

चित्रकला  क्षेत्र
1. वर्ली  महाराष्ट्र
2. झरनापाटा  पश्चिम बंगाल
3. पट्टचित्र  ओडिशा

A. केवल 1
B. केवल 1 और 2
C. केवल 3
D. 1, 2 और 3

उत्तर: (D)

व्याख्या: दिए गये सभी युग्म सही सुमेलित हैं। महाराष्ट्र के थाणे जिले के वर्ली आदिवासी अपने घरों की दीवारों को चित्रों से सजाते हैं। जिसमें उनके जीवन को दर्शाने वाले दृश्य पौधरोपण, अनाज ले जाना, नृत्य, बाजार भ्रमण और उनके दैनिक जीवन की अन्य नियमित गतिविधियों का चित्रण होता है। पश्चिम बंगाल का ‘‘झरनापाटा’’ चित्र उर्ध्वाधर कागज का रोल होता है जिसका धार्मिक महाकाव्यों से कहानियां सुनाने के लिए उपयोग किया जाता है। ओडिशा के ‘पट्टचित्र’ प्रसिद्ध कविता, ‘‘गीत गोविन्द’’ और प्राचीन कवियों, लेखकों और गायकों के भक्ति पदों की कहानियों का चित्रण करते हैं।

प्रश्न 5. दक्षिण भारत की भक्ति परंपरा के सन्दर्भ में निम्नलिखित में कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?

1. नलायिरा दिव्य प्रबन्धम्, वेदों की आलोचना करने वाली लिंगायतों की रचना है।
2. आंडाल एक वैष्णव महिला संत थी।
3. तेवरम, संतों द्वारा रचित कविता रचना है।

A. केवल 1
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2 और 3

उत्तर: (B)

व्याख्या: कथन 2 तथा 3 सही हैं, जबकि कथन 1 सही नहीं है। नलायिरा दिव्य प्रबन्धम तमिलनाडू के अलवार संतों की रचना है, इसे ‘तमिल वेदों’ के रूप में भी जाना जाता है। इसके कथन संस्कृत के चार वेदों के समान महत्वपूर्ण हैं। आंडाल एक प्रमुख अलवार संत (महिला) थीं, जिनकी रचनायें तमिलनाडु में व्यापक रूप से गाई जाती थीं। अप्पार, सम्बन्दर और सुंदरार की कविताओं का संकलन ‘तेवरम’ में है, यह दसवीं सदी में संकलित और वर्गीकृत संग्रह हैं।

प्रश्न 6. उत्तरापथ और दक्षिणापथ, प्राचीन भारत के दो महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग थे। निम्नलिखित में से कौन सी बस्तियां उत्तरापथ के संधि स्थल पर अवस्थित थीं?

A. मथुरा से तक्षशिला
B. उज्जैन से मथुरा
C. उज्जैन से तक्षशिला
D. तक्षशिला से अवंती

उत्तर: (A)

व्याख्या: प्राचीन भारतीय उपमहाद्वीप के दो प्रमुख व्यापार मार्ग थे - उत्तर एवं उत्तर-पश्चिम क्षेत्र का ‘उत्तरापथ’ और मध्य एवं प्रायद्वीपीय भाग का ‘दक्षिणापथ’। उत्तरापथ का प्रयोग प्रायः तक्षशिला से दक्षिण में मथुरा से लेकर उज्जैन तक किया जाता था। दक्षिणापथ मगध के राजगृह से उज्जैनी एवं नर्मदा घाटी होते हुए अश्मक महाजनपद में स्थित प्रतिष्ठान तक दक्षिण दिशा में चलते हुए भारत के पश्चिमी तट की ओर जाता था।

प्रश्न 7. मुगलों की मनसबदारी प्रणाली के सन्दर्भ में निम्नलिखित में कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?

1. यह पद, वेतन और सैन्य उत्तरदायित्व निश्चित करने के लिए मुगलों द्वारा प्रयुक्त श्रेणीकरण प्रणाली थी।
2. मनसबदार वास्तव में अपनी जागीर में नहीं रहते थे या उनका प्रशासन नहीं करते थे, बल्कि उनका केवल अपने आन्वान्तनों (agent) के राजस्व पर अधिकार होता था।
3. पद और वेतन, जात नामक संख्यात्मक मूल्य द्वारा निर्धारित किया जाता था।

A. केवल 1
B. केवल 2 और 3
C. केवल 3
D. 1, 2 और 3

उत्तर: (D)

व्याख्या: दिए गये सभी कथन सही हैं। मनसबदार मुगलों द्वारा प्रयोग की जाने वाली एक श्रेणीकरण प्रणाली थी। इसका उपयोग वे पद, वेतन और सैन्य जिम्मेदारियों को निर्धारित करने में किया करते थे। मनसबदार वास्तव में अपनी जागीर में नहीं रहते थे या उनका प्रशासन नहीं करते थे, बल्कि उनका केवल अपने आन्वान्तनों (agent) के राजस्व पर अधिकार होता था। पद और वेतन एक संख्यात्मक मान द्वारा निर्धारित किये जाते थे जिसे जात कहा जाता था। जात जितना उच्च होता था, राजदरबार में उस कुलीन व्यक्ति की स्थिति उतनी ही अधिक प्रतिष्ठित होती थी।


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