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Daily-current-affairs / 30 Jun 2023

इलेक्ट्रिक वाहन: सतत परिवहन के साधन - डेली न्यूज़ एनालिसिस

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तारीख (Date): 01-07-2023

प्रासंगिकता - जीएस पेपर 3 - विज्ञान और प्रौद्योगिकी - उन्नत प्रौद्योगिकियां

कीवर्ड - इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), सतत परिवहन, पर्यावरणीय लाभ, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर

संदर्भ -

इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का युग शुरू हो गया है, जो अपने साथ शून्य टेलपाइप उत्सर्जन और कम तेल आयात का वादा लेकर आया है। ईवी के उत्पादन और बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, क्योंकि प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता ईवी तकनीक में भारी निवेश कर रहे हैं। बैटरी प्रौद्योगिकी और चार्जिंग अवसंरचना में प्रगति, दुनिया भर में सरकारों की प्रतिबद्धता के साथ, ईवी को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है।

ईवी के पर्यावरणीय लाभ:

  • जलवायु परिवर्तन का मुकाबला: ईवी में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को काफी हद तक कम करने की क्षमता है, क्योंकि वे शून्य टेलपाइप उत्सर्जन पैदा करते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) और अन्य प्रदूषकों पर अंकुश लगाकर, ईवी वायु प्रदूषण, धुंध और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में योगदान करते हैं। स्वच्छ हवा श्वसन और हृदय रोगों के खतरे को कम करके सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार लाती है।
  • हानिकारक प्रदूषकों में कमी: ईवी नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx), पार्टिकुलेट मैटर (PM) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOCs) जैसे हानिकारक प्रदूषकों को कम करने में भी सहायता करते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होता है।

ऊर्जा विविधता और सुरक्षा:

  • सतत ऊर्जा की ओर स्थानांतरण: ईवी तेल आयात पर निर्भरता को कम करने के साथ ऊर्जा विविधता में योगदान करते हैं। चूंकि बिजली ग्रिड को सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों द्वारा संचालित किया जा सकता है, ईवी स्वच्छ और अधिक टिकाऊ ऊर्जा विकल्पों की ओर संक्रमण का अवसर प्रदान करते हैं। यह न केवल तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की संवेदनशीलता को कम करता है बल्कि जीवाश्म ईंधन आयात पर निर्भरता को कम करके ऊर्जा सुरक्षा को भी बढ़ाता है।

तकनीकी प्रगति और रोजगार सृजन:

  • तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना: ईवी के विकास और इन्हें अपनाने से बैटरी प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन और चार्जिंग अवसंरचना में प्रगति हुई है। इन प्रगतियों के व्यापक अनुप्रयोग हैं, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ऊर्जा भंडारण और ग्रिड स्थिरता।
  • रोजगार सृजन: इलेक्ट्रिक गतिशीलता की वृद्धि ने बैटरी विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा और चार्जिंग अवसंरचना के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा किए हैं।

दीर्घकालिक लागत बचत:

  • कम परिचालन लागत: ईवी की परिचालन लागत कम होती है क्योंकि बिजली आमतौर पर गैसोलीन या डीजल की तुलना में सस्ती होती है। इन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है, जिससे सर्विसिंग और मरम्मत का खर्च कम हो जाता है।

शहरों की भीड़ में कमी:

  • साझा गतिशीलता को बढ़ावा देना: ईवी साझा गतिशीलता को प्रोत्साहित करके शहरों में भीड़ कम करने में मदद कर सकते हैं। साझा गतिशीलता से तात्पर्य वाहनों को व्यक्तिगत संपत्ति के बजाय सेवा के रूप में उपयोग करना, सड़क पर वाहनों की संख्या और पार्किंग स्थान की आवश्यकता को कम करना है।
  • सुगठित डिज़ाइन: शहरी स्थानों के लिए डिज़ाइन किए गए सुगठित एवं हल्के ईवी भीड़ और उत्सर्जन को कम करते हैं। कम शहरी दूरी के लिए नवोन्मेषी स्मार्ट ईवी के लिए छोटी बैटरी की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप चार्जिंग समय कम होता है और लागत भी कम होती है।

ईवी के समक्ष चुनौतियाँ:

उच्च आरंभिक लागत-

  • सामर्थ्य बाधा: महंगी बैटरी तकनीक के कारण ईवी खरीदने की अग्रिम लागत पारंपरिक वाहनों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक है। यह संभावित खरीदारों के बीच ईवी की मांग को सीमित करता है।

सीमित चार्जिंग अवसंरचना-

  • अपर्याप्त बुनियादी ढांचा: भारत में चार्जिंग बुनियादी ढांचा अभी भी शुरुआती चरण में है और प्रमुख शहरों में केंद्रित है। एक मजबूत और व्यापक चार्जिंग नेटवर्क की कमी ईवी मालिकों के लिए असुविधाएँ पैदा करती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास पर्याप्त पार्किंग स्थान नहीं है।

रेंज की चिंता-

  • अनुमानित सीमित रेंज: सीमित ड्राइविंग रेंज ईवी अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है, क्योंकि ऐसी धारणा है कि ईवी लंबी दूरी की यात्रा के लिए पर्याप्त रेंज प्रदान नहीं कर सकते हैं, खासकर भारत जैसे विशाल दूरी वाले देश में। समय के साथ बैटरी की क्षमता में गिरावट इस चिंता को और बढ़ा देती है।

बैटरी प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखला-

  • आयात पर निर्भरता: भारत बैटरी निर्माण के लिए आयात पर बहुत अधिक निर्भर है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला में चुनौतियाँ पैदा होती हैं। इसके अतिरिक्त, पारंपरिक वाहनों में ईंधन भरने की तुलना में अधिक चार्जिंग समय ईवी की सुविधा और उपयोगिता को प्रभावित करता है।

सीमित मॉडल विकल्प-

  • विविधतापूर्ण विकल्पों की आवश्यकता: वर्तमान में, भारत में ईवी मॉडल की उपलब्धता पारंपरिक वाहनों की तुलना में सीमित है। विविध उपभोक्ता प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किफायती ईवी की एक विस्तृत श्रृंखला आवश्यक है।

ईवी को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहलें

  • (हाइब्रिड एवं) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और विनिर्माण करना (FAME): FAME ईवी खरीदने और चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
  • ऑटोमोटिव उद्योग के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना: ईवी, ईंधन-सेल वाहनों और संबंधित घटकों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना।
  • उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम: ईवी बैटरी के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना।
  • जीएसटी में कमी: आईसीई (Internal Combustion Engine) वाहनों पर 28% कर की तुलना में सभी ईवी पर जीएसटी दर 5% है।
  • आयकर रियायत: इलेक्ट्रिक वाहन के वित्तपोषण पर भुगतान किए गए ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती।
  • ड्राफ्ट बैटरी स्वैपिंग नीति: स्वैपिंग स्टेशनों पर खराब बैटरियों (2W, 3W) को चार्ज की गई बैटरियों से बदलना।
  • चार्जिंग अवसंरचना दिशानिर्देश: सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर विभिन्न प्रकार के चार्जिंग कनेक्टर की उपलब्धता।
  • इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) की लिथियम सेल प्रौद्योगिकी: इसरो द्वारा उद्योगों को स्वदेशी लिथियम सेल प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण।
  • विभिन्न राज्यों की ईवी नीतियां: दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना सहित कई राज्यों द्वारा रियायती ईवी चार्जिंग टैरिफ, सड़क और पंजीकरण कर में छूट।

निष्कर्ष:

ईवी का प्रचलन सतत परिवहन के एक नए युग की शुरुआत करता है। सरकारों और हितधारकों को ईवी को व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देने के लिए विद्यमान चुनौतियों का समाधान करना चाहिए। आरंभिक लागत को कम करके, चार्जिंग अवसंरचना का विस्तार करके, बैटरी प्रौद्योगिकी और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाकर और ईवी मॉडल की विविधता को बढ़ाकर, भारत एक हरित और अधिक ऊर्जा-कुशल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने, वायु गुणवत्ता में सुधार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने में ईवी के लाभ उन्हें सतत विकास का एक महत्वपूर्ण घटक बनाते हैं।

मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

  1. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के पर्यावरणीय लाभों और सततपरिवहन को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका पर चर्चा कीजिए। ईवी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने में कैसे योगदान देते हैं? (10 अंक, 150 शब्द)
  2. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के सामने आने वाली चुनौतियों और उन्हें अपनाने को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए उपायों का विश्लेषण कीजिए। परिवहन प्रणाली में ईवी के सफल एकीकरण के लिए उच्च आरंभिक लागत, सीमित चार्जिंग अवसंरचना और रेंज की चिंता जैसे मुद्दों को संबोधित करने के महत्व पर चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)

स्रोत - The Hindu Business Line

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