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Daily-current-affairs / 07 Dec 2023

भारत-इटली संबंध - डेली न्यूज़ एनालिसिस

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तारीख Date : 8/12/2023

प्रासंगिकताः जीएस पेपर 2-अंतर्राष्ट्रीय संबंध-द्विपक्षीय संबंध

मुख्य शब्दः रायसीना डायलॉग, इंडो-पैसिफिक, ब्लू-रमन प्रोजेक्ट, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी), चंद्रयान-3 मिशन, जी 20

संदर्भ-

  • 2023 इटली और भारत के बीच राजनयिक संबंधों के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के बीच महत्वपूर्ण बैठक ने भविष्य में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के लिए एक मंच तैयार किया है।
  • बैठक मे दिए गए संयुक्त बयान ने न केवल रणनीतिक संबंधों को मजबूत किया है, बल्कि रक्षा, अंतरिक्ष, कनेक्टिविटी और ऊर्जा संक्रमण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त किया है। आगे लेख में हम दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा करेंगे।


समुद्री सुरक्षा

  • इस वर्ष की शुरुआत में रायसीना डायलॉग में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इटली के "विस्तारित भूमध्यसागरीय" दृष्टिकोण को रेखांकित किया था। भूमध्य सागर के केंद्र में स्थित इटली, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूरोप के लिए एक प्राकृतिक सेतु का कार्य करता है।
  • दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा एक प्राथमिकता के रूप में उभरी है, जिसका हालिया उदाहरण अगस्त 2023 में इटली नौसेना के गश्ती पोत आईटीएस मोरोसिनी की मुंबई यात्रा है, यह यात्रा समुद्री सहयोग पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने का संकेत देती है।
  • दोनों देशों के बीच आयोजित समुद्री सुरक्षा पर संयुक्त संगोष्ठी में निगरानी और समुद्र के नीचे के खतरों की रोकथाम में साझा हितों पर प्रकाश डाला गया।

रक्षा सहयोग

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की इटली यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र में सहयोग समझौते का नवीनीकरण किया गया है।
  • यह समझौता दोनों देशों के बीच सुदृढ़ सहयोग के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करता है, जिसके तहत इटली की कंपनियां अत्याधुनिक समाधानों में योगदान करने के लिए उत्सुक हैं। यह सहयोग न केवल रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता को भी बढ़ाएगा।
  • इस क्षेत्र में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए इटली की प्रतिबद्धता एक सुरक्षित और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

बुनियादी ढांचे का विकास

  • व्यापार और कनेक्टिविटी के लिए बुनियादी ढांचे के महत्व को स्वीकार करते हुए, इटली और भारत दोनों देश डिजिटल और भौतिक कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
  • ब्लू-रमन परियोजना बुनियादी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है। यह सबमरीन केबल प्रणाली के माध्यम से भूमध्यसागरीय और हिंद महासागर को जोड़ने का प्रयास करती है।
  • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) का उद्देश्य एशिया और यूरोप के बीच एक नया व्यापार मार्ग स्थापित करना है, जिसे दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अनुमोदित किया गया था।
  • समुद्री और रेलवे विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध इटली की कंपनियां इस महत्वाकांक्षी पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

व्यापार संबंध

  • भारत और इटली के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, जिसमें चालू वर्ष में सकारात्मक वृद्धि जारी रही। यह उछाल वस्तुओं और सेवाओं के आयात-निर्यात में स्पष्ट है, विशेष रूप से मशीनरी, मोटर वाहन उत्पाद और विलासिता के सामान की भारतीय बाजार में तेज मांग रही है।
  • इसके विपरीत, एल्यूमीनियम, इस्पात और लोहा जैसे भारतीय उत्पाद इटली की विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक साझेदारी को दर्शाते हैं।

P2 P संपर्क

  • भारत और इटली दोनों देश, लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं, जिसका उदाहरण विदेश मंत्री एस. जयशंकर की इटली यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित प्रवासन और गतिशीलता समझौता है।
  • चूंकि इटली यूरोपीय संघ में सबसे बड़े भारतीय समुदायों वाले देशों में से एक है, इसलिए यह समझौता प्रवासन बढ़ाने के लिए एक संरचनात्मक ढांचा प्रदान करता है।
  • साथ ही यह समझौता इटली के सामाजिक ताने-बाने को समृद्ध करने वाले भारतीय छात्रों और नौकरीपेशा लोगों की बढ़ती संख्या को स्वीकृति प्रदान करता है।

अंतरिक्ष सहयोग

  • दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के लिए एक नवीन विकल्प के रूप में उभरा है, इटली ने भारत की अंतरिक्ष पहलों में सहयोग के लिए रुचि व्यक्त की है।
  • भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता को इटली के वैज्ञानिक समुदाय से मान्यता और प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है। दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों, एएसआई (इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी) और इसरो के बीच सहयोग सरकारी संस्थानों, अनुसंधान केंद्रों और एयरोस्पेस कंपनियों तक विस्तृत है।
  • हाल ही में हस्ताक्षरित एक संयुक्त घोषणा ने पृथ्वी अवलोकन, अंतरिक्ष अन्वेषण और हेलियो-भौतिकी में नए अवसर खोले हैं।

बहुपक्षीय जुड़ाव

  • इटली और भारत एक नए वैश्विक एजेंडे का पक्षपोषण करते हुए बहुपक्षीय मुद्दों पर आपस में समर्थन कर रहे हैं। इटली की यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक अस्थिर विश्व में दोनों देशों के बीच संबंधों को "स्थिरता के कारक" के रूप में रेखांकित किया।
  • दोनों देशों ने विकासशील देशों के लिए ऋण राहत, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों पर सक्रिय भूमिकाएं निभाई है।
  • जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत द्वारा शुरू किए गए वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में इटली का शामिल होना वैश्विक चुनौतियों के प्रति इनकी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

भविष्य में सहयोग

जी-7 की अध्यक्षता और ग्लोबल लीडरशिप

  • इटली 2024 में जी-7 की अध्यक्षता कर रहा है। वह जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान इस सहयोग को बढाने का प्रयास करेगा।
  • इटली और भारत के बीच साझेदारी उन समकालीन मुद्दों का समाधान करने में सहायक है जो वैश्विक दक्षिण सहित पूरी दुनिया की सुरक्षा, स्थिरता और पर्यावरणीय स्थिरता को प्रभावित करते हैं।

भारत के लिए इटली का महत्व

  • इटली भारत के शीर्ष 5 यूरोपीय संघ के व्यापारिक भागीदारों में चौथे स्थान पर है, दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में है।
  • इटली यूरोप में दूसरा सबसे बडा विनिर्माणकर्ता है। यह सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला और नियम-आधारित व्यापार को महत्व देता है। इटली की निर्यात-उन्मुख अर्थव्यवस्था के साथ भारत के हिंद-प्रशांत प्रभाव का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
  • चीन के बारे में वर्तमान इटली सरकार की चिंताएं भारत के लिए इटली को यूरोपीय संघ के भीतर एक प्रभावशाली देश के रूप में स्थापित करती हैं।

मुद्दे

  • भारत का इंग्लैंड की तरह इटली के साथ एक अलग व्यापार समझौते का अभाव है।
  • इतालवी मरीन के साथ व्यवहार और एक वी. वी. आई. पी. हेलीकॉप्टर सौदे को रद्द करना, दोनों देशों के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बनाते हैं।

निष्कर्ष

विकसित हो रही भारत-इटली साझेदारी की गतिशील और व्यापक प्रकृति वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। समुद्री सुरक्षा से लेकर रक्षा सहयोग, बुनियादी ढांचे के विकास से लेकर व्यापार की गतिशीलता और लोगों के बीच संपर्क से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण तक, दोनों देश एक महत्वपूर्ण भागीदार हैं। दोनों देश वैश्विक मंचों पर नेतृत्व की भूमिका निभाने को तत्पर हैं, भारत-इटली साझेदारी अनिश्चित समय में स्थिरता और सहयोग के लिए एक प्रकाश-स्तंभ के रूप में है, जो विश्व मंच पर साझा लक्ष्यों की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न-

  1. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित प्रवासन और गतिशीलता समझौता, भारत और इटली के बीच लोगों के बीच संपर्क को कैसे बढ़ाता है, विशेष रूप से इटली में महत्वपूर्ण भारतीय समुदाय को देखते हुए स्पष्ट करें ? (10 Marks, 150 Words)
  2. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की इटली यात्रा के दौरान जिस नए रक्षा सहयोग समझौते पर प्रकाश डाला गया, वह किस तरह से रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत में स्थिरता को बढ़ावा देने में योगदान देता है, जो एक सुरक्षित और खुले हिंद-प्रशांत के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है? (15 Marks, 250 Words)

Source- Indian Express


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