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Daily-current-affairs / 02 Jul 2023

भारत का 'पश्चिम की ओर देखो' (लुक वेस्ट) दृष्टिकोण: क्षेत्रीय जुड़ाव को मजबूत करना और अवसरों का लाभ उठाना - डेली न्यूज़ एनालिसिस

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तारीख (Date): 03-07-2023

प्रासंगिकता: जीएस पेपर- 2: विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का भारत के हितों एवं प्रवासी भारतीयों पर प्रभाव

कीवर्ड: राष्ट्रीय सुरक्षा, एकीकृत दृष्टिकोण, पश्चिम की ओर देखो, आर्थिक एकीकरण, चीन के प्रभाव का प्रतिसंतुलन, राजनयिक साझेदारी।

परिचय:

"I2U2" (भारत, इज़रायल, यूएसए और यूएई) समूह पहल के तहत पश्चिम एशिया में भारत की हालिया पहुंच, इस क्षेत्र में उसकी गहरी भागीदारी को दर्शाती है। भारत के इस दृष्टिकोण का उद्देश्य बदलती गतिशीलता को बढ़ावा देना, चीन के प्रभाव को प्रतिसंतुलित करना एवं आर्थिक एकीकरण, राजनयिक साझेदारी और क्षेत्रीय संपर्कता को बढ़ाना है। 'पश्चिम की ओर देखो' दृष्टिकोण भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिम एशियाई देशों के साथ विकासात्मक संबंधों को मजबूत करने के व्यापक अवसर प्रदान करता है।

भारत के 'पश्चिम की ओर देखो' दृष्टिकोण का महत्व:

1. आर्थिक एकीकरण:

  • भारत 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण के माध्यम से पश्चिम एशियाई देशों के साथ आर्थिक एकीकरण बढ़ाना चाहता है। इसमें व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में वृद्धि होगी।

2. ऊर्जा सुरक्षा:

  • पश्चिम एशिया के प्रचुर तेल और गैस भंडार इसे भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बनाते हैं। 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण ऊर्जा क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग की सुविधा प्रदान करता है, जिससे भारत को कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की स्थिर और विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

3. बुनियादी ढांचा विकास:

  • यह पहल पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया के बीच रेल नेटवर्क, सड़कों और समुद्री मार्गों के माध्यम से कनेक्टिविटी बढ़ाने पर केंद्रित है। यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देता है, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाता है और व्यापार एवं लोगों के आवागमन को सुविधाजनक बनाता है।

4. चीन के प्रभाव का प्रतिसंतुलन:

  • भारत का लक्ष्य अपने 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण के माध्यम से क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति को प्रतिसंतुलित करना है। कनेक्टिविटी और विकास का एक वैकल्पिक मॉडल पेश करके, भारत चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के प्रतिकार के रूप में कार्य करता है, "ऋण जाल" की चिंताओं को दूर करता है और सतत विकास को बढ़ावा देता है।

5. राजनयिक साझेदारी:

  • राजनयिक साझेदारियों को मजबूत करना, भारत के 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण का एक प्रमुख पहलू है। पश्चिम एशियाई देशों के साथ जुड़ाव के माध्यम से, भारत अपने राजनयिक संबंधों को बढ़ाता है तथा सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला और क्षेत्र में स्थिरता सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देता है।

6. सांस्कृतिक और लोगों का आवागमन:

  • 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण भारत और पश्चिम एशियाई देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देता है। यह आपसी समझ को बढ़ावा देता है, क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करता है और घनिष्ठ सहयोग में योगदान देता है।

7. सुरक्षा सहयोग:

  • पश्चिम एशिया में बढ़ी हुई भागीदारी भारत को क्षेत्रीय देशों के साथ अपने सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने में सक्षम बनाती है। इसमें क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा में योगदान देने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास, खुफिया जानकारी साझा करना और आतंकवाद विरोधी प्रयास शामिल हैं।

8. प्रवासी सहभागिता:

  • पश्चिम एशिया में भारतीय प्रवासी 'पश्चिम की ओर देखो' दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय प्रवासियों के कल्याण और सुरक्षा पर जोर देकर, भारत उनके अधिकारों को बढ़ावा देता है तथा भारत और पश्चिम एशियाई देशों के विकास और प्रगति में उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।

अवसरों का लाभ उठाना और चुनौतियों पर नियंत्रण:

हाल के घटनाक्रम, जैसे अब्राहम समझौते और क्षेत्रीय शक्तियों के बीच संबंधों की बहाली, पश्चिम एशिया में भारत की भागीदारी के लिए अनुकूल माहौल प्रस्तुत करते हैं। हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं, जिनमें पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण संबंधों के साथ भूमि संपर्क मुद्दे तथा रूस, चीन और पश्चिम के साथ संबंधों को संतुलित करने की आवश्यकता शामिल है। कनेक्टिविटी चुनौतियों से निपटने के लिए वैकल्पिक मार्गों और साझेदारियों का पता लगाया जा सकता है, जबकि अनुकूल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण आवश्यक है।

निष्कर्ष:

भारत का 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण इसकी विदेश नीति में एक रणनीतिक बदलाव का प्रतीक है, जिसका लक्ष्य पश्चिम एशिया में जुड़ाव को मजबूत करना है। आर्थिक एकीकरण, ऊर्जा सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास और राजनयिक साझेदारी को बढ़ाकर, भारत अवसरों का लाभ उठाना चाहता है और क्षेत्रीय गतिशीलता को बढ़ावा देना चाहता है। हालांकि चुनौतियाँ मौजूद हैं, लेकिन निरंतर प्रयासों से, भारत प्रस्तावित परियोजनाओं को वास्तविकता में बदल सकता है, क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत कर सकता है और क्षेत्र में अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है।

मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

  • प्रश्न 1: क्षेत्रीय जुड़ाव को मजबूत करने और पश्चिम एशिया में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में भारत के 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण के महत्व पर चर्चा कीजिए। क्षेत्र में भारत के आर्थिक एकीकरण, ऊर्जा सुरक्षा और राजनयिक साझेदारी के लिए इसके निहितार्थ का विश्लेषण कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द)
  • प्रश्न 2: भारत द्वारा अपनाए गए 'लुक वेस्ट' दृष्टिकोण में पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। इस दृष्टिकोण के प्रमुख स्तंभों और भारत के सुरक्षा सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रवासी जुड़ाव पर उनके प्रभाव की जांच कीजिए। साथ ही, क्षेत्र में भारत की भागीदारी से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों पर भी चर्चा कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)

स्रोत– Indian Express

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