होम > Daily-current-affairs

Daily-current-affairs / 02 Jul 2023

विदेशी संबंधों पर चीन का नया कानून - डेली न्यूज़ एनालिसिस

image

तारीख (Date): 03-07-2023

प्रासंगिकता - जीएस पेपर 2 - अंतर्राष्ट्रीय संबंध ।

कीवर्ड - चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस, विदेशी संबंधों पर कानून, राष्ट्रीय सुरक्षा, बेल्ट और रोड पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल ।

संदर्भ:

चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस ने हाल ही में विदेशी संबंधों पर एक नया कानून बनाया है, जो 1 जुलाई से प्रभावी है। इस कानून का उद्देश्य विदेश नीति पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के प्रभाव को मजबूत करना और विदेशी मामलों से संबंधित चीन की कानूनी प्रणाली में कथित सीमाओं को दूर करना है। यह कानून चीनी विदेश नीति के प्रमुख उद्देश्यों के लिए कानूनी आधार प्रदान करके, कानून उन व्यक्तियों या संगठनों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान करता है जो उन उद्देश्यों के खिलाफ कार्य करते हैं। इसके अलावा, यह चीन में उस राजनीतिक बदलाव के साथ मेल खाता है जो विकास और खुलेपन पर सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, जिसके संभावित रूप से महत्वपूर्ण राजनीतिक और आर्थिक परिणाम हो सकते हैं।

विदेश नीति के लिए निहितार्थ:

नया कानून चीनी विदेश नीति पर राष्ट्रपति शी के केंद्रीकृत नियंत्रण को मजबूत करता है। यह स्पष्ट रूप से बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई), ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव (जीडीआई), और ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) जैसी पहलों का संदर्भ देता है, जो उनके महत्व को रेखांकित करता है। इसमें संप्रभुता और सुरक्षा को चीनी विदेश नीति के केंद्र के रूप में उजागर किया गया है, जो विकास और खुलेपन पर पूर्व की कार्यवाहियों से संभावित बदलाव का संकेत देता है। इन परिवर्तनों का चीन के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य दोनों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative- BRI) परियोजना:

  • ''वन बेल्ट, वन रोड'' परियोजना की शुरुआत चीन ने वर्ष 2013 में की थी। यह परियोजना चीन की विदेश नीति का एक हिस्सा है। इस परियोजना में एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कई बड़े देश शामिल हैं।
  • वर्ष 2016 से 'वन बेल्ट, वन रोड' परियोजना को बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना (Belt and Road Initiative- BRI) के नाम से जाना जाता है।
  • इस परियोजना के माध्यम से चीन प्राचीन सिल्क मार्ग को पुनः विकसित कर रहा है।
  • इस महत्वपूर्ण परियोजना के जरिए चीन सड़कों, रेल, बंदरगाह, पाइपलाइनों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के माध्यम से मध्य एशिया से लेकर यूरोप और फिर अफ्रीका तक स्थलीय व समुद्री मार्ग तैयार कर रहा है।
  • चीन की इस परियोजना का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, गल्फ देशों , अफ्रीका और यूरोप के देशों को सड़क और समुद्री रास्ते से जोड़ना है।
  • चीन की यह परियोजना दुनिया के 60 से अधिक देशों को सड़क, रेल और समुद्री रास्ते से जोड़ने का काम करेगी। चीन के मुताबिक़ उनकी इस परियोजना से दुनिया के अलग - अलग देश एक दूसरे के नज़दीक आएंगे जिससे आर्थिक सहयोग के साथ आपसी संपर्क को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी।
  • चीन के मुताबिक़, इस परियोजना का मकसद आर्थिक है जिसके पूरा होने से विश्व का परिदृश्य बदल सकता है।

वैश्विक सुरक्षा पहल

  • वैश्विक सुरक्षा पहल या ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई), चीन के नेतृत्व वाला एक ढांचा है जिसका लक्ष्य एशिया में स्थिरता और सुरक्षा बहाल करना है, यह एक स्थायी सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने के वास्तविक प्रयास के बजाय अमेरिकी को प्रतिसंतुलित करने का प्रयास अधिक प्रतीत होता है।

पश्चिमी प्रतिबंधों को संबोधित करना:

चीनी अधिकारियों ने कहा है कि नए कानून का एक उद्देश्य चीन पर लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों के लिए कानूनी प्रतिक्रिया तैयार करना है। यह कानून प्रतिबंधों का मुकाबला करने पर मौजूदा कानून को मजबूत करता है और चीन के भीतर काम करने वाली पश्चिमी कंपनियों के लिए ऐसे प्रतिबंधों का पालन करना अवैध बनाता है। इस प्रतिक्रिया का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून या अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले मौलिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले कृत्यों का मुकाबला करके चीन की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करना है। यह कानून आधिपत्यवाद, सत्ता की राजनीति, एकपक्षवाद, संरक्षणवाद और चीन के प्रति दुराग्रह का भी विरोध करता है।

अन्य देशों को ऋण सहायता:

नए कानून में चीन की विदेशी सहायता प्रथाओं से संबंधित प्रावधान भी शामिल हैं। अनुच्छेद 19 इस बात पर जोर देता है कि सहायता प्रदान करते समय, चीन प्राप्तकर्ता देशों की संप्रभुता का सम्मान करेगा और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने या सहायता के लिए राजनीतिक शर्तों को जोड़ने से परहेज करेगा।

भारत के लिए निहितार्थ:

चीनी विदेश नीति में सुरक्षा, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर बल देना, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के अनुरूप है। 2021 में अपनाए गए सीमा कानून का उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की कार्रवाइयों को औपचारिक बनाना है, जो द्विपक्षीय संबंधों को खराब करने में योगदान देता है। विदेशी संबंधों पर नया कानून सुरक्षा और संप्रभुता पर विशेष बल देता है, जो संभावित रूप से बातचीत के माध्यम से क्षेत्रीय विवादों को हल करने की संभावना को सीमित करता है।

कानून के प्रमुख अनुच्छेद ( प्रावधान ):

  • अनुच्छेद 6 : यह कानून अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान और सहयोग में संलग्न विभिन्न संस्थाओं और नागरिकों को चीन की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा, गरिमा, सम्मान और हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी और दायित्व सौंपता है।
  • अनुच्छेद 8: इस कानून में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान में शामिल संगठनों या व्यक्तियों और चीन के राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक कृत्यों को कानून द्वारा जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
  • अनुच्छेद 31: यह कानून इस बात पर प्रकाश डालता है कि संधियों और समझौतों से राज्य की संप्रभुता, राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
  • अनुच्छेद 17: यह कानून चीनी विशेषताओं के साथ चीन की समाजवाद प्रणाली को बनाए रखने, इसकी संप्रभुता, एकीकरण और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने की प्राथमिकता को रेखांकित करता है।

निष्कर्ष:

विदेश संबंधों पर चीन का नया कानून विदेश नीति पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नियंत्रण को अधिक प्रभावी बनता है और विदेशी मामलों से संबंधित देश की कानूनी प्रणाली में कथित सीमाओं को दूर करता है। यह सुरक्षा और संप्रभुता पर चीन के प्रभाव के अनुरूप है, जो संभावित रूप से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय गतिशीलता दोनों को प्रभावित कर रहा है। पश्चिमी प्रतिबंधों के लिए कानूनी प्रतिक्रिया तैयार करके और ऋण देने की प्रथाओं को संबोधित करके, कानून अपने वैश्विक उद्देश्यों को बढ़ावा देते हुए चीन के हितों की रक्षा करना चाहता है। यद्यपि , कानून में उपयोग की गई व्यापक भाषा व्याख्या के लिए जगह छोड़ती है, जिससे अधिकारियों को इसके कार्यान्वयन में व्यापक विवेक का प्रयोग करने की अनुमति मिलती है। भारत के लिए इस कानून के निहितार्थ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, क्योंकि यह सीमा विवाद के संदर्भ में सुरक्षा और संप्रभुता पर चीन के फोकस को मजबूत करता है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न :

  1. विदेश नीति पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नियंत्रण को मजबूत करने में चीन के नए विदेश संबंध कानून के निहितार्थ पर चर्चा करें। यह कानून सुरक्षा, संप्रभुता और विकास के प्रति चीन के दृष्टिकोण को कैसे प्रभावित करता है? (10 अंक, 150 शब्द)
  2. विदेश संबंधों पर चीन के कानून के प्रमुख प्रावधानों और भारत-चीन संबंधों पर उनके निहितार्थों का विश्लेषण करें। यह कानून दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय विवादों के समाधान और समग्र गतिशीलता को कैसे प्रभावित करता है? (15 अंक, 250 शब्द)

Source – The Hindu

किसी भी प्रश्न के लिए हमसे संपर्क करें