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Daily-current-affairs / 30 Oct 2023

अमोनिया-संचालित इंजनः सतत परिवहन विकल्प डेली न्यूज़ एनालिसिस

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Date : 31/10/2023

प्रासंगिकता:जीएस पेपर 3-विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पारिस्थितिकी

मुख्य शब्द:आईसीई, बीईवी, उच्च ऊर्जा घनत्व, कम कार्बन उत्सर्जन

संदर्भ

  • मोटर वाहन उद्योग में, अमोनिया चालित आंतरिक दहन इंजन में रुचि बढ रही है। यह नवीन तकनीक पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) और बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के अतिरिक्त एक अन्य विकल्प प्रदान करता है ।
  • एक समझौते के तहत मलेशिया की ऊर्जा कंपनी पेट्रोलियम नैशनल (पेट्रोनास) और सिंगापुर का संप्रभु कोष जीआईसी 2030 तक भारत में प्रति वर्ष 50 लाख टन हरित अमोनिया का उत्पादन करने की परियोजना में निवेश करेंगे।

आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) प्रणालियाँ:

1. परिभाषा और संचालनः

पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन प्रणाली मे ऊर्जा पैदा करने के लिए जीवाश्म ईंधन (जैसे पेट्रोल या डीजल) का दहन किया जाता हैं। वायु मिश्रण के पश्चात ईंधन प्रज्वलित होता है, जिससे एक विस्फोट होता है जो वाहन को आगे बढाता है।

2. अनुप्रयोगः

ये प्रणालियाँ कार, ट्रक और मोटरसाइकिल आदि मे आमतौर पर प्रयोग की जाती हैं।.

3. पर्यावरणीय प्रभावः

आंतरिक दहन इंजन वाहन विभिन्न गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जो वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को बढाते हैं, यह इंजन पर्यावरणीय स्थिरता के लिए चिंता का एक विषय बन गए हैं।

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी)

1. परिभाषा और ऊर्जा का स्रोतः

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन विशेष रूप से रिचार्जेबल बैटरियों द्वारा संचालित इलेक्ट्रिक वाहन हैं, जो एक इलेक्ट्रिक मोटर चलते हैं। इन बैटरियों को बिजली से चार्ज करने की आवश्यकता होती है।

2. चार्जिंग और ऊर्जा स्रोतः

बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है, जिसे अक्षय ऊर्जा सहित विभिन्न आउटलेट्स से प्राप्त किया जा सकता है, जिससे वे पारंपरिक वाहनों की तुलना मे एक स्वच्छ और हरित विकल्प बन जाते हैं।

3. उत्सर्जन में कमीः

यह वाहन ग्रीन हाउस गैसों का न्यूनतम उत्सर्जन करते हैं, जो उन्हें पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाते हैं और वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

अमोनिया के प्रमुख अनुप्रयोगः

1. कृषिः

अमोनिया, अमोनिया आधारित उर्वरकों जैसे अमोनियम नाइट्रेट और यूरिया के उत्पादन में महत्वपूर्ण है, यह उर्वरक फसल के विकास के लिए महत्वपूर्ण होते है।

2. रासायनिक उद्योगः

यह नाइट्रिक एसिड, अमोनियम सल्फेट और विभिन्न नाइट्रोजन-आधारित पदार्थों के उत्पादन में एक मौलिक घटक के रूप में कार्य करता है। इसके अतिरिक्त, अमोनिया का उपयोग नायलॉन जैसे सिंथेटिक फाइबर के निर्माण में भी किया जाता है।

3. विनिर्माण और घरेलू उपयोग :

औद्योगिक परिवेशों में, यह प्रशीतन प्रणालियों और वातानुकूलन में प्रशीतक के रूप में कार्य करता है। इसका उपयोग डाई निर्माण में और रंगाई प्रक्रियाओं में पीएच नियामक के रूप में भी किया जाता है। इसके अलावा, यह घरेलू सफाई उत्पादों में एक महत्वपूर्ण घटक है।

ईंधन के रूप में अमोनिया का उपयोग करने के लाभः

1. उच्च ऊर्जा घनत्वः

अमोनिया में उच्च ऊर्जा घनत्व होता है, जो दीर्घकालिक अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त होता है। इसमे लिथियम-आयन बैटरी की तुलना में नौ गुना अधिक ऊर्जा-घनत्व और संपीड़ित हाइड्रोजन से तीन गुना अधिक ऊर्जा-घनत्व होता है।

2. कम कार्बन उत्सर्जनः

अमोनिया में दहन के दौरान जीवाश्म ईंधन की तुलना लगभग शून्य कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है।

3. पुल ईंधनः

यह एक संक्रमणशील ईंधन के रूप में कार्य कर सकता है और पारंपरिक जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम कर सकता है, इससे ऊर्जा सुरक्षा बढेगी और ऊर्जा मिश्रण में विविधता आएगी ।

ईंधन के रूप में अमोनिया के उपयोग से जुड़ी चुनौतियां:

1. पर्यावरणीय प्रभावः

कम CO2 उत्सर्जन के बावजूद, वर्तमान अमोनिया इंजन बिना जले अमोनिया और नाइट्रोजन ऑक्साइड सहित विभिन्न प्रदूषकों का उत्सर्जन करते हैं, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा होते हैं।

2. उत्पादन की चुनौतियां:

पारंपरिक अमोनिया उत्पादन प्रक्रियाएं ऊर्जा-गहन और जीवाश्म ईंधन पर निर्भर हैं। नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करते हुए हरित अमोनिया का उत्पादन काफी महंगा होता है।

3. विषाक्तता और सुरक्षा संबंधी चिंताएं

अमोनिया अत्यधिक विषाक्त और संक्षारक है, जो सावधानीपूर्वक नियंत्रित नहीं किए जाने पर मनुष्यों और पर्यावरण दोनों के लिए जोखिम पैदा करता है। दुर्घटना या गलत तरीके से निपटान से इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

4. ईंधन गुणवत्ता मानकः

उत्पादन स्रोतों और अशुद्धता के स्तरों में भिन्नताओं को देखते हुए ईंधन के रूप में अमोनिया के लिए सुसंगत गुणवत्ता मानकों की स्थापना करना जटिल है।

आगे का रास्ता

अनुसंधान और विकासः

अत्यधिक कुशल और स्वच्छ अमोनिया इंजन विकसित करने के लिए अनुसंधान में निवेश आवश्यक है। दहन प्रक्रियाओं को परिष्कृत करना और नाइट्रोजन (एनओएक्स) उत्सर्जन को कम कर अमोनिया ईंधन का उपयोग करने में सक्षम इंजनों को डिजाइन करना जरूरी है। इंजन डिजाइन में ये व्यावहारिक सुधार ईंधन स्रोत के रूप में अमोनिया की व्यवहार्यता को बढा सकते हैं।

सुरक्षा प्रशिक्षणः

अमोनिया उद्योग में काम करने वाले व्यक्तियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू करना महत्वपूर्ण है। प्रक्रियाओं को संभालने में उचित प्रशिक्षण, सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों का ज्ञान अमोनिया की विषाक्तता से जुड़े जोखिमों को कम कर सकता है।

बाजार प्रोत्साहनः

कर क्रेडिट या सब्सिडी जैसे बाजार प्रोत्साहन, ईंधन के रूप में अमोनिया को अपनाने को प्रोत्साहित कर सकते हैं, विशेष रूप से समुद्री परिवहन जैसे उन क्षेत्रों में जहां इसके उपयोग का पर्याप्त सकारात्मक प्रभाव हो सकता है। ये प्रोत्साहन व्यवसायों और उद्योगों को अमोनिया-आधारित प्रणालियों में संक्रमण के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।

अमोनिया हाइब्रिडः

सौर और पवन ऊर्जा जैसे अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ अमोनिया को एकीकृत करने वाली संकर प्रणालियों का विकास एक आशाजनक दृष्टिकोण है। कम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की अवधि के दौरान, अमोनिया एक ईंधन के रूप में काम कर सकता है, जो स्थिरता को बढावा देते हुए एक निरंतर और विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित कर सकता है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

  1. मोटर वाहन उद्योग में ईंधन के रूप में अमोनिया की क्षमता पर चर्चा करें, इसके लाभों और चुनौतियों पर प्रकाश डालें। तकनीकी नवाचार और अनुसंधान इन चुनौतियों को कम करने में कैसे योगदान कर सकते हैं, जिससे अमोनिया-संचालित इंजन एक व्यवहार्य और टिकाऊ विकल्प बन सकते हैं? (10 marks, 150 words)
  2. पारंपरिक आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) प्रणालियों और बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की तुलना में अमोनिया संचालित इंजनों के पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन करें। पर्यावरणीय स्थिरता के लिए इसके प्रभावों पर जोर देते हुए, विभिन्न क्षेत्रों में एक स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन स्रोत के रूप में अमोनिया को व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा देने में कड़े गुणवत्ता मानकों, सुरक्षा प्रोटोकॉल और बाजार प्रोत्साहनों की भूमिका का विश्लेषण करें। (15 marks, 250 words)

Source- Business Standard

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