होम > Daily-current-affairs

Daily-current-affairs / 21 Mar 2024

भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग का सशक्तिकरण: तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन - डेली न्यूज़ एनालिसिस

image

संदर्भ-

भारत का सेमीकंडक्टर विनिर्माण उद्योग एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के चरण से गुजर रहा है, यह देश की तकनीकी क्षमताओं और आर्थिक लचीलापन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रणनीतिक निवेश और पहलों के माध्यम से तीव्रता से वृद्धि कर रहा है। 'मेक इन इंडिया' अभियान जैसे कार्यक्रम डिजिटल युग में सेमीकंडक्टर उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा रहे हैं।
सेमीकंडक्टर विनिर्माण में हाल के विकास
भारत के सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय विकास देखा है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, फॉक्सकॉन और एच. सी. एल. समूह जैसी प्रमुख कंपनियों के नेतृत्व में संचालित कई परियोजनाएं आयातित चिप्स और उपकरणों पर निर्भरता कम कर रहीं हैं। ये पहल स्वदेशी सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने और तकनीकी नवाचार को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं।
सरकारी पहल और निवेश  
सेमीकंडक्टर विनिर्माण पहलों के लिए भारत सरकार का समर्थन और वित्त पोषण में  महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 'डेवलेपमेंट ऑफ सेमीकंडक्टर्स एंड डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम' पहल के तहत 76,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इसके अलावा ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प और रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ सहयोग को बढ़ावा देकर देश के सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत किया जा रहा है।
आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर संभावित प्रभाव
भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर गहरा प्रभाव होने की संभावना है। इन पहलों से विशेष रूप से उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। साथ ही सेमीकंडक्टर उद्योग में मोटर वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, दूरसंचार और औद्योगिक विनिर्माण सहित विभिन्न उद्योगों में विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, यह विकास भारत के आर्थिक विकास में योगदान देने के साथ नवाचार और अनुसंधान के लिए एक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देगा।
सेमीकंडक्टर विनिर्माण परियोजनाओं का अवलोकन
वर्तमान में देश में कई प्रमुख सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना की जा रही है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और फॉक्सकॉन जैसी प्रमुख कंपनियों द्वारा संचालित इन परियोजनाओं का उद्देश्य चिप निर्माण और उन्नत पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों में भारत की क्षमताओं को बढ़ाना है। आइए इन परियोजनाओं के विवरण और उनके संभावित प्रभावों पर अध्ययन करें।

  • टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स
    टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड भारत की सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से कई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है। 50,000 वेफर्स की मासिक उत्पादन क्षमता के साथ गुजरात के धोलेरा में सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने के लिए ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स से सहयोग हेतु हस्ताक्षर किये है। इस परियोजना के तहत 91,000 करोड़ रुपये का निवेश किए जाने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (टीएसएटी) 27,000 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई का निर्माण करेगी। ये परियोजनाएं ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन सहित विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण गतिविधियों को बढ़ाएंगी, जो भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता में योगदान देगी
  • पावर सेमीकंडक्टर परियोजना
    सीजी पावर, रेनेसा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्प और थाईलैंड के स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स के सहयोग से, गुजरात के साणंद में 7,600 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है। यह पहल सेमीकंडक्टर उत्पादन में खुद को एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की भारत की महत्वाकांक्षा को रेखांकित करती है। इलेक्ट्रॉनिक्स उपभोक्ता , औद्योगिक मशीनरी, मोटर वाहन प्रणालियों और बिजली उपकरणों में अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, इस परियोजना से सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
  • फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा
    फॉक्सकॉन, एचसीएल समूह के साथ साझेदारी के माध्यम से भारत में एक सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा (ओएसएटी) स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसमें 1,200 करोड़ रुपये का प्रारंभिक निवेश किया जाना है। यह भारतीय सेमीकंडक्टर परिदृश्य में फॉक्सकॉन के प्रवेश को दर्शाता है और सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की क्षमता का लाभ उठाने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है। संयुक्त उद्यम में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 37.2 मिलियन डॉलर के निवेश की योजना के साथ, फॉक्सकॉन का उद्देश्य भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान करना और वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करना है। 

संभावित प्रभाव और भविष्य का दृष्टिकोण
प्रस्तावित सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों में देश के तकनीकी परिदृश्य को नया रूप देने और इसके आर्थिक विकास में तेजी लाने की अपार क्षमता विद्यमान है। चिप्स और उपकरणों के आयात पर निर्भरता कम करके, भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ा सकता है, और वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकता है। इसके अतिरिक्त , इन पहलों से विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार, अनुसंधान और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे सतत और समावेशी विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा इन परियोजनाओं के निम्नलिखित लाभ हैं-

  • तकनीकी आत्मनिर्भरता को मजबूत करना
    भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं का विस्तार स्वदेशी तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता को कम करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है। रणनीतिक साझेदारी और निवेश का लाभ उठाकर, भारत का लक्ष्य सेमीकंडक्टर उत्पादन, नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में खुद को एक प्रमुख भागीदार देश के रूप में स्थापित करना है।
  • नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना
    सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों की स्थापना से उन्नत प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में नवाचार और अनुसंधान को उत्प्रेरित करने की उम्मीद है। सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करके, ये पहल अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और समाधानों के विकास को बढ़ावा दे सकती हैं, जिससे भारत तकनीकी नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित हो सकता है।
  • आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा
    भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास का आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर गुणात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन केवल भारत के कुशल कार्यबल को बढ़ाएगा, बल्कि सतत आर्थिक विकास और समावेशी विकास में भी योगदान देगा।

निष्कर्ष
सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा तकनीकी प्रगति और आर्थिक लचीलापन की अपनी खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। रणनीतिक निवेश, सहयोग और सरकारी समर्थन के साथ, भारत सेमीकंडक्टर निर्माण में एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरने के लिए तैयार है। देश भर में सेमीकंडक्टर इकाइयों की स्थापना में नवाचार, अनुसंधान और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपार क्षमता है, जिससे भारत डिजिटल युग में तकनीकी उत्कृष्टता में सबसे आगे है।

यूपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न

  1. भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयों की स्थापना 'मेक इन इंडिया' अभियान के उद्देश्यों के साथ कैसे मेल खाती है, और इन पहलों को संचालित करने में सरकार क्या भूमिका निभाती है? (10 Marks, 150 Words)
  2. सेमीकंडक्टर बाजार में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड और फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों द्वारा किन रणनीतिक साझेदारी और निवेशों का लाभ उठाया जा रहा है, और इन सहयोगों के प्रत्याशित परिणाम क्या हैं?स्पष्ट करें।  (15 Marks, 250 Words)

किसी भी प्रश्न के लिए हमसे संपर्क करें