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Brain-booster / 12 Jul 2023

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: सागर समृद्धि (Sagar Samriddhi)

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चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) ने सरकार की ‘वेस्ट टू वेल्थ’ परियोजना में तेजी लाने के लिए एक ऑनलाइन ड्रेजिंग निगरानी प्रणाली ‘सागर समृद्धि’ की स्थापना की।

सागर समृद्धि के बारे में

  • बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (NTCPWC), MoPSW की प्रौद्योगिकी शाखा, ने इस प्रणाली का निर्माण किया है।
  • यह प्रणाली पिछले ड्राफ्ट और लोडिंग मॉनिटर (DLM) प्रणाली को प्रतिस्थापित करेगी।
  • यह विधि दक्षता और अनुबंध प्रबंधन में सुधार करने के साथ-साथ निकर्षण सामग्री के उचित पुनः उपयोग को प्रोत्साहित करने का प्रयास करती है।
  • यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण के अनुरूप है, और यह देश की तकनीकी क्षमता को विकसित करने में मदद करेगी।

क्षमताएं

  • वास्तविक समय में ड्रेजिंग प्रगति रिपोर्ट तैयार करना।
  • दैनिक और मासिक विकास का विजुअलाइजेशन।
  • डाउनटाइम और ड्रेजर प्रदर्शन की निगरानी।
  • तात्कालिक लोडिंग, अनलोडिंग और निष्क्रिय समय स्नैपशॉट के साथ सरल स्थान ट्रैकिंग डेटा उपलब्ध कराना।

महत्त्व

  • प्रौद्योगिकी उपयोग के निम्नलिखित लाभ होंगेः
  • परियोजनाओं को समय पर पूरा करना।
  • ड्रेजिंग की कम लागत।
  • पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि।
  • पर्यावरण सतत परियोजनाओं को बढ़ावा देना।
  • प्रमुख बंदरगाहों और जलमार्गों पर वार्षिक रखरखाव के लिए ड्रेजिंग लगभग 100 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जिसके लिए भारतीय बंदरगाह और अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण प्रति वर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपये खर्च करता है।
  • इस परिशिष्ट को अपनाने और ‘सागर समृद्धि’ पद्धति को अपनाने से पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए ड्रेजिंग लागत में काफी कमी आएगी।
  • इस दृष्टिकोण के कारण परियोजना में सुधार, परिचालन लागत में कमी, और गहरे ड्राफ्ट बंदरगाहों के निर्माण में तेजी आयेगी।

ड्रेजिंग क्या है?

  • ड्रेजिंग झीलों, नदियों, बंदरगाहों, और पानी के अन्य निकायों के तल से तलछट और मलबे को हटाने की प्रक्रिया है।
  • अवसादन, तलहटी पर बालू और गाद जमा होने की प्राकृतिक प्रक्रिया है, यह विश्व भर में चैनलों और बंदरगाहों को धीरे-धीरे भरती है।

NTCPWC के बारे में

  • NTCPWC की स्थापना अप्रैल 2023 में MoPSW के सागरमाला कार्यक्रम के हिस्से के रूप में IIT मद्रास में 77 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ की गई थी।
  • NTCPWC का लक्ष्य देश में समुद्री उद्योग के विकास हेतु बाधाओं के समाधान निकालते हुए, समुद्री क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को सुविधाजनक बनाना है।
  • यह अत्याधुनिक सुविधा सभी क्षेत्रों में बंदरगाह, तटीय और जलमार्गों के लिए 2डी और 3डी अनुसंधान और परामर्श अध्ययन आयोजित करने के लिए विश्व स्तरीय क्षमता प्रदान करती है।

आगे की राह

  • सागर समृद्धि परियोजना एक महत्वपूर्ण बुनियादी अवसरंचना कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य बंदरगाह तक पहुँच में सुधार करना और तटीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के समुद्री उद्योग में सुधार करना और आर्थिक विकास हेतु देश की विस्तृत तट रेखा का बेहतर उपयोग करना है।

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