Brain-booster
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27 Jun 2021
यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: डगमारा जलविद्युत परियोजना (Dagmara Hydroelectric Project)
यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए
करेंट अफेयर्स
ब्रेन बूस्टर (Current
Affairs Brain Booster
for UPSC & State PCS Examination)
विषय (Topic): डगमारा
जलविद्युत परियोजना (Dagmara Hydroelectric Project)

चर्चा में क्यों?
- हाल ही में राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (National Hydro Power Corporation-
NHPC) लिमिटेड ने 130.1 मेगावाट की डगमारा जलविद्युत परियोजना के कार्यान्वयन
के लिए बिहार राज्य जल विद्युत निगम (बीएसएचपीसी) के साथ समझौता ज्ञापन पर
हस्ताक्षर किए हैं।
प्रमुख बिन्दु
- बिहार की 130.1 मेगावाट की डगमारा जल विद्युत परियोजना को एनएचपीसी की
स्वामित्व के आधार पर कार्यान्वित किया जाना है।
- गौरतलब है कि जल विद्युत के क्षेत्र में एनएचपीसी भारत सरकार के विद्युत
मंत्रालय के तहत श्रेणी-ए की एक मिनीरत्न कंपनी है। वर्तमान में, एनएचपीसी के
पास 24 परिचालित विद्युत स्टेशन हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 7071 मेगावाट
है।
- यह परियोजना केंद्रीय विद्युत प्राधिकार में इसलिए लंबित थी कि इसकी
परियोजना लागत अधिक है।
इस परियोजना के बारे में
- यह परियोजना कोसी नदी पर बनायी जा रही है। कोसी नदी के तटबंध पर इस परियोजना
की शुरुआत होगी।
- डगमरा पनबिजली परियोजना का डीपीआर दिसंबर 2011 में ही केंद्र को सौंपा गया
था। इसमें पनबिजली के साथ-साथ सौर ऊर्जा, मछली उत्पादन को भी शामिल किया गया
है।
- बिहार के साथ-साथ बिजली की आपूर्ति नेपाल को भी की जाएगी।
- राज्य सरकार द्वारा परियोजना के लिए 5 वर्षाे की अवधी के दौर कुल 700 करोड़
रु अनुदान के रूप में स्वकृत किया गया। ₹700 करोड़ के अनुदान से परियोजना के
निर्माण लगता में काम आई जिस से राज्य को सस्ती बिजली प्राप्त होगी।
- परियोजना के निर्माण से बाढ़ के विभीषका से होने वाली जान माल एवं तटबंध की
क्षति में कमी आएगी तथा कोसी नदी को पार करने के लिए एक अतिरिक्त वैकल्पिक
मार्ग पुल का निर्माण हो सकेगा, जिससे एक वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध होगा।
- डगमारा बहुउद्देशीय जल विधुत परियोजना रन आफ रिवर के अंतर्गत कोशी बराज से
लगभग 31 किलोमीटर डाउनस्ट्रीम मे कोसी नदी पर भप्तियाही ब्लाक जिला सुपौल में
बनाया जाना है।
- इस परियोजना की कुल क्षमता 130 मेगावाट है जिसमें 7.65 मेगावाट के 17 यूनिट
स्थापित होगी जिसमें 5.87 मीटर का हेड विद्युत उत्पादन के लिए उपलब्ध होगा। इस
परियोजना में कंक्रीट बराज, अर्थन डैम एवं पावर हाउस का निर्माण किया जाना है
जिसकी लम्बाई क्रमशः 945 मीटर, 5750 मीटर, एवं 283.20 मीटर होगी।
परियोजना से लाभ
- इस परियोजना के पूर्ण होने से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष एक हजार से 12 सौ
व्यक्तियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
- परियोजना के पूर्ण होने पर कोसी नदी पर एक और पुल का विकल्प उपलब्ध होगा।
बाढ़ पर नियंत्रण करना सुगम होगा।
- पर्यटन एवं मत्स्य पालन के अवसर उपलब्ध होंगे। साथ ही इस क्षेत्र का
सामाजिक एवं आर्थिक विकास संभव हो सकेगा।
कोसी नदी
- कोसी को नेपाल में सप्तकोसी के नाम से जाना जाता है जो सात नदियों-
इंद्रावती, सुनकोसी या भोट कोसी, तांबा कोसी, लिक्षु कोसी, दूध कोसी, अरुण कोसी
और तामर कोसी के सम्मिलित प्रवाह से बनी है।
- त्रिवेणी के पहाड़ों से होते हुए कोसी हनुमान नगर के पास भारतीय क्षेत्र
में प्रवेश करती है। पहाड़ से मैदान में उतरते ही कोसी का पाट काफी चौड़ा होता
जाता है।
- कोसी नदी बिहार में कुल 260 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद कटिहार जिले के
कुर्सेला के पास गंगा में मिल जाती है। कोसी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 74,073
वर्ग किमी है, जिसमें 11, 410 वर्ग किमी क्षेत्र बिहार में है।
- कोसी अपनी धारा लगातार बदलने के लिए प्रसिद्ध है- इसे बिहार का शोक के रूप
में भी जाना जाता है क्योंकि यह उपजाऊ कृषि भूमि को प्रभावित करती है, जिससे
ग्रामीण अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो जाती है।