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Brain-booster / 24 Aug 2023

यूपीएससी और राज्य पीसीएस परीक्षा के लिए ब्रेन बूस्टर (विषय: जलवायु परिवर्तन से समुद्र के रंग में परिवर्तन (Climate Change Altering the Colour of the Oceans)

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चर्चा में क्यों?

  • एक अध्ययन के अनुसार, पिछले दो दशकों में पृथ्वी के समुंद्रों के रंग में परिवर्तन हुआ है, जिसका सबसे संभावित कारण मानव-जनित जलवायु परिवर्तन हो सकता है।

रंग परिवर्तन के प्रभाव

  • अध्ययन के अनुसार, समुंद्रों के रंग में परिवर्तन का सीधे समुद्री जीवन पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होता।
  • यह दर्शाता है कि समुंद्री पारिस्थितिकियों में परिवर्तन हो रहा है और भविष्य में यह अत्यधिक असंतुलित हो सकता है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र में परिवर्तन से उत्पादकता, महासागरों में भंडारित कार्बन की मात्रा और मत्स्य पालन के लिए खाद्य आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।

समुद्र के रंग का कारण

  • ‘प्रकाश के अवशोषण और परावर्तन’ के कारण, अधिकांश क्षेत्रों में समुद्र का रंग नीला होता है।
  • जब सूर्य की किरणें गहरे और स्पष्ट पानी पर पड़ती हैं, तो उस पानी के अणुओं द्वारा लम्बी तरंगदैर्ध्य वाले रंग अवशोषित किये जाते हैं, लेकिन नीले और वायलेट, जिनकी तरंगदैर्ध्य काफी कम होती है, परावर्तित हो जाती है।
  • परन्तु जब पानी गहरा या साफ नहीं होता है, तो समुंद्र अन्य रंगों का दिख सकता है।
  • समुद्र हरा दिखाई देता है, तो यह पानी की ऊपरी सतह पर फाइटोप्लैंकटन की मौजूदगी के कारण होता है।

अध्ययन हेतु प्रयुक्त विधियाँ

  • नासा के ऑक्वा उपग्रह पर स्थित मॉडरेट रेजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर (MODIS), से प्राप्त डेटा।
  • यह 2002 से समुद्रों के रंग का अध्ययन कर रहा है।
  • यह महासागरों की सतह से परावर्तित होने वाली, प्रकाश की सभी तरंग दैर्ध्य पर, आने वाले प्रकाश की मात्रा की माप करता है।
  • 20 वर्षों की डेटा जांच से ज्ञात हुआ कि विश्व के सागरों में, 50% से अधिक स्थानों पर रंग में परिवर्तन हुआ है।

जलवायु मॉडल

  • यह पृथ्वी का एक कंप्यूटर मॉडल है।
  • इस मॉडल ने दो परिस्थितियों के तहत समुद्रों का सिमुलेशन किया
  • ग्रीनहाउस गैसों की उपस्थिति के साथ
  • ग्रीनहाउस गैसों के बिना
  • 20 वर्षों के भीतर एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति प्रकट होनी चाहिए और इस प्रवृत्ति के कारण विश्व के लगभग 50% महासागरों में समुद्र के रंग में परिवर्तन होगा, जो उपग्रह से प्राप्त डेटा के समान है।

रंग के परिवर्तन के कारण

  • रंग में बदलाव उन क्षेत्रों में हो रहा है जहां महासागर अधिक स्तरीकृत हो रहे हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के कारण स्तरीकरण बढ़ गया है, जिससे पानी की परतों का एक-दूसरे के साथ मिश्रण करना कठिन हो गया है।

जलवायु परिवर्तन के परिणाम

  • महासागर अधिक कार्बन डाइऑक्साइड को वायुमंडल से अवशोषित कर सकते हैं।
  • ऑक्सीजन अधिक गहराई में स्थित ठंडे समुद्री जल से अच्छे से मिल नहीं सकता है, जिससे जलीय जीवन को खतरा हो सकता है।
  • पोषक तत्त्व नीचे से ऊपरी सतह तक नहीं पहुँच पाते।
  • इसका सीधा प्रभाव महासागरों की ऊपरी सतह पर पनपने वाले फाइटोप्लांकटन पर पड़ता है।

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