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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 28 February 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 28 February 2020



जजों की निष्पक्षता संबंधी विवाद

  • 22- 23 फरवरी 2020 के मध्य अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन ( इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ्रेंस ) 2020 का आयोजन नई दिल्ली में किया गया !
  • इस सम्मेलन का विषय “न्यायपालिका और बदलता विश्व” रखा गया !
  • यहां बोलते हुए PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर भारतीय की न्यायपालिका पर बहुत आस्था है !
  • हाल के समय में कुछ निर्णयों की ओर संकेत करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि सभी भारतीयों ने जिस तरह से इन निर्णय को माना है उससे लोगों का कानून पर भरोसा दिखाई देता है !
  • आगे उन्होंने कहा कि भारत में रूल ऑफ लॉ सामाजिक संस्कारों का आधार है !
  • Gender Just World के विषय पर खुशी जताते हुए Gender Justice को हर समाज के लिए आवश्यक बताया !
  • विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन की कोर्ट की गंभीरता के लिए PM ने आभार व्यक्त किया !
  • PM ने कहा कि डाटा सुरक्षा, साइबर क्राइम, न्यायपालिका के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरा है ! जिससे निपटने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहायक हो सकता है !
  • देश के हर कोर्ट को E-Court Integrated Mission Mode Project से जोड़ा जाए !
  • चीफ जस्टिस एस. ए. बोबड़े ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वामी विवेकानंद के विचारों के अनुरूप स्वतंत्रता और कर्तव्यों की अनिवार्यता के बीच तालमेल बैठाया है !
  • यहां सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा ने कहा कि PM मोदी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं !
  • न्यायपालिका और कार्यपालिका एक दूसरे से स्वतंत्र हैं और निष्पक्ष भी इसलिए कई समीक्षक कोर्ट की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर प्रश्न उठा रहे हैं !
  • किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका की आवश्यकता होती है इसके लिए तीन शर्ते आवश्यक होती हैं !
  1. न्यायाधीशों को भय और पक्षपात से परे होना चाहिए !
  2. न्यायपालिका के निर्णय आदेश कार्यपालिका से मुक्त और स्वतंत्र होना चाहिए !
  3. इसे सरकार के हर विभाग से स्वतंत्र होना चाहिए !
  • अभी तक के सुप्रीम कोर्ट के कुछ निर्णयों के माध्यम से हम न्यायपालिका पर लगाए गए आक्षेप को विश्लेषित करने का प्रयास कर सकते हैं !
  • सी. रविचंद्रन अय्यर बनाम न्यायमूर्ति ए. एम. भट्टाचार्जी एवं अन्य मामले में SC ने कहा कि न्यायाधीश के लिए आचरण का मानक सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा अधिक होता है !
  • न्यायाधीशों को मानवीय दुर्बलता और कमजोर चरित्र से मुक्त होना चाहिए !
  • 1997 में अपनाए गए न्यायिक चार्टर के अनुसार -
  1. उच्चतर न्यायपालिका के सदस्यों का व्यवहार एवं आचरण न्यायपालिका की निष्पक्षता के प्रति लोगों के विश्वास की पुष्टि करता है !
  2. न्यायधीश को अपने संस्था की गरिमा के अनुरूप पृथकता का स्तर ( Degree Of Aloofness ) बनाए रखना चाहिए !
  3. न्यायधीश सार्वजनिक बहस में भाग नहीं लेगा तथा राजनीतिक मामलों पर जनता के बीच अपने विचार व्यक्त नहीं करेगा !
  4. प्रत्येक न्यायाधीश को प्रत्येक समय इस बात के प्रति सचेत रहना चाहिए कि वह जनता की निगाह में है और उसके द्वारा कोई चूक नहीं होनी चाहिए !
  • सन 1981 के S.P. गुप्ता बनाम भारत संघ के मामले मेंSC ने कहा कि न्यायाधीशों को आर्थिक या राजनीतिक शक्ति के सामने सख्त होना चाहिए और उन्हें Rule Of Low के सिद्धांत को बनाए रखना चाहिए !
  • Rule Of Low का अर्थ है कानून सर्वोपरि है तथा वक्त सभी लोगों पर समान रूप से लागू होता है !
  • वर्ष 1993 के सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम भारत संघ मामले में 9 न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ ने कॉलेजियम सिस्टम नामक एक विशिष्ट प्रक्रिया तैयार करने की बात कही !
  • यह प्रावधान इसलिए आवश्यक माना गया क्योंकि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता अक्षुण बनी रहे !
  • इसके अलावा संवैधानिक पीठ ने कहा कि उच्चतम/ उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए केवल उसी व्यक्ति को उपयुक्त माना जाना चाहिए जो सक्षम स्वतंत्र और निडर हो !
  • संविधान सभा की बैठक के समय 24 मई 1949 को के. टी. शाह का एक वक्तव्य के दौरान कहते हैं कि सर्वोच्च न्यायालय को राजनीतिक प्रभाव से पूरी तरह बाहर होना चाहिए !
  • कई बार ऐसे प्रकरण आए हैं जब जज अपने कार्यकाल के बाद कई प्रकार के संस्थाओं के मुखिया बनाए गए एवं मलाईदार पदों पर नियुक्त किए गए !
  • कई ऐसे भी के सामने आए जब न्यायपालिका मे राजनीतिक हस्तक्षेप भी दिखे !
  • कुछ समय पूर्व ही SC के 4 जजों ने मीडिया के सामने आकर यह कहा कि बाहरी हस्तक्षेप/ दबाव बढ़ गया है !
  • एक दिन पहले दिल्ली अशांति को लेकर सख्त टिप्पणी करने वाले जज मुरलीधरन के ट्रांसफर को भी राजनीतिक हस्तक्षेप से जोड़कर देखा जा रहा है !
  • कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हालांकि इस पर यह सफाई दी है कि यह SC के कॉलेजियम में अनुशंसा पर हुआ है जिसके प्रमुख CJI है और यह अनुशंसा 12 फरवरी की है !
  • फ्रांसीस बेकन- " न्यायाधीशों को मजाकिया से अधिक प्रबुद्ध, प्रशंसनीय से अधिक श्रद्धेय और आत्मविश्वास से अधिक विचार पूर्ण होना चाहिए !"

Technical textiles क्या होते हैं ?

  • Textiles ( वस्त्र) सामान्यत शरीर को ढकने और सौंदर्य बोध उत्पन्न कराने के लिए होते हैं ! यह परंपरागत वस्त्र की श्रेणी में रखे जाते !
  • वर्तमान समय में कृषि, उद्योग, ऊर्जा, यातायात, अन्वेषण- परीक्षण एवं बचाव कार्य के लिए कुछ खास प्रकार के वस्त्रों की आवश्यकता होती है !
  • जब वस्त्र इन्हीं खास आवश्यकता व कार्य को पूरा करने के लिए उन्नत तकनीकी का प्रयोग करके बनाए जाते हैं तो ऐसी वस्तुओं को तकनीकी वक्त के नाम से जाना जाता है !
  • सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बलों की बढ़ती संख्या, खेलकूद की बढ़ती लोकप्रियता, एवं शोध चिकित्सा में बढ़ती मांग के कारण तकनीकी व का बाजार तेजी से बढ़ा है !
  • इस तरह तकनीकी वस्त्र का उत्पादन न सिर्फ वस्त्र उद्योग की विविधता के लिए आवश्यक है बल्कि निर्यात के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है !
  • वर्तमान समय में निर्यात से लगभग 14000 करोड़ रुपए प्राप्त होते हैं !
  • हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 1480 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले National Technical Textiles Mission की स्थापना को मंजूरी दे दी है !
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान इसका जिक्र किया था !
  • इस मिशन को 2020- 21 से 2023- 24 तक ( 4 साल ) क्रियान्वित किया जाएगा !
  • मुख्य लक्ष्य भारत को तकनीकी वस्त्र के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित करना है !
  • अनुसंधान, नवाचार और विकास इसका पहला प्रमुख घटक है ! इसके माध्यम से फाइबर के विभिन्न प्रकारों के अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा ! कार्बन फाइबर, आरामिड फाइबर, नायलॉन फाइबर आदि को इसके अंतर्गत शामिल किया जाएगा !
  • बाजार विकास, बाजार संवर्धन, निवेश प्रोत्साहन, अंतरराष्ट्रीय तकनीकी के अडॉप्टेशन को बढ़ावा दिया जाएगा !
  • मेक इन इंडिया पहल के माध्यम से प्रतिवर्ष 15 से 20% की औसत वृद्धि के साथ घरेलू बाजार के आकार को वर्ष 2024 तक 40- 50 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है !
  • निर्यात के आकार को 20000 करोड रुपए के लक्ष्य के साथ साथ निर्यात में प्रतिवर्ष 10% औसत की वृद्धि से बढ़ाने का थी टारगेट रखा गया है !
  • निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तकनीकी वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी !
  • इस क्षेत्र में व्यापक संभावना है क्योंकि भारतीय तकनीकी वस्त्र बाजार वैश्विक तकनीकी बाजार का 6% है !
  • सबसे बढ़कर भारतीय युवाओं की बढ़ती प्रत्येक क्षेत्र में भागीदारी के लिए यह आवश्यक है कि हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करें !