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Blog / 24 Feb 2020

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 24 February 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 24 February 2020



लासा वायरस

  • कोरोना वायरस की रोकथाम करने में हम अभी पूर्ण सक्षम नहीं हो पाए थे, कि लासा बुखार (Lassa Fever ) ने दस्तक दे दी है !
  • इस बुखार के बढ़ते प्रकोप के कारण नाइजीरिया विज्ञान अकादमी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने का आह्वान किया है !
  • इस बुखार का दायरा काफी बड़ा है ! यह नाइजीरिया के अलावा बेनिन, घाना, गिनी, माली, लाइबेरिया , सियरा लियोन, एवं पश्चिमी अफ्रीका के अन्य देशों में फैल चुका है !
  • सबसे पहले इस बीमारी का 1969 में पता चला था, लेकिन अब यह प्रारंभिक 2 नाइजीरियन राज्यों में फैलकर पूरे नाइजीरिया को अपने गिरफ्त में ले चुका है !
  • पश्चिमी अफ्रीका 2014 में इबोला वायरस की चपेट में था, उस समय भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के माध्यम से लगभग 3 माह में इससे निपट पाया था !
  • इसका संक्रमण तेजी से होता है लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के कारण यह संक्रमण जानलेवा साबित हो रहा है इसलिए इस आपातकाल की आवश्यकता महसूस की जा रही है !
  • यह बुखार लासा वायरस के कारण होता है ! कई रिसर्च में यह सामने आया है कि यह संक्रमित चूहों के मल-मूत्र के संपर्क में आने से फैलता है !
  • जिस स्थान पर भारी तादाद में चूहे मल-मूत्र त्यागते हैं उस स्थान पर एरोसॉलाज्ड नामक तत्व बनने लगता है ! यह हवा, पानी, खाद्य आदि के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है !
  • व्यक्तिगत तौर पर यह खांसी, छींक, स्तनपान, शरीर के तरल पदार्थ, उत्सर्जित मल-मूत्र या गंदगी के द्वारा या फैलता है !
  • इस रोग के बढ़ने का प्रमुख कारण इस क्षेत्र में चूहों की बढ़ती संख्या है ! इससे लोग किसी न किसी रूप में चूहों के संपर्क में आते हैं और इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं !
  • इस बीमारी की इनक्यूबेशन अवधि लगभग 10-12 दिन का है ! प्रारंभ में कमजोरी महसूस होती है और धीमा बुखार आता है !
  • बाद में उल्टी-दस्त, खांसी, ऊबकाई, मुह मे छाले, पेट, सीने एवं मांसपेशियों में दर्द की शिकायत होती है !
  • आगे चलकर दौरा पड़ना, कपकपाहट, और कोमा और मौत की घटना तक हो जाती है !
  • यह बीमारी घातक इसलिए भी सिद्ध हो रही है क्योंकि बिना प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण के बिना इसे मलेरिया एवं अन्य परंपरागत बुखारो से अलग करना मुश्किल है !
  • इस पर रोकथाम के लिए सबसे पहले चूहों की संख्या को सीमित करना आवश्यक है !
  • खाद्य सामग्री को रेट प्रूफ कंटेनर में रखना, साफ-सफाई की व्यवस्था करना, कचरे को घर से दूर फेंकना, आदि शामिल किए जा सकते हैं !
  • संक्रमित लोगों से यथासंभव दूरी रखना, उनके शरीर से निकालने वाले खून या तरल पदार्थ से बचना होगा !
  • पूरे शरीर को कपड़े से ढककर रखना, मास्क का प्रयोग करना, आदि भी सुरक्षात्मक उपाय है !
  • यह बीमारी घातक इसलिए होती जा रही है क्योंकि इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगभग 5000 मौतें होती हैं !
  • अपर्याप्त ध्यान दिया जाना, टीकाकरण और दवाओं की कमी तथा कमजोर निगरानी प्रणाली ने मौतों की संख्या को बढ़ाया है इसलिए अब इस लड़ाई के साथ प्रयास किए जा रहे हैं !

पूर्वोत्तर भारत की 60 नदियों में भी प्रदूषण

  • BOD- बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड का प्रयोग जल की शुद्धता मापन के लिए किया जाता है !
  • नदियों एवं झीलों में अनेक प्रकार के जैविक प्रदूषक पाए जाते हैं जिनका अपघटन जल में उपस्थित जीवो के द्वारा किया जाता है ! इस क्रिया में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का प्रयोग होता है !
  • अधिक प्रदूषण का अपघटन करने के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है फलस्वरूप ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है !
  • परिभाषा- जैविक पदार्थों की एक निश्चित मात्रा के विघटन के लिए आवश्यक
  • ऑक्सीजन को जैविक ऑक्सीजन मांग कहते हैं !
  • कुछ दिन पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में BOD के मानक पर लगभग 60 नदियों में कुछ-कुछ क्षेत्रों में उच्च स्तर का प्रदूषण पाया है !
  • सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा नदियों पर किए शोध को प्रकाशित किया गया !
  • शोध में यह बताया गया है कि CPCB ने संपूर्ण भारत में 350 से अधिक नदियों के प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान की है और यह भी बताया है कि इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है !
  • औद्योगीकरण, खनन अपशिष्ट के निष्कासन एवं अनेक प्रकार के कचरे की डंपिंग को इसके लिए मुख्य कारण बताया गया है ! यही कारण है कि प्रदूषण सबसे अधिक उन्हीं कस्बों एवं औद्योगिक क्षेत्र में पाया गया है जहां फैक्ट्रियां एवं कारखाने हैं !
  • सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की अनउपलब्धता और सही तरीके से कार्य न करने के कारण 60% से अधिक अनुपचारित सीवेज नदियों एवं नहरों में छोड़ दिया जाता है !
  • शोध ने नीति आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स के सहारे से यह भी सूचना दी है कि 70% ताजे पानी के स्रोत प्रदूषित हो चुके हैं और 60 करोड़ से अधिक लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है !
  • पूर्वोत्तर राज्य असम में भरालु, बसीठा, कोलॉन्ग, बोको, कोपिली की नदियां वही मेघालय की बमुखराह , विखिर्वी , उम्शिर्पी , कमई-उम, रावका, उमपई, सारबंग मे BOD कम पाया गया है !
  • मिजोरम में चिते, नागालैंड में धनसिरि, मणिपुर में कोंगबा एवं नग्बुल प्रथा त्रिपुरा की गुमती नदियां प्रमुख प्रदूषित नदियां हैं !
  • यह खबर इसलिए गंभीर है क्योंकि पूर्वोत्तर में जहां अभी विकास कम हुआ है वहां यह प्रदूषण का स्तर भविष्य में किए जाने वाले विकास की प्रक्रिया और गति पर ध्यान केंद्रित करने की मांग करता है !

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट

  • इसकी स्थापना 1980 में हुई थी !
  • पर्यावरण एवं विकास के मुद्दे पर कार्य करने वाला अगर सरकार थिंक टैंक
  • इसने प्रदूषण के सभी स्वरूपों में जागरूकता का बहुत प्रसार किया है !
  • 2018 में शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार दिया गया था !

कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पेशीज

  • हाल ही में गांधीनगर गुजरात में CMS-COP- 13 का आयोजन किया गया !
  • UN- CMS के तहत प्रजातियों के संरक्षण के लिए 2 परिशिष्टों का निर्माण किया गया है !
  • परिशिष्ट 1 में उन जीवो को रखा जाता है जिन पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है और पूरे वैश्विक समुदाय का सहयोग चाहिए होता है !
  • भारत की तरफ से Great Indian Bustard, Asian Elephant और Bengal Florican को सूची 1 मे शामिल करने की गुजारिश की गई है !

Great Indian Bustard

  • यह राजस्थान का राजकीय पक्षी है !
  • उड़ने वाले विश्व के सबसे बड़े पक्षियों में से एक है !
  • यह सूखे घास के मैदान या झाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है !
  • यह IUCN की RED LIST मे क्रिटिकली इंडेंजर्ड कैटेगरी में आता है !
  • वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची एक में शामिल है !
  • CITES के परिशिष्ट 1 में शामिल है !
  • पिछले 50 सालों में इसकी आबादी 70% घटकर 150 तक सीमित हो गई है !
  • यह पक्षी जमीन पर ही घोंसला बनाता है यही कारण है कि इनके अंडों को दूसरे जीवों से खतरा बना रहता है !

ASIAN ELEPHANT -

  • भारत एशियन हाथियों का प्राकृतिक आवास है !
  • यह भारत, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार से लेकर श्रीलंका एवं सुमात्रा द्वीप तक पाए जाते हैं !
  • यह भी घास क्षेत्र एवं झाड़ियों के क्षेत्र के साथ-साथ छोटे-छोटे पेड़ों के जंगली क्षेत्र में पाया जाता है !