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Blog / 13 Jan 2021

(Video) डेली करेंट अफेयर्स (Daily Current Affairs) : सपनों का शहर NEOM और The Line (City of Dreams - NEOM and The Line) - 13 January 2021

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(Video) Daily Current Affairs for UPSC, IAS, UPPSC/UPPCS, BPSC, MPSC, RPSC & All State PSC/PCS Exams - 13 January 2021



सपनों के शहर NEOM और The Line

  • सऊदी अरब मध्यपूर्व में स्थित एक महत्वपूर्ण देश है। यह विश्व के अग्रणी तेल उत्पादक देश में से एक है।
  • सऊदी अरब के पश्चिम में लाल सागर, दक्षिण की ओर ओमान ओर यमन हैं। उत्तर में इराक और जॉर्डन की सीमा लगती है।
  • यह मध्यपूर्व का देश न सिर्फ तेल और गैस उत्पदन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है बल्कि इस देश का धार्मिक महत्त्व भी बहुत ज्यादा है। यहां इस्लाम धर्म के प्रवर्तक मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था और यहां मक्का और मदीना जैसे महत्वपूर्ण स्थान हैं।
  • यहां की राजधानी रियाद है। सऊदी अरब की वर्तमान अर्थव्यवस्था 90 प्रतिशत तेल पर निर्भर है। वर्ष 2020 के आकड़ों के अनुसार यहाँ की GDP का आकार 680 बिलियन डॉलर का है। ओपेक के वार्षिक बुलेटिन 2019 के अनुसार दुनिया के कुल अनुमानित तेल भंडार का 82 प्रतिशत तेल ओपेक देशों के पास है, जिसका 22.4 प्रतिशत अकेले सऊदी अरब के पास है। वर्ष 2019 की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका वैश्विक तेल उत्पादन में 16.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर, 13 प्रतिशत वैश्विक हिस्सेदारी के साथ सऊदी अरब दूसरे स्थान पर और 12.1 की हिस्सेदारी के साथ रूस तीसरे स्थान पर था।
  • वर्ष 2015 में ओपेक को दी गई जानकारी के अनुसार सऊदी अरब के पास तेल का अनुमानित भंडार 266 अरब बैरल्स है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि इतना नहीं है, अर्थात विश्वसनीयता पर प्रश्न उठते हैं।
  • अगर 266 अरब बैरल तेल का भंडार है तो औसत 1.2 करोड बैरल प्रतिदिन उत्पादन के हिसाब से सऊदी का तेल भंडार अगले 70 सालों में खत्म हो जायेगा।
  • स्टटिस्टिकल्स रिव्यु ऑफ वर्ल्ड एनर्जी 2016 की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब 94 बैरल्स बेच चुका है, फिर भी अधिकारिक रूप से उसका भंडार 260 से 265 अरब बैरल्स ही है। इसके पीछे दो संभावना है- पहली यह कि नये तेल क्षेत्र की खोज हो गई हो, हालांकि 1970 के बाद किसी नए ठिकाने की खोज की सूचना नहीं है। दूसरी संभावना यह हो सकती है कि यह आंकडे गलत हों।
  • सऊदी अरब के तेल भंडार की जानकारी बहुत कम लोगों के पास ही होती है, क्योंकि इसका रणनीतिक महत्व है और यहां पर हमले की संभावना भी रहती है।
  • सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था लगभग पूरी तरह तेल के व्यापार पर निर्भर है, इसीकारण तेल की कीमतें जब कम होती हैं तो इसकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कोविड-19 के कारण भी इसी प्रकार का प्रभाव पड़ा है। सऊदी अरब की एक प्रमुख चिंता जीवाश्म ईंधनों की भविष्य में कम मांग से जुड़ा हुआ है।
  • सऊदी अरब अपनी अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ वर्षों से विविधिकृत (Diversify) करने का प्रयास कर रहा है ताकि वह तेल की समाप्ति या इसकी मांग में कमी की स्थिति में अपनी अर्थव्यवस्था की गति को बनाये रख सके।
  • वर्ष 2015 में वर्तमान क्राउन प्रिंस (MBS) ने सत्ता में आने के बाद विजन 2030 प्लान सामने रखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वह तेल पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहते हैं।
  • वर्ष 2017 में सऊदी अरब ने 500 बिलियन डॉलर की लागत से एक मेगा सिटी NEOM बनाने का प्रस्ताव रखा। इसे इस रूप से बनाया जाना है जिससे यहां उस प्रकार की सेवायें और उत्पाद बन सकें जिनकी भविष्य में मांग होगी।
  • NEOM दो शब्दों से मिलकर बना है। 'NEO' ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ नया होता है। 'M' अरबी शब्द मुस्तकबाल (Mostaqbal) का संक्षिप्त रूप है, जिसका अर्थ भविष्य (Future) होता है।
  • इसका क्षेत्रफल 26500 वर्ग किमी है, जिसका आकार बेल्जियम के बराबर होगा। यह शहर सऊदी अरब के बिल्कुल पश्चिम में लाल सागर के किनारे पर बनाया जायेगा।
  • यह शहर यहां इस वजह से बनाया जा रहा है ताकि मध्यपूर्व के रणनीतिक महत्व को इसके माध्यम से साधा जा सके। सऊदी अरब का कहना है कि यहां से किसी भी देश तक 8 घंटे में पहुँचा जा सकेगा अर्थात एयर कनेक्टविटी बहुत बेहतर होगी।
  • यह शहर कार्बन न्यूट्रल होगा और यहां दुनिया की सबसे बेहतर तकनीकी होगी। यह पूर्ण रूप से नवीकरणीय ऊर्जा पर आधारित होगा।
  • यहाँ हाइपरलूप ट्रेन, एयर वाई-फाई की सुविधा तो होगी ही साथ ही मानवीय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी परिवहन का विकल्प भी होगा। यहां दुनिया की सबसे तीव्र गति की इंटरनेट एयर में स्थापित की जायेगी। विश्वस्तरीय ऑनलाइन एजुकेशन की भी स्थापना की जायेगी ताकि मानवीय संसाधनों का स्किल समय के अनुसार तेजी से विकसित हो सके।
  • यहां रोबोट डायनासोर, कृत्रिम चंद्रमा बनाया जायेगा, क्लाउड सीडिंग, फ्रलांइग कार, कृत्रिम वर्षा, कृत्रिम डायनासोर आदि की व्यवस्था की जायेगी।
  • इसके लिए सऊदी अरब ने Boston consulting group, mckinsey और oliver whyman जैसी वैश्विक संस्थाओं से सहयोग ले रही है।
  • NEOM को अलग पहचान और सर्वोच्चता देने के लिए इसे अत्यधिक स्वायत्तता दी जायेगी। इसका अपना टैक्स और ज्यूडिशियल सिस्टम होगा, और दुनिया के सबसे होनहार लोगों के लिए यह शहर प्रमुख आकर्षक होगा जिससे वह अपने क्षेत्र में अच्छा कर इस शहर को आर्थिक तरक्की दे सकें।
  • शहर आधुनिक होने के साथ-साथ प्रोग्रेसिव होगा ताकि धार्मिक रूकावटें न आयें।
  • इस शहर के विकास के लिए एक कंपनी शहर के नाम पर ही बनाई गई है।
  • यह शहर अभी पूरी तरह बनकर तो तैयार नहीं हुई है लेकिन इसका अधिकारिक प्रयोग प्रारंभ कर दिया गया है और यहां उच्च स्तरीय बैठकें आयोजित हैं।
  • 1 मिलियन की आबादी वाले इस शहर की एक प्रमुख विशेषता रोबोट की होगी और तकनीकी का सबसे उच्च स्वरूप यहां देखने को मिल सकता है।
  • आने वाले 5-6 साल में यह शहर बनकर तैयार हो सकता है।
  • NEOM प्रोजेक्ट से न सिर्फ अर्थव्यवस्था विविधिकृत होगी बल्कि लगभग 4 लाख रोजगार का सृजन हो पायेगा।
  • कोरोना महामारी को देखते हुए इस विषय में कई प्रकार के कयास लगाये जा रहे हैं कि यह प्रोजेक्ट पूरा जल्दी पूरा नहीं हो पायेगा।
  • इस बीच सऊदी अरब ने NEOM प्रोजेक्ट के साथ एक और प्रोजेक्ट The Line को जोड़ दिया है। यह भी एक प्रकार का शहर होगा।
  • The Line बिना गाड़ी, बिना सड़क वाला नेट कार्बन शहर होगा।
  • मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि- NEOM के निदेशक मंडल के अध्यक्ष के रूप में आपके सामने द लाइन शहर प्रस्तुत करता हूँ, जो सऊदी अरब के पूरब और पश्चिमी भाग को जोड़ेगा। यह शहर 170 क्रिलोमीटर की लंबाई में एक सीधी रेखा में बनेगा। शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक 20 मिनट में पहुँचा जा सकेगा। इस शहर को बनाने में 200 बिलियन डॉलर यानी करीब 14.70 लाख करोड़ रूपये खर्च होंगे।
  • सड़कों का जाल न होने की वजह से बहुत सारा जगह होगा जहां स्कूल, अस्पातल, पार्क और पर्यावरण के अनुकूल कई प्रकार की संरचनायें बनायी जाएंगी।

सैंड बोआ (Sand Boa) का अवैध व्यापार

  • हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में पिछले कुछ दिनों से सैंड बोआ (sand boa) का अवैध व्यापार काफी बढ़ा है।
  • विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में पिछले कुछ दिनों से सैंड बोआ (sand boa) का अवैध व्यापार काफी बढ़ गया है। इससे इस दुर्लभ सांप के विलुप्ति का खतरा बढ़ गया है।
  • विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि भारत में अवैध वन्यजीवों के व्यापार पर प्रतिबंध के बावजूद, आंध्र प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में दुर्लभ जीवों का भूमिगत कारोबार बे-रोकटोक जारी है, जिससे जैवविविधता को सबसे ज्यादा खतरा है।

सैंड बोआ (sand boa)

  • सैंड बोआ (sand boa) एक दुर्लभ साँप है। इसे भारत में इसे रेड सैंड बोआ सांप (Red Sand Boa Snake) भी कहा जाता है। यह साँप भारत के कुछ भागों को छोडकर लगभग हर जगह पाया जाता है।
  • भारत में स्थानीय स्तर पर सैंड बोआ (sand boa) को ‘दो मुँह वाला सांप ’ (Two-Headed Snake) भी कहते हैं। वैसे इसका वैज्ञानिक नाम एरिक्स जॉनी (Eryx Johnii) है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सैंड बोआ की कीमत काफी ज्यादा है। इसीलिए इसका अवैध व्यापार होता है।
  • इस सांप का उपयोग कई प्रकार की दवाओं व सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में किया जाता है। इसके अतिरिक्त, कुछ लोगों का कहना है कि सैंड बोआ को जादू-टोने हेतु भी उपयोग किया जाता है।
  • अन्य सापों की तरह सैंड बोआ भी मांसाहारी होते हैं। ये अधिकतर चूहे, छिपकली, मेढक, खरगोश आदि को अपना शिकार बनाते हैं।

सैंड बोआ (sand boa) का संरक्षण

  • भारत में सैंड बोआ (sand boa) को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षण प्राप्त है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 4 के तहत सैंड बोआ सूचीबद्ध है। इस अधिनियम के तहत सैंड बोआ को पकड़ना या इसका व्यापार करना कानूनी तौर पर अपराध है।
  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सैंड बोआ (sand boa) साइट्स (CITES) की ‘परिशिष्ट II’ के तहत संरक्षित है।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 (Wildlife Protection Act, 1972)
  • इसे भारतीय संसद ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए 1972 में पारित किया था।
  • इस अधिनियम का मकसद वन्य जीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना है।
  • वर्ष 2003 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया था।

साइट्स (CITES)

  • वन्य जीव और वनस्पतियों के लुप्तप्राय प्रजातियों हेतु अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (The Convention of International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora- CITES) विभिन्न देशों के बीच एक बहुपक्षीय संधि या समझौता है।
  • इसके माध्यम से वन्यजीवों और वनस्पतियों की संकटापन्न प्रजातियों के अवैध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर रोक लगाई जाती है।
  • यह बहुपक्षीय संधि 1 जुलाई, 1975 से लागू है। वर्तमान में साइट्स (CITES) के 183 सदस्य देश हैं। भारत भी इसका सदस्य है।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2021 (Henley Passport Index 2021)

  • हाल ही में जारी किए गए हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2021 में दुनिया के सबसे दमदार पासपोर्ट की सूची में भारतीय पासपोर्ट तीन स्थान खिसककर 85वें स्थान पर पहुंच गया है।
  • उल्लेखनीय है कि पिछले 16 वर्षों से हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा प्रतिवर्ष हेनले पासपोर्ट इंडेक्स जारी किया जाता है।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के बारे में

  • इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) के आंकड़ों के आधार पर प्रतिवर्ष हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा हेनले पासपोर्ट इंडेक्स जारी किया जाता है।
  • इस पासपोर्ट इंडेक्स में देशों की रैंकिंग का निर्धारण इस आधार पर किया जाता है कि पासपोर्टधारक को बिना वीजा के कितने देशों में प्रवेश मिल सकता है।
  • हेनले पासपोर्ट इंडेक्स वैश्विक नागरिकों के लिए एक अमूल्य संसाधन है और इस क्षेत्र में सरकार की नीतियों के लिए मानक संदर्भ प्रदान करता है।

हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2021 से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

  • इस वर्ष के हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2021 में ज्यादातर शीर्ष देश यूरोपीय है हालांकि, शीर्ष तीन स्थानों पर एशियाई देश हैं। ये तीन देश है-
  • जापान- जापान के पासपोर्ट के साथ 191 देशों की बिना वीजा के यात्रा की जा सकती है।
  • सिंगापूर- यहाँ के पासपोर्ट के साथ 190 देशों की बिना वीजा के यात्रा की जा सकती है।
  • कोरिया और जर्मनी- यहाँ के पासपोर्ट के साथ 189 देशों की यात्रा की जा सकती है।
  • इस रैंकिंग में अफगानिस्तान अंतिम 110वें स्थान पर है।
  • हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष भारत के पासपोर्ट की रैंकिंग में तीन पायदान की गिरावट हुई है। पिछले वर्ष के स्थान इस रैंकिंग में 82वां था और इस वर्ष भारत 85वें स्थान पर पहुंच गया है।
  • भारत से साथ तजाकिस्तान भी 85वें स्थान पर है।
  • चीन के अतिरिक्त सभी पड़ोसी देशों के मुक़ाबले भारत की स्थिति बेहतर है। इस रैंकिंग में चीन 70वें स्थान पर, भूटान 90वें श्रीलंका 100वें, बांग्लादेश 101वें, नेपाल 104वें और पाकिस्तान 107वें स्थान पर है।
  • भारतीय पासपोर्टधारक भूटान, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मकाऊ, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, केन्या, मॉरिशस, सेशेल्स, जिम्बॉब्वे, यूगांडा, ईरान और कतर सहित 58 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं।