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Blog / 11 Feb 2020

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 11 February 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 11 February 2020



भारत और श्रीलंका एक दूसरे का सहयोग मांग रहे हैं

  • श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Gajpaksha) 7 से 11 फरवरी तक भारत यात्रा पर आए हैं !
  • पी.एम. का पदभार संभालने के बाद उनकी यह पहली विदेश यात्रा है !
  • प्रधानमंत्री ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में राजपक्षे के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया जिसमें अनेक मुद्दों को जगह दी गई !
  • भारत द्वारा श्रीलंका से अल्पसंख्यक तमिलों के लिए शक्तियों के विकेंद्रीकरण करने की मांग की गई
  • उम्मीद की गई कि इनके साथ समानता, न्याय और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाएगा संवैधानिक सभी अधिकार प्रदान किए जाएंगे !
  • तमिल मुद्दे के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी कार्रवाई को मजबूत करने, व्यापार एवं निवेश संबंधों का विस्तार करने, लंबे समय से लंबित मछुआरों के मुद्दे को हल करने आदि पर सहयोग करने की प्रतिबद्धता दोनों देशों द्वारा दिखाई गई !
  • श्रीलंका संविधान के 13 वें संविधान संशोधन को लागू करने की आवश्यकता का भी जिक्र प्रमुखता से किया गया जिसमें तमिलों के लिए शक्तियों के विकेंद्रीकरण की बात की गई है !
  • राजपक्षे ने कहा कि “भारत हमारा सबसे करीबी पड़ोसी और काफी पुराना मित्र है और इन ऐतिहासिक संबंधों ने हमारे संबंधों को मजबूत बुनियाद भी है !”
  • यह दौरा भारत और श्रीलंका के संबंधों में एक नया मोड़ लाता दिखाई दे रहा है !
  • श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर 2005 से 2015 तक उनके कार्यकाल में हिंद महासागर और उनके देश के चीन की स्थिति काफी मजबूत हुई थी !
  • हंबनटोटा के पास बनने वाला Mattala Airport भी दो देश के बीच बातचीत का प्रमुख मुद्दा रहा !
  • यह एयरपोर्ट हंबनटोटा के पास है और भारत इस पर अपना नियंत्रण इसलिए चाहता है ताकि वह वहां से चीन की गतिविधियों पर नजर रख सके !
  • श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने “द हिंदू” को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि हाँ इस विषय पर बातचीत हुई और भारत उस एयरपोर्ट को विकसित भी करना चाहता है लेकिन हमारी सरकार ने जो बहुमत प्राप्त किया है वह इस वायदे के साथ प्राप्त हुआ है कि हम अब अपने किसी राष्ट्रीय संपत्ति को किसी दूसरे देश को नहीं देंगे !
  • चीन ने श्रीलंका को कई बिलियन का लोन देकर हंबनटोटा पोर्ट का निर्माण कराया !
  • श्रीलंका को उम्मीद थी कि इससे उसकी अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ !
  • मटाला एयरपोर्ट भी आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं सिद्ध हो पाया !
  • कई अंतर्रस्ट्रीय एजेंसियों ने यह सूचना दी है कि मटाला एयरपोर्ट दुनिया के सबसे खाली एयरपोर्ट में से एक है !
  • चीन से लिए गए पैसे वापस न कर पाने की अवस्था में श्रीलंका ने हंबनटोटा एयरपोर्ट को 99 सालों के लिए चीन को लीज पर दे दिया !
  • भारत भी लंबे समय से मताला एयरपोर्ट का 75% हिस्सा खरीदने का इच्छुक रहा है जिससे चीन पर वह नजर रख सकें !
  • श्रीलंका के निर्माण से भारत के साथ फिर से दूरी ना बढ़ जाए इसलिए पीएम ने यह भी कहा कि हम खुद वायदों के अधीन हैं ! लेकिन फिर भी भारत को श्रीलंका की मदद करनी चाहिए !
  • वर्तमान समय में श्रीलंका के ऊपर लगभग 7 बिलियन डॉलर का कर्ज है जिसका भुगतान हर साल लगभग 5 बिलियन डॉलर करना है !
  • इससे सर्वाधिक हिस्सा लगभग 40% चीन से लिया गया है !
  • श्रीलंका एक ऐसी अवस्था में पहुंच चुका है यदि सहयोग नहीं मिला तो यह आने वाले समय में दिवालिया हो सकता है !
  • श्रीलंका यह चाहता है कि 450 मिलियन का जो LIC उसे दिया गया है इसका 3 साल तक भुगतान की मांग भारत ना करें !
  • श्रीलंका यह भी मानता है कि भारत के इस कदम से चीन, जापान एवं अन्य देश भी ऐसा करेंगे !

मेडिकल डाटा लीक

  • हाल ही में जर्मन साइबर सिक्योरिटी फार्म की रिपोर्ट आई है जिसमें यह सूचना सामने आई है कि कई मिलियन भारतीयों की मेडिकल डिटेल्स ना सिर्फ लीक हुई है बल्कि इंटरनेट में फ्री में सबके लिए उपलब्ध है !
  • इसमें से लगभग 1.02 मिलियन स्टडीज है जो कंपनियों के द्वारा लोगों पर की गई हैं इसके साथ-साथ 121 मिलियन मेडिकल इमेजेस भी इसमें शामिल है !
  • इन इमेजेस में सीटी स्कैन, MRIS और पेशेंट की फोटो है जिसका दुरुपयोग आसानी से किया जा सकता है !
  • यह लीक सूचनाएं गोपनीयता के खिलाफ हैं और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय चिंता का कारण है !
  • इस समय फोटो के जितने प्रकार के दुरुपयोग किए जाते हैं उससे यह साफ है कि निजता पर संकट जरूर उत्पन्न हो सकता है !
  • भारत में यह कोई पहली घटना नहीं है आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं !
  • दरअसल मेडिकल डाटा संकलन करने वाली संस्थाओं व्यक्तियों के लिए किसी स्टैंडर्ड सिक्योरिटी पैरामीटर्स को फॉलो करना आवश्यक नहीं है !
  • इसके साथ-साथ कोई सिंगल प्लेटफॉर्म नहीं है इसकी वजह से इंटरनेट के माध्यम से यह एक स्थान से दूसरे स्थान पर संग्रहित और ट्रांसफर किए जाते हैं ड्राफ्ट पर्यनल डाटा प्रोटेक्शन बिल 2019 अभी तक कानून के रूप में प्रभावी नहीं हो पाया है !
  • यह ड्राफ्ट जस्टिस बीएन श्री कृष्णा की अध्यक्षता में गठित कमेटी के द्वारा दी गई सिफारिशों और उसने संशोधनों के बाद तैयार किया गया था !
  • कमेटी ने Data Principal और Data Fiduciaries की बात की थी !
  • लेकिन 2019 के बिल से इसे हटा दिया गया है !
  • Data Fiduciaries में यह कहा गया था कि यदि डाटा संकलन किए गए व्यक्ति से डाटा किसी व्यक्ति तक पहुंचता है और उसका दुरुपयोग होता है तो इसके लिए यह व्यक्ति दोषी होगा !

SC/ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

  • Quota in Job is not a fundamental Right .
  • आरक्षण मूल अधिकार नहीं है !
  • संविधान के अनुच्छेद 16 में लोक नियोजन के संदर्भ में अवसर की समता की बात की गई है !
  • 16 (1) - राज्य के अधीन किसी पद पर नियोजन या नियुक्ति से संबंधित विषयों में सभी नागरिकों के लिए अवसर की समता होगी !
  • 16 (2) - राज्य के अधीन किसी नियोजन या पद के संबंध में केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, उद्भव, जन्म स्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर न तो कोई नागरिक अपात्र होगा ना उससे विभेद किया जाएगा !
  • 16 (3) - इस अनुच्छेद की कोई बात संसद को कोई ऐसी विधि बनाने से निवारीत नहीं करेगी जो निवास से संबंधित है !
  • 16 4 - यह अनुच्छेद राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवृत नहीं करेगी !
  • 16 (4)(A) - यह अनुच्छेद राज्य को SC और ST के पक्ष में जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं के पर्याप्त नहीं है राज्य को आरक्षण के लिए उपबंध करने से नहीं रोकेगा !
  • हाल में सुप्रीम कोर्ट उत्तराखंड के एक केस पर सुनवाई कर रहा था !
  • दरअसल उत्तराखंड में असिस्टेंट इंजीनियर पोस्ट के प्रमोशन की जो लिस्ट जारी की गई उसमें आरक्षण के नियम का पालन नहीं किया गया था !
  • पहले यह मामला उत्तराखंड कोर्ट पहुंचा जिसने राज्य के निर्णय के खिलाफ अपना आदेश दिया और कहा कि आरक्षण देते हुए दोबारा लिस्ट जारी करना चाहिए !
  • इस निर्णय के खिलाफ उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट गई और सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया !
  • कोर्ट ने कहा कि हम राज्य को निर्देश नहीं दे सकते हैं कि वह आरक्षण दे क्योंकि आरक्षण मूल अधिकार नहीं है !
  • आरक्षण देना या नहीं देना राज्यों का निर्णय होगा हम आदेश नहीं दे सकते !
  • यह निर्णय नियुक्ति में आरक्षण और प्रमोशन में आरक्षण दोनों से संबंधित है !
  • यदि राज्य आरक्षण देना चाहते हैं तो सबसे पहले उन्हें उपयुक्त आंकड़े इकट्ठे करने होंगे जिससे वस्तु स्थिति स्पष्ट हो सके !
  • आरक्षण देने के आधारों का न्यायिक पुनर्विलोकन (ज्यूडिशियल रिव्यू) हो सकता है और कोई भी व्यक्ति से चुनौती दे सकता है
  • 2011 की जनगणना के अनुसार SC और ST वर्ग की जनसंख्या क्रमशः 16.6% और 8.6% है
  • 30 लाख सरकारी नौकरियों में SC, ST और OBC समुदाय का प्रतिनिधित्व क्रमशः 17.6 % 7.7% 17.7% है
  • इस तरह SC और ST समुदाय की भागीदारी प्रतिशत के आधार पर तो ठीक दिखाई देती है लेकिन ग्रुप (A, B, C, D) के हिसाब से तस्वीर कुछ और है
  • SC और ST समुदाय की अधिक भागीदारी ग्रुप C और D की नौकरियों में है
  • सबसे ऊपर के सेक्रेटरी स्तर की 82 पोस्ट पर SC/ST वर्ग के चार लोग हैं