Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 09 January 2020
LONE WOLF TERRORIST ATTACKS
- कोई ऐसा आतंकवादी जो किसी आतंकवादी संगठन से संबंधित ना हो मदद ना ले मदद ना ले रहा हो उसे कोई और निर्देश ना दे रहा हो उसे lone Wolf टेरेरिस्ट के नाम से जानते हैं
- यह व्यक्ति किसी व्यक्तिगत कारण यह सामग्री या विचारधारा या हित के कारण इस प्रकार के आतंकवादी घटना को अंजाम देता है
- विश्व में ऐसी कई घटनाएं देखने को मिल रही हैं हथियारों के प्रयोग, समुदाय विशेष से संबंध, लोगों की हत्या की संख्या आदि के आधार पर कई घटनाओं को इस श्रेणी में डाल दिया गया है
- इन घटनाओं में संलिप्त लोगों को कई बार इस कैटिगराइजेशन का फायदा भी मिल जाता है और सही तरीके से इस प्रकार की घटनाओं से निपटना मुश्किल हो जाता है !
- पिछले साल यूके में एक यू.एस.ए. में दो घटनाएं ऐसी हुई जिसमें हमें सीख लेने की जरूरत है !
- UK में एक पुल पर चाकू से हमला करने का मामला सामने आया ! इसे लोन वुल्फ की श्रेणी में डाल दिया गया जबकि यह लंदन स्टॉक एक्सचेंज को उड़ाना चाहता था इसके लिए उसे 8 साल की सजा भी हुई थी
- इस घटना का आरोपी उस्मान खान था जो एक कट्टर उपदेशक था !
- USA में एक अटैक Pearl Harbor- Hickam में कैंप में और दूसरा Pansacola Naval Air Station पर हुआ था इन्हें भी इस श्रेणी में डाल दिया गया !
- पर्ल हार्वर में हुए अटैक एक प्रकार का Homicide प्रकार की थी ! वही Pansacola Naval Air Station पर हुई घटना को अंजाम मोहम्मद अल- शरमानी ने दिया था !
- यह यू.एस.ए. की मुस्लिमों के प्रति नीति से नाराज था !
YEAR | NUMBER OF INCIDENTS | DEATHS | INJURIES |
2011 | 5.076 | 8.246 | 14.659 |
2012 | 8522 | 15497 | 25445 |
2013 | 12036 | 22273 | 37688 |
2014 | 16903 | 44490 | 41128 |
2015 | 14965 | 38853 | 44043 |
2016 | 13587 | 34871 | 40001 |
2017 | 10900 | 26445 | 24927 |
2018 | 9600 | 22980 | ? |
अस्पताल में बच्चों की मृत्यु
- भारत में बच्चों की मृत्यु दर काफी ज्यादा है। मृत्यु के अनेक कारणों में से एक कारण अस्पतालों में उनके लिए अपर्याप्त सुविधा है।
- कुछ समय पहले गोरखपुर में इसी प्रकार की घटना हुई थी।
- अभी गुजरात और राजस्थान में यह घटनाएं हो रही हैं।
- कोटा के जे. के. लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, अस्पताल में पिछले 1 माह में लगभग 112 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है।
- इस अस्पताल का निर्माण 1973 में जे. के. इण्डस्ट्री द्वारा कराया गया था।कोटा एक मण्डलीय हेड (प्रमुख) शहर है, इसलिए आस. पास के जिलों के लोग भी यहाँ ईलाज कराने के लिए आते हैं।
- शिशुओं की देखभाल के लिए सामान्यतः भारत में दो स्तर है।
- Community Healthcare centers (CHCS)- इसके अंदर एक Newborn Stabilization Units (NBSU) होता है।
- Special Newborn Care Units (SNCU) in District Hospital
- SNCU बच्चों के एक एक विशेष सुविधा होती है। जिस तरह ICU में सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है, उसी तरह।
- प्रति 3000 जन्म पर 12 ऐसी यूनिट्स होनी चाहिए।
- सबसे पहले यह खबर 25 दिसम्बर को सामने आई कि 10 बच्चो की मृत्यु हो गई।
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आनन. फानन में तुरंत कमेटी गठित कर दी। जिसने डॉक्टर्स और अस्पताल को क्लिन चिट दिया।
- कारण यह बताया गया कि बच्चे बहुत बिमार थे दूसरे अस्पतालों में रेफर किये गये थे।
- बाहर आई सूचनाओं से पता चला है कि अस्पताल के प्रबंधन में तालमेल का अभाव है। Head Of Department और Superintendent के बीच तनातनी चल रही थी।
- Equipment सही से काम नहीं कर रहे थे।
- ऑक्सीजन लाइन का आभाव था।
- नर्सिंग स्टाफ 30% तक कम था।
- स्टाफ ने लापरवाही की, परिवार ने आरोप लगाया।
- ठण्ड बहुत ज्यादा थी।
- इस अस्पताल में 2014 से 2019 के बीच प्रत्येक माह में लगभग 100 बच्चों की मृत्यु हुई है।
- पूरे साल में देखें तो 2014 (1198) 2015 (1260) 2016 (1193) 2017 (1027) 2018 (1005) 2019 ( 963) बच्चों की मृत्यु हुई है।
- जोधपुर के एस. एन. मेडिकल काॅलेज में दिसम्बर में 146 बच्चों की मृत्यु हुई है।
- बिकानेर में भी 1000 से अधिक बच्चों की मृत्यु हुई है।
- भारत में शिशु मृत्यु दर प्रति एक हजार 32 है।
- विकसित देशों में यह 10 के नीचे पाई जाती है।
- यह किसी भी देश की स्वास्थ्य सुविधा के स्तर को बताती है।
- UNICEF की रिपोर्ट के अनुसार हमाने यहाँ प्रतिदिन लगभग 2350 बच्चों की मृत्यु होती है, प्रतिमाह यह आंकड़ा 8.5 लाख पहुँच जाता है।
- MP, OR, ASM, UP, AP, RJ में IMR बहुत उच्च है। राजस्थान को छोड़कर अन्य राज्यों की IMR 40 से ज्यादा है।