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Blog / 06 Mar 2020

Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 06 March 2020

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Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 06 March 2020



क्रिप्टोकरेंसी

  • मुद्रा के प्रचलन से पहले लोग वस्तु के माध्यम से लेनदेन करते थे जिसे वाटर सिस्टम के नाम से जाना जाता था !
  • बढ़ती जनसंख्या और व्यापार के लिए मुद्रा का प्रयोग प्रचलन में आया ! मुद्रा से तात्पर्य ऐसी वस्तु से होता है जिसके ऊपर किसी सरकारी संस्था का भरोसा जुड़ा होता है !
  • समय और तकनीकी के विकास ने मुद्रा के स्वरूप का विस्तार किया और नोट और सिक्कों के स्थान पर प्लास्टिक मुद्रा जैसे डेबिट कार्ड, क्रेडिट अस्तित्व में आए !
  • 21वीं सदी के पहले दशक में मुद्रा के रूप में आभासी मुद्रा ( Virtual Currency ) अस्तित्व में आई ! हालांकि 1990 के दशक में डिजी कैश आई ! एन. सी. नामक कंपनी ने डिजिटल करेंसी का आईडिया रखा जो साइबर सुरक्षा की वजह से सफल नहीं हो पाया !
  • वर्चुअल करेंसी एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा होती है जो भौतिक अस्तित्व नहीं रखती है दूसरे शब्दों में यह किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा समर्थित नहीं होता है !
  • डिजिटल मुद्राएं क्रिप्टोग्राफी पद्धति पर आधारित होती है! क्रिप्टोग्राफी मूल रूप से एक ग्रीक शब्द है जो गुप्त और लिखावट का मिला जुला अर्थ है !
  • यह एक प्रकार का कूट लेखन ( Encode) है जिसमें भेजे गए संदेश या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदल दिया जाता है और इसे भेजने और रिसीव करने वाला ही खोल सकता है ! इस पद्धति पर विकसित मुद्राएं क्रिप्टो करेंसी कहलाती हैं !
  • विश्व की पहली क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन थी !
  • इसे 3 जनवरी 2009 को Satoshi Nakamoto द्वारा प्रस्तुत किया गया !
  • जब बिटकॉइन को प्रस्तुत किया गया था तब इसकी कोई कीमत नहीं थी $1 में कई बिटकॉइन खरीदी जा सकती थी लेकिन आज एक बिटकॉइन की कीमत हजारों डॉलर में है !
  • 3 जनवरी 2009 को Satoshi Nakamoto ने एक ऐसा ओपन सोर्स या लिंक इंटरनेट पर डाला जिससे क्रिप्टो करेंसी जनरेट हो सकती थी !
  • इस open-source को सबसे पहले Hal Finney नामक व्यक्ति ने डाउनलोड किया/या प्रयोग करके 10 बिटकॉइन प्राप्त किया !
  • पहला 10 बिटकॉइन का लेनदेन Satoshi Nakamoto - Hal Finney के बीच हुआ !
  • बिटकॉइन एक तरह विकेंद्रीकृत होते हैं और व्यक्ति- व्यक्ति के बीच में बिल्कुल सुरक्षित होते हैं ! वह तुरंत और निःशुल्क
  • बिटकॉइन का सिस्टम ऐसा बनाया गया है जो अपने पूरे जीवन काल में 21 मिलियन बिटकॉइन ही बना सकता है ! इस समय तक लगभग 80% बिटकॉइन जनरेट किया जा चुका है !
  • बिटकॉइन को बनाना और ट्रांजिशन के माध्यम से बिटकॉइन प्राप्त करना बिटकॉइन माइनिंग कहलाता है !
  • 2009 से प्रारंभ हुई क्रिप्टो करेंसी की इस पहल ने वर्तमान में बाजार में 1000 से ज्यादा प्रकार की क्रिप्टो करेंसी को जन्म दिया है !
  • रेड कॉइन, एथ्रोम, रिप्पल ऐसे ही कुछ प्रमुख नाम है !
  • अप्रैल 2018 में RBI ने अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा के दौरान बैंकों समेत सभी विनियामक एजेंसियों को क्रिप्टो करेंसी से निपटने हेतु इसे प्रतिबंधित करने की बात रखी !
  • समांतर करेंसी आतंकी, फंडिंग, तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग, आदि चुनौतियों की वजह से ऐसा किया गया !
  • हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में वर्चुअल करेंसी के व्यापार पर लगे प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है !
  • सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी पर लगे प्रतिबंध को बताते हुए कहा कि RBI कोर्ट में वर्चुअल करेंसी के व्यापार के किसी भी प्रतिकूल प्रभाव या नुकसान को स्पष्ट नहीं कर पाई !
  • RBI के आदेश के खिलाफ इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया नेम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी !
  • हालांकि अभी वर्चुअल मुद्रा पूरी तरह से वैध नहीं हुई है क्योंकि सरकार ने बीते वर्ष क्रिप्टो करेंसी प्रतिबंध एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा नियमन विधेयक 2019 का मसौदा तैयार किया था, जो इसके व्यापार को पूर्णतः प्रतिबंधित करता है !
  • अर्थात इसमें परिवर्तन लाकर ही वर्चुअल मुद्रा के माध्यम से व्यापार किया जा सकता है !
  • क्रिप्टो करेंसी के जरिए सुरक्षित और त्वरित लेनदेन संभव हो पाने के कारण इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है !
  • इसके लंदन के दौरान छद्म नाम एवं पहचान बताई जाती है इसलिए निजता बची रहती है !
  • इसके लेन-देन में थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन की आवश्यकता नहीं पड़ती है इससे समय की बचत होती है !
  • विश्व की लगभग सभी बड़ी कंपनियां कम और ज्यादा क्रिप्टो करेंसी में व्यापार को लेकर सकारात्मक रुख रखते हैं एवं व्यक्तिगत तौर पर लोग भी इसमें इंटरेस्ट ले रहे हैं इसलिए आने वाले समय में इसका व्यापार बढ़ सकता है !
  • यह पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर के जाल के माध्यम से होती है इसलिए सुरक्षित माने जाने के बावजूद खतरा बना रहता है !
  • किसी प्रकार के ग्लोबल क्राइसिस की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है !