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Blog / 04 Nov 2019

(इनफोकस - InFocus) अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance - ISA)

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(इनफोकस - InFocus) अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance - ISA)



सुर्खियों में क्यों-

  • हाल ही में 31 October 2019 को दिल्ली में International Solar Alliance की दूसरी बैठक आयोजित की गयी
  • इस बैठक में दो नये देशों Eritria और St.Kittis and Nevis ने अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की सदस्यता ग्रहण की ।
  • इसी के साथ ISA के कुल 83 हस्ताक्षरकर्ता देश बन गये है।

क्या हैं International Solar Alliance:

  • अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन या International Solar Alliance एक ऐसा गठबंधन है जिसका उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में सौर ऊर्जा की भागीदारी को बढ़ाना है साथ ही हरित ऊर्जा यानि Green Energy के उद्देश्य को प्राप्त करना है।
  • इस संगठन में 122 से भी ज्यादा देश सम्मिलित हैं जिनमें से 83 देशों ने ISA का Framework Agreement भी sign किया है।
  • इस संगठन को बनाने का मुख्य श्रेय भारत व फ्रांस को जाता है।
  • इस संगठन में मुख्यतः Sunshine देश ही सदस्य है Sunshine देश वे देश है जो प्राकृतिक रूप से लगभग साल भर सूर्य का प्रकाश ग्रहण करतें है जिनमें से Tropical Region यानि विषुवतीय प्रदेश के देश मुख्य हैं।
  • इस संगठन का मुख्यालय भारत के गुरूग्राम शहर में स्थित है।
  • भारत के प्रधानमंत्री ने ISA के सदस्य देशों को सूर्यपुत्र की संज्ञा दी है।

उद्देश्य:

  • ISA का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर 1000 गीगा वाट क्षमता का ऊर्जा उत्पादन सौर माघ्यम से करना है।
  • जिसमें 2030 तक 1000 बिलियन U.S Dollar का निवेश सुनिश्चित कराना भी ISA का लक्ष्य है।
  • भारत के प्रधानमंत्री ने इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की Climate Action Summit में भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता यानि Renewable Energy Capacity को 2022 तक 175 गीगावाट तक बढ़ाने की बात कही थी जिसे आगे 450 गीगावाट तक बढ़ाने का भी लक्ष्य है।
  • ISA के अन्य उद्देश्यों में विकासशील देशों को उन्नत किस्म की सौर तकनीक को सस्ते दाम पर उपलब्ध कराना भी शामिल है।

भविष्य:

  • जलवायु परिवर्तन की बढ़ती समस्या से निपटने के लिये विश्व के तमाम देश अपनी-अपनी क्षमता के हिसाब से प्रयासरत है ऐसे में अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठंबधन उनके लिये एक सस्तें,टिकाऊ व हरित ऊर्जा के श्रोत के रूप में कार्य कर सकता है।
  • 2015 में हुए Paris Conference में भी ISA को एक बेहतरीन विकल्प के रूप में बताया गया था।
  • इसके साथ ही World Bank और European Bank For Reconstruction and development ने भी इस संगठन को आर्थिक सहायता मुहैय्या कराने की बात कही हैं।

कुलमिलाकर यह कहा जा सकता है कि यह संगठन दुनिया के लिये ऊर्जा क्षेत्र में एक अहम भूमिका अदा कर सकता है तथा विश्व में भारत की दावेदारी को और मजबूत कर सकता है।