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Blog / 11 Aug 2019

(इनफोकस - InFocus) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India - CCI)

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(इनफोकस - InFocus) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India - CCI)


भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI)

  • सुर्खियों में क्यों?
  • CCI को लाने का उद्देश्य
  • CCI में शिकायत
  • CCI के कार्य

सुर्खियों में क्यों?

  • भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने गैर- प्रतिस्पर्धी व्यवहारों में शामिल रहने पर तीन फर्मों पर कुल 2.7 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
  • उन पर यह जुर्माना पुणे नगर निगम द्वारा निकाली गयी एक निविदा के लिए बोलियां लगाने में मिलीभगत करके प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर लगाया गया है।
  • सीसीआई ने ओएनजीसी के खिलाफ तेल खोज कार्य में जलपोत किराये पर लेने से संबंधित अनुबंध से जुड़े कुछ प्रावधानों में अनुचित लाभ उठाने की शिकायत को खारिज कर दिया।
  • प्रतिस्पर्धा नियामक ने जून, 2018 में ओएनजीसी के खिलाफ जांच का आदेश दिया था। यह शिकायत विभिन्न जलपोत मालिकों के संगठन इंडियन नेशनल शिपओनर्स एसोसिएशन (आईएनएसए) ने दायर की थी।

CCI को लाने का उद्देश्य

देश के आर्थिक विकास के मद्देनजर संसद द्वारा 13 जनवरी 2003 को प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 को लागू किया गया। 14 अक्टूबर 2003 से केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की स्थापना की गई। इसके बाद प्रतिस्पर्धा (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा इस अधिनियम में संशोधन किया गया। 20 मई 2009, को प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौते और प्रमुख स्थितियों के दुरुपयोग से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों को अधिसूचित किया गया। सीसीआई की संरचना में एक अध्यक्ष समेत छह सदस्य शामिल है।

CCI को लाने के उद्देश्य -

  1. प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली पद्धतियों को रोकना
  2. बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और इसे बनाए रखना
  3. उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना
  4. भारतीय बाजार में अन्य प्रतिभागियों द्वारा किए जाने वाले व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना

CCI से संपर्क एवं शिकायत

  • यदि कोई व्यक्ति, कंपनी अथवा उद्यमों का संघ प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते, विलय और अधिग्रहण का दुरुपयोग या प्रतिस्पर्धा में बाधा डालता है तो सीसीआई से संपर्क किया जा सकता है
  • यदि कोई निर्माता अथवा सेवा प्रदाता अपने उत्पाद अथवा सेवा की बिक्री पर अनुचित शर्त लगाता है तो उपभोक्ता इसके निवारण के लिए सीसीआई से संपर्क किया जा सकता है
  • कोई भी व्यक्ति, उपभोक्ता, उपभोक्ता संघ अथवा व्यापार संघ प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते और प्रमुख स्थितियों के दुरुपयोग के खिलाफ शिकायत कर सकता है।

सीसीआई के कार्य

  • प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते, एकाधिकार तथा ऐसे विलय/ अधिग्रहण जो प्रतिस्पर्धा को सीमित करते हैं कि जांच और नियमन करना
  • किसी भी कानून या सांविधिक अधिकार के तहत गठित प्राधिकरण/केन्द्र सरकार से प्राप्त संदर्भ के संबंध में प्रतिस्पर्धा मुद्दे पर अपनी राय देना
  • प्रतिस्पर्धा मुद्दों को प्रोत्साहन के साथ साथ जन जागरूकता और प्रशिक्षण प्रदान करना
  • केन्द्र सरकार अथवा कोई राज्य सरकार अथवा किसी भी कानून के तहत गठित प्राधिकरण जांच के लिए संदर्भ दे सकता है।
  • आयोग के द्वारा स्वंय अपनी जानकारी अथवा ज्ञान के आधार पर जांच शुरु की जा सकती है।
  • प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौते और दुरुपयोग के मामलों में आयोग निम्नलिखित आदेश पारित कर सकता है-
  1. प्रतिस्पर्धी विरोधी समझौते की जांच करके प्रभावित अंतरिम राहत प्रदान करना
  2. उद्यम के संबंध में सकल कारोबार का अधिकतम 10% जुर्माना
  3. कार्टेल के संबंध में कार्टेल से प्राप्त लाभ की तीन गुना राशि अथवा उद्यम के सकल कारोबार का दस प्रतिशत जुर्माना
  4. मुआवजा प्रदान करवाना
  5. समझौते में सुधार लाना
  6. यदि कोई उद्यम प्रभावशाली स्थिति का लाभ उठा रहा है तो केन्द्र सरकार को इसके विभाजन की संस्तुति करना।